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कथा बिहार आर्ट्स टॉपर गणेश की : झारखंड में सात साल चिट फंड कंपनी चलायी, फिर बिहार आकर बना टॉपर
रिंकू झा पटना : गद्य और पद्य में क्या अंतर है? उत्तर देने के बदले चुपचाप रहा. सुर-ताल में क्या फर्क है? जब हम जोर से और धीरे बोलते हैं, तो उसे ही सुर-ताल कहते हैं. यह जवाब इस बार के आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार का है, जबकि हिंदी में उसे 100 में 92 और […]
रिंकू झा
पटना : गद्य और पद्य में क्या अंतर है? उत्तर देने के बदले चुपचाप रहा. सुर-ताल में क्या फर्क है? जब हम जोर से और धीरे बोलते हैं, तो उसे ही सुर-ताल कहते हैं. यह जवाब इस बार के आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार का है, जबकि हिंदी में उसे 100 में 92 और संगीत में 100 में 83 अंक मिले हैं.
समिति सूत्रों की मानें, तो गणेश कुमार छह साल (2009 से 2014) तक झारखंड के गिरिडीह के सरिया में चिट-फंड कंपनी चलाता था. इस बीच चिट-फंड कंपनी में घाटा होने के बाद गणेश कुमार अपना शहर छोड़ कर समस्तीपुर आ गया. फिर इसकी दूसरी कहानी शुरू हुई. समस्तीपुर में काम की तलाश की.
इसके बाद ट्यूशन करना शुरू किया. फिर पढ़ाई करने की सोची. उसने संजय गांधी हाइस्कूल, लक्षमिनिया, शिवाजीनगर से मैट्रिक की परीक्षा पास की. इसके बाद रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक इंटर काॅलेज, चकहबीव से इंटर की परीक्षा दी. इस कॉलेज को इंटर की परीक्षा के लिए इसलिए चुना कि उसे क्लास नहीं करना पड़े.
बिना प्रैक्टिकल में शामिल हुए मिल गये 83 अंक
टॉपर गणेश कुमार को संगीत की जानकारी हो या न हो, लेकिन उसे कॉलेज ने दोनों हाथों से अंक दिये. 100 अंक के संगीत में उसे 83 अंक मिले हैं. प्रैक्टिकल में 65 अंक और थ्योरी में 18 अंक प्राप्त हुए हैं, जबकि संगीत का एबीसी भी गणेश कुमार को नहीं आता है.
पांच विषयाें में डिस्टिंग्शन
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मानें तो इस बार सारे टॉपर की उत्तर पुस्तिका की पूरी जांच हुई थी. गणेश की उत्तर पुस्तिका में उत्तर लिखने में कोई कमी नहीं है. सारे उत्तर सही से लिखे गये हैं. समिति से मिली जानकारी के अनुसार गणेश के सारे विषयों में अंक सही हैं. उसकी मेरिट में कोई दिक्कत नहीं है. गणेश कुमार को हिंदी, एनआरबी, संगीत, इतिहास और समाजशास्र में डिस्ट्रिंग्शन अंक प्राप्त हुए हैं. हिंदी में 92, एनआरबी में 78, म्यूजिक में 83, इतिहास में 80 और समाजशास्त्र में 80 अंक आये हैं. लेकिन, मनोविज्ञान में गणेश कुमार को सिर्फ 59 अंक आये हैं. मनोविज्ञान की थ्योरी में सिर्फ पास मार्क्स 33 में 33 आये हैं. वहीं 67 अंक के प्रैक्टिकल में उसे 26 अंक प्राप्त हुए हैं.
– बिना क्लास किये ही आ गये इतने अंक
गणेश कुमार जिसरामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक इंटर काॅलेज, चकहबीव में नामांकन लिया, वह तीन कमरों में चलता है. उस कॉलेज में न तो क्लास होती है और न ही पढ़ाई ही ढंग से होती है. सूत्रों की मानें, तो गणेश कुमार ने कभी क्लास भी नहीं की. बस नामांकन करवाया और पढ़ाई करता रहा. बिना कॉलेज में पढ़ाई किये और टीचर्स के संपर्क में रहे गणेश कुमार टॉपर बन गया है.
दो दिन गायब रहा गणेश कुमार
रिजल्ट निकलने के बाद जब टाॅपर गणेश कुमार से संपर्क किया गया, तो गणेश कुमार ट्रेस नहीं हुआ. समिति कार्यालय ने तमाम टॉपर के मोबाइल नंबर टॉपर सूची के साथ दिये थे.
लेकिन, गणेश कुमार ने आवेदन भरने के समय अपना मोबाइल नंबर नहीं दिया था. इस कारण समिति ने इसका नंबर उपलब्ध नहीं करवाया. लेकिन, जब कॉलेज जाकर गणेश कुमार को खोजा गया, तो वह गायब था. दो दिन बाद गुरुवार को गणेश कुमार जब मिला, तो उससे बात की गयी. बातचीत में प्रश्नों का जवाब गणेश नहीं दे पाया.
वर्ष 2013 में मिली काॅलेज को स्वीकृति
समस्तीपुर के तत्कालीन डीइओ जयचंद श्रीवास्तव के कार्यकाल में इस काॅलेज को बिहार बोर्ड से मान्यता मिली थी. उस वक्त काॅलेज चेयरमैन प्रो राजमणि सिंह हुआ करते थे. काॅलेज की वर्तमान व्यवस्था देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि चार वर्ष पहले इसकी क्या स्थिति रही होगी और किन परिस्थितियों में जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर बोर्ड के अधिकारियों ने इस काॅलेज को स्वीकृति दी होगी.
कॉलेज के संस्थापक सचिव जवाहर प्रसाद सिंह ने कहा कि टाॅपर छात्र ने स्वयं उपस्थित होकर मीडियाकर्मियों के समक्ष उनके प्रश्नों का उत्तर दिया है. अनावश्यक रूप से इसे तूल दिया जा रहा है.
बच्चे की बात को सीधे-सीधे न रख कर मीडिया वाले अपने मुताबिक उसे परोस रहे हैं. वहीं, समस्तीपुर के डीइओ बीके ओझा ने कहा कि अब तक इस संबंध में किसी तरह की विभागीय सूचना नहीं है. आदेश केअनुरूप कदम उठाया जायेगा.
गणेश मेरिट के आधार पर टॉपर : शिक्षा मंत्री
पटना. इंटर आर्ट्स के टॉपर गणेश कुमार की योग्यता पर उठे सवाल को शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने सिरे से खारिज किया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि किसी प्रकार का टॉपर स्कैम नहीं हुआ है. जिन बच्चों ने टॉप किया है या परीक्षा पास की है, वे सभी अपने मेरिट के हिसाब से टॉप या पास हुए हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने टॉपर की कॉपियों और अंकों को दोबारा देख कर ही उनके नामों का एलान किया है.
उन्होंने कहा जिस विषय (संगीत) को आधार मान कर आर्ट्स टॉपर गणेश की योग्यता तय की जा रही है, उस विषय का प्रैक्टिकल भी होता है और होम सेंटर में ही उस स्कूल से ही नंबर दिये जाते हैं, जहां का वह छात्र है. इसकी जांच की जायेगी. अगर जांच में गड़बड़ी पायी गयी, तो उस पर कार्रवाई भी की जायेगी.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आइएएस आनंद किशोर ने भी गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गणेश कुमार पर कोई शक नहीं है. गणेश कुमार ने काफी अच्छा लिखा है. उनकी उत्तर पुस्तिका में सारे प्रश्नों के उत्तर सही हैं. गणेश कुमार काफी होनहार छात्र है और उनके प्रतिभा काे लेकर समिति कार्यालय को पूरी तरह से आश्वस्त है. उन्होंने कहा कि जहां तक संगीत विषय के प्रैक्टिकल के अंक की बात है, तो प्रैक्टिकल परीक्षा समिति नहीं लेती है. वह से काॅलेज और स्कूल स्तर पर ली जाती है. इसमें समिति की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि आगे भविष्य में प्रैक्टिकल परीक्षा कॉलेज स्तर पर ली जाये या नहीं, इसके लिए नीतिगत फैसला लिया जायेगा.
1317 कॉलेज में यह कॉलेज भी शामिल
गणेश कुमार संजय गांधी हाइस्कूल, लक्षमिनिया, शिवजीनगर, समस्तीपुर कॉलेज का छात्र है, उस कॉलेज की पूरी जांच समिति कार्यालय द्वारा करवायी जायेगी. हाल में समिति ने 1317 कॉलेजों की जांच का आदेश दिया है, उनमें यह काॅलेज भी शामिल है. जांच पूरी होने के बाद प्रक्रिया के तहत इस काॅलेज की मान्यता समाप्त की जायेगी.
प्रतियोगी परीक्षार्थी के स्क्रूटनी का आवेदन समिति कार्यालय में
स्क्रूटनी के लिए तीन से 12 जून तक आवेदन परीक्षार्थी क्षेत्रीय कार्यालय में और आॅनलाइन समिति की वेबसाइट पर परीक्षार्थी सकते हैं. ऐसे प्रतियोगी परीक्षार्थी, जिनका रिजल्ट खराब हो गया है, उनके लिए समिति कार्यालय में ही काउंटर बनाया जायेगा. इसमें जेइइ मेन, नीट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षार्थी आवेदन दे सकते हैं.
प्रभारी प्राचार्य को राज्यपाल व उपराष्ट्रपति के नाम नहीं पता
‘प्रभात खबर’ की टीम ने जब कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य अरुणेंद्र कुमार, जिन्होंने बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर से एम कॉम की डिग्री हासिल की है, से जब बिहार के राज्यपाल का नाम पूछा गया, तो उन्होंने बताने में असमर्थता जता दी, वहीं उपराष्ट्रपति का नाम हामिद करजई बता दिया.
कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन नहीं, होगी स्क्रूटनी
पटना : शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों के आवेदन के बाद इंटरमीडिएट की कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन नहीं, बल्कि उनकी स्क्रूटनी की जायेगी. जिन छात्रों को लगे कि किसी विषय में उन्हें कम अंक मिले हैं, तो वे उस विषय की कॉपी की स्क्रूटनी करवा सकते हैं. इसमें देखा जायेगा कि कॉपी में जो नंबर दिये गये हैं, उन्हें जोड़ने के बाद प्राप्तांक गलत तो नहीं है? साथ ही स्क्रूटनी में यह भी ध्यान दिया जायेगा कि जिस विषय में जो अंक दिये गये हैं, वे उस विषय के ही हैं या फिर दूसरे विषय के तो नहीं हैं.
स्क्रूटनी जेइइ की काउंसेलिंग से पहले : शिक्षा मंत्री ने कहा कि वैसे छात्र, जिनका चयन आइआइटी जेइइ में हुआ है, लेकिन वे कुछ अंकों से फेल हो गये हैं, उनकी कॉपियों की स्क्रूटनी कर जल्द की जायेगी और जून के तीसरे सप्ताह तक हर हाल में परिणाम बता दिया जायेगा.
स्कूटनी के लिए आवेदन कल से
पटना : इंटर की कॉपियों की स्क्रूटनी के लिए तीन से 12 जून तक बिहार बोर्ड आवेदन लेगा. परीक्षार्थी बिहार बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों में आवेदन ऑफलाइन जमा कर सकते हैं. साथ ही वे ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए प्रति विषय Rs 120 देने होंगे.
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