Nalanda News: बिहार का नालंदा जिला, जहां कभी प्राचीन विश्वविद्यालय की घंटियां ज्ञान की ध्वनि बिखेरती थीं, आज फिर से एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है. जिला प्रशासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत यहां 39 प्रमुख पर्यटन स्थलों का कायाकल्प होने जा रहा है.
इसका उद्देश्य न केवल देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर भी पैदा करना है.
नालंदा में साल भर का पर्यटन सीजन
राजगीर के जू-सफारी, नेचर सफारी और देश के पहले ग्लास ब्रिज ने नालंदा की तस्वीर बदल दी है. पहले जहां यहां केवल कुछ महीनों तक ही पर्यटकों की भीड़ रहती थी, अब साल भर तांता लगा रहता है. पर्यटक सूचना केंद्र के प्रभारी संजय कुमार बताते हैं कि राजगीर में हर महीने औसतन चार लाख पर्यटक आते हैं, जिनमें दस हजार से अधिक विदेशी बौद्ध देशों—जापान, कोरिया, चीन, थाईलैंड, श्रीलंका और नेपाल—से आते हैं.
साल 2023 की पहली छमाही ही इस सफलता की गवाही देती है. जनवरी से जून तक नालंदा में 24 लाख से अधिक देशी और 57 हजार से ज्यादा विदेशी पर्यटक पहुंचे. विश्व शांति स्तूप अकेले रोज़ाना औसतन 5,000 लोगों को अपनी ओर खींच रहा है. रोप-वे प्रबंधक दीपक कुमार के मुताबिक सिर्फ स्तूप का ही दैनिक भ्रमण हजारों की संख्या में होता है.
स्थानीय समुदाय को मिला सहारा
पर्यटन के इस उभार का सबसे बड़ा लाभ स्थानीय आबादी को मिला है. राजगीर की करीब 75 प्रतिशत आबादी सीधे तौर पर पर्यटन उद्योग से जुड़ी है. होटल, धर्मशाला, तांगा, ई-रिक्शा और छोटे व्यवसायों ने हजारों परिवारों की रोजी-रोटी का जरिया बनकर स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई जान डाल दी है.
जिला प्रशासन ने पर्यटन स्थलों को उनकी क्षमता और महत्व के आधार पर तीन ग्रेडों में बांटा है. ए ग्रेड स्थल के तहत नालंदा खंडहर, विश्व शांति स्तूप, ग्लास ब्रिज, गृद्धकुट पर्वत और पावापुरी जलमंदिर जैसे 29 बड़े आकर्षण शामिल हैं.
बी ग्रेड स्थल में बड़गांव सूर्य मंदिर और सिद्धनाथ मंदिर जैसे छह स्थान रखे गए हैं. वहीं सी ग्रेड स्थल के अंतर्गत घोसरावां आशापुरी मंदिर और हिलसा सूर्य मंदिर जैसे चार स्थलों को शामिल किया गया है.
भीड़ के साथ बढ़ीं चुनौतियां
बढ़ती भीड़ के कारण राजगीर शहर अब छोटा पड़ने लगा है. पर्यटकों की संख्या के अनुपात में शहर की सुविधाएं अपर्याप्त हो रही हैं. इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने राजगीर के 15 किलोमीटर के दायरे में विकास का नया खाका तैयार किया है. इसमें सड़कों का चौड़ीकरण, पार्किंग व्यवस्था, नगर परिषद का विस्तार और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों को बढ़ावा देने की योजना शामिल है.
नालंदा प्रशासन का मानना है कि पर्यटन सिर्फ आकर्षण का केंद्र नहीं, बल्कि रोजगार और विकास की राह भी खोलता है. जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार के मुताबिक, “हम ऐसे स्थलों की पहचान कर रहे हैं, जिनका पर्यटन की दृष्टि से महत्व है. राजगीर में जो वृद्धि हुई है, उससे प्रेरणा लेकर पूरे जिले में पर्यटन का विस्तार किया जाएगा.
आधुनिक आकर्षणों के जुड़ने से यह जिला वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और मजबूत होगा. यहां आने वाले पर्यटकों को जहां इतिहास की झलक मिलेगी, वहीं आधुनिक रोमांच का भी अनुभव होगा.

