Bihar News: पटना डीएम के निर्देश पर दानापुर डीसीएलआर (Danapur DCLR )इष्टदेव महादेव के कार्यालय में पिछले दिनों छापेमारी की गयी. दानापुर एसडीओ प्रदीप सिंह ने छापेमारी की तो दानापुर डीसीएलआर के कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर सुजीत कुमार की अलमारी से एक लाख रुपये बरामद किये गये थे. मौके पर ऑपरेटर सुजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.यह राशि नौबतपुर के मठ की जमीन की दाखिल-खारिज करने के एवज में ली गयी थी, जबकि नौबतपुर के सीओ ने इस जमीन के दाखिल-खारिज के आवेदन को अस्वीकृत कर दिया था. किस तरह रिश्वत का खेल चलता था, इस पूरे प्रकरण में खुलकर सामने आया है.
दानापुर के डीसीएलआर कोर्ट ऑफिस की अलमारी से पैसे बरामद
दानापुर के डीसीएलआर कोर्ट ऑफिस के अलमारी से एक लाख रुपये बरामदगी के मामले में डीसीएलआर आइडी महादेव व कंप्यूटर ऑपरेटर सुजीत कुमार के खिलाफ दानापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. साथ ही सुजीत कुमार को जेल भेज दिया गया. गुरुवार को ही सुजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था. इस मामले में यह बात सामने आयी है कि डीसीएलआर के कहने पर कंप्यूटर ऑपरेटर सुजीत कुमार ने एक लाख रुपये रिश्वत लिया था और उसे अलमारी में रख दिया था. इन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. केस में जांच की जिम्मेवारी दानापुर एएसपी अभिनव धीमान को सौंपी गयी हैं. इसके अलावा डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने डीसीएलआर आइडी महादेव को निलंबित करने की अनुशंसा करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग को पत्रा भेजा है. इधर डीसीएलआर छुट्टी का आवेदन देकर चले गये हैं. जानकारी के अनुसार, इस मामले में संविदा पर नियुक्त सुजीत कुमार बर्खास्त कर दिया जायेगा. डीएम ने पत्र भेजने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि फिलहाल किसी को प्रभार नहीं दिया गया है.
दाखिल-खारिज वाद के निबटारा के लिए मांगे गये थे 1.75 लाख रुपये
दीघा-आशियाना रोड के फरहान इनक्लेव में रहने वाले शहजाद आलम ने पुलिस को दी गयी लिखित जानकारी में बताया है कि लंबित दाखिल-खारिज वाद के निबटारे के लिए 1.75 लाख रुपये मांगे गये थे. इसमें से एक लाख रुपये कंप्यूटर ऑपरेटर सुजीत कुमार ने डीसीएलआर आइडी महादेव के कहने पर लिये थे. उन्होंने बताया है कि डीसीएलआर के कोर्ट में दाखिल-खारिज का मामला चल रहा है. काफी लंबे समय से मुझे दौड़ाया जा रहा था. डीसीएलआर ने मुझे बुलाया और कहा कि 1.75 लाख रुपये की व्यवस्था करो, तो तुम्हारे पक्ष में ऑर्डर कर देंगे. उन्होंने बताया है कि मित्रों और परिचितों से उधार लेकर डीसीएलआर को एक लाख रुपये देने के लिए दोपहर करीब एक बजे डीसीएलआर के कक्ष में जाकर मिला. वहां मैंने कहा कि मैं गरीब हूं और किसी तरह एक लाख रुपये की व्यवस्था करके लाया हूं. इस पर डीसीएलआर ने सारे रुपये कंप्यूटर ऑपरेटर को देने को कहा.
पैसे लिए उसके बाद और बढ़ गयी डिमांड..
शिकायतकर्ता ने बताया कि एक लाख रुपये कंप्यूटर ऑपरेटर सुजीत कुमार को 17 सितंबर को दे दिये थे और सुजीत ने अपनी बगल स्थित अलमारी में रख दिये थे. रुपये देने के बाद ऑर्डर की कॉपी की मांग की, तो सुजीत और पैसे की मांग करने लगा और कहा कि ऑर्डर की कॉपी तभी मिलेगी, जब और पैसे देंगे. दानापुर के थानाध्यक्ष सम्राट दीपक ने बताया कि डीसीएलआर व कंप्यूटर ऑपरेटर सुजीत कुमार पर मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है. डीसीएलआर के खिलाफ पुलिस की जांच जारी है और मामला सत्य पाये जाने के बाद आवश्यक कार्रवाई करेगी. इधर, गिरफ्तार सुजीत से एएसपी अभिनव धीमान ने पूछताछ की और फिर उसे जेल भेज दिया गया. मालूम हो कि एक लाख रुपये दिये जाने की जानकारी शिकायतकर्ता ने पटना के डीएम को दे दी थी और फिर उनके निर्देश पर टीम ने गुरुवार को छापेमारी कर डीसीएलआर कार्यालय में अलमारी से एक लाख रुपये बरामद किये थे. साथ ही कंप्यूटर ऑपरेटर को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.
राशि नहीं देने पर दो कट्ठा जमीन की डिमांड
मनेर थाने के महाराज नगर गांव के भूषण राय ने दानापुर डीसीएलआर द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत डीएम से की थी. डीएम को दिये आवेदन में लिखा कि डीसीएलआर के कोर्ट में चल रहे एक मामले में पक्ष में आर्डर करने के लिए 20 लाख रुपये रिश्वत की मांग की गयी. पैसा नहीं देने पर चार कट्ठा में दो कट्ठा जमीन देने की मांग की गयी. 25 जनवरी, 2023 को ऑर्डर पर रखने के बाद रिश्वत नहीं देने पर विपक्षी पार्टी से रिश्वत लेकर उसके पक्ष में ऑर्डर कर दिया गया.
बोरिंग रोड में बुलाकर लिया जाता रिश्वत
दानापुर डीसीएलआर के कंप्यूटर ऑपरेटर सुजीत कुमार लोगों से बोरिंग रोड बुला कर कैफे हाइड आउट में रिश्वत लेते थे. डीसीएलआर कोर्ट में चल रहे विवाद के मामले में आवेदनकर्ता को बोरिंग रोड में बुला कर 10 लाख रुपये रिश्वत मांग की गयी. इसमें एक लाख अग्रिम राशि, चार लाख रुपये आदेश के वक्त व शेष पांच लाख रुपये आदेश के सर्टिफाइड कॉपी के साथ देने थे. कंप्यूटर ऑपरेटर सुजीत कुमार ने बुला कर कहा कि साहब का साला गाड़ी में बैठा है. एक लाख अग्रिम दे दें. अग्रिम राशि देने पर आदेश से पहले ही शेष राशि की मांग कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा किया जाने लगा. राशि नहीं देने पर विपक्षी के पक्ष में अधिक राशि लेकर ऑर्डर कर दिया गया.