पटना: इंटरमीडिएट या मैट्रिक की परीक्षा में उम्र छिपा कर परीक्षा देने वाला अकेला गणेश कुमार नहीं है, बल्कि सैकड़ों छात्र हैं. गणेश कुमार के उम्र छिपाने की असलियत सामने आने के बाद यह देखा गया है कि सैकड़ों परीक्षार्थी इस बार उम्र कम करके इंटर और मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हुए हैं. समिति […]
पटना: इंटरमीडिएट या मैट्रिक की परीक्षा में उम्र छिपा कर परीक्षा देने वाला अकेला गणेश कुमार नहीं है, बल्कि सैकड़ों छात्र हैं. गणेश कुमार के उम्र छिपाने की असलियत सामने आने के बाद यह देखा गया है कि सैकड़ों परीक्षार्थी इस बार उम्र कम करके इंटर और मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हुए हैं. समिति सूत्रों की मानें, तो इस बार करीब 5,643 परीक्षार्थी ऐसे हैं, जिनका फोटो देख कर अधिक उम्र का अनुमान लग रहा है. ऐसे परीक्षार्थियों को चिह्नित किया जा रहा है.
इस बार परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन थी. इसका फायदा स्कूल और कॉलेजों ने उठाया है. आवेदन ऑनलाइन भरने के कारण किसी तरह की कोई इंक्वायरी नहीं की गयी थी. काॅलेज और स्कूलवालों ने अपनी मरजी से, जिसे चाहा पैसे लेकर फाॅर्म भरवा दिया था. समिति ने नियम बनाया कि मैट्रिक और इंटर का जिनका रजिस्ट्रेशन होगा, उन्हें ही परीक्षा फाॅर्म भरने दिया जायेगा.
लेकिन कॉलेजाें के हंगामा करने के बाद शिक्षा विभाग के निर्देश पर सैकड़ाें ऐसे विद्यार्थियों को परीक्षा फाॅर्म भरने की अनुमति दी गयी, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था. पहली बार ऐसा हुआ जब रजिस्ट्रेशन की तिथि कई बार बढ़ायी गयी. इसका फायदा स्कूल और कॉलेजों ने खूब उठाया. ऐसे में बिना जांच किये सैकड़ों ऐसे छात्रों के आवेदन ले लिये गये, जिन्होंने अपनी उम्र छिपा कर फाॅर्म भरा.
वैशाली के दो स्कूलाेें में पकड़ा गया था मामला
इस बार मैट्रिक परीक्षा के दौरान केंद्रीय राजेश्वरी उच्च विद्यालय, हाजीपुर, उज्जवल कुमार मिश्रा उच्च विद्यालय, हाजीपुर से 70 ऐसे परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान पकड़ा गया था, जो उम्र छिपा कर मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हुए थे. समिति की नजर में आने के बाद इन परीक्षार्थियों की उम्र की जांच की गयी. जांच के बाद पता चला कि इन परीक्षार्थियों की उम्र 30 से 35 साल के बीच की है. इसके बाद इन सभी के रिजल्ट को समिति ने रोक दिया था.