जूही स्मिता,पटना: बिहार दिवस पर इस बार थर्ड जेंडर यानी की ट्रांसजेंडर का भी भरपूर सहयोग मिला है. जहां पहले विभागों की ओर से ही सिर्फ स्टॉल लगाये जाते रहे हैं वहीं पहली बार गरिमा गृह, व्यंजन मेले में स्टॉल और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दे रहे हैं. सभी ट्रांसजेंडर्स का कहना हैं कि इस तरह के मंच से उनका ना सिर्फ हौसला बढ़ता है बल्कि उन्हें कुछ अलग करने की इच्छा शक्ति भी आता है.
दोस्ताना सफर की संयजोक रेशमा प्रसाद ने बताया कि सरकार की ओर से लगातार ट्रांसजेंडर की आवाज सुनी जा रही हैं. यह प्रतीक है कि हम इस समाज का हिस्सा है और हमारा योगदान भी महत्वपूर्ण है. हमारे साथ इस बार अलग-अलग कार्यक्रम और स्टॉल्स में 40 से ज्यादा ट्रांसजेंडर्स ने अपना सहयोग दिया है.
गरिमा गृह समाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की एक पहल है, जो ट्रांसजेंडर्स व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 के प्रावधानों के तहत ट्रांसजेंडर के लिए उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए शॉर्ट स्टे होम बनाया गया है.
Also Read: Bihar Diwas 2022: जीविका ने बदल दी महिलाओं की जिंदगी, पटना में लगा कलाकारी का स्टॉल, जानकर रह जाएंगे दंगइस सेंटर में कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिये ट्रांडजेंडर्स अपनी अलग पहचना बना सकती हैं. इस स्टॉल के जरिये शहर में मौजूद ट्रांसजेंडर और आम लोगों की बीच स्माइल योजना का प्रसार-प्रचार किया जा रहा है. इसमें गरिमा गृह की ओर चलाये जा रहे विभिन्न अभियान के बारे में भी जानकारी दी जा रही हैं. इन दो दिनों दो ट्रांसजेंडर ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.
गरिमा गृह से जुड़े कुछ ट्रांसजेंडर्स की ओर से व्यंजन मेले में स्टॉल लगाया गया है. स्टॉल संख्या 22 में इनके द्वारा लोगों को चाट, गोलगप्पे और लस्सी बना कर दिया जा रहा हैं. पहली बार ऐसा हुआ हैं कि व्यंजन मेले में थर्ड जेंडर खाना सर्व कर रहे हैं. आद्रिका बताती हैं कि वे अभी दरोगा की तैयारी कर रही हैं. खाना बनाना पसंद हैं, यही वजह है कि जब उन्हें स्टॉल संभालने का मौका मिला तो उन्होंने इसे चैलेंज के तौर पर लिया और अपनी अन्य मित्रों के साथ इसे चला रही हैं. टिक्की बनाने से लेकर चाट सर्व करना हर काम ये खुद से कर रही हैं. सहयोग के लिए हेल्पर्स भी रखा है. वे आगे बताते हैं कि स्टॉल पर लोगों की काफी भीड़ रहती हैं. इनमें कुछ खाने के लिए आर्डर करते हैं तो कुछ कोतुहलता से हमें देखते रहते हैं.
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आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आयोजित नुक्कड़ नाटक में 11 ट्रांसजेंडर्स ने भाग लिया. उन्होंने धुम्रपान और शराब की लत से होने वाली बीमारियों के बारे में अवगत करवाया. प्रस्तुति देने वाली ट्रांसजेंडर्स ने बताया कि वे लगातार लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और नशे की लत से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को लेकर समय-समय पर नुक्कड़ नाटक का हिस्सा बनती रहती हैं.