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जीएसटी में लापरवाही बरतने वाले अफसरों का होगा तबादला

सख्ती. वाणिज्य कर मंत्री बिजेंन्द्र प्रसाद यादव ने कहा वाणिज्य कर संग्रह और जीएसटी में बेहतर कार्य करने वाले 51 अधिकारियों को मिला सम्मान पटना : वाणिज्य कर मंत्री बिजेंन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि टैक्स संग्रह और जीएसटी को लागू करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करें. ऐसे अधिकारियों को चिह्नित करके […]

सख्ती. वाणिज्य कर मंत्री बिजेंन्द्र प्रसाद यादव ने कहा
वाणिज्य कर संग्रह और जीएसटी में बेहतर कार्य करने वाले 51 अधिकारियों को मिला सम्मान
पटना : वाणिज्य कर मंत्री बिजेंन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि टैक्स संग्रह और जीएसटी को लागू करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करें. ऐसे अधिकारियों को चिह्नित करके इनका तबादला जून महीने में किया जाये. ऐसा करने के लिए उन्होंने विभागीय प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी को आदेश दिया. विभागीय मंत्री गुरुवार को विकास भवन सचिवालय स्थित उद्योग विभाग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
इस दौरान वाणिज्य कर मंत्री ने टैक्स कलेक्शन, लक्ष्य के विरुद्ध टैक्स प्राप्ति, सर्वे और जीएसटी के क्रियान्वयन में श्रेष्ठ कार्य करने वाले 51 अधिकारियों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया. सम्मान पाने वालों में अधिकतर वाणिज्य कर संयुक्त आयुक्त, उपायुक्त और सहायक आयुक्त रैंक के अधिकारी शामिल हैं. इस कार्यक्रम के दौरान जब विभागीय मंत्री ने वाणिज्य कर के क्षेत्रवार कार्य की समीक्षा शुरू की, तो मधेपुरा की स्थिति खराब पायी गयी. इस पर मंत्री ने स्थिति सुधारने के लिए वहां के संबंधित अधिकारी को सख्त हिदायत दी. साथ ही प्रधान सचिव से कहा कि इस तरह के लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करें. दूसरी तरफ बेहतरीन कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मियों को सम्मानित भी करें.
मंत्री ने कहा कि इस बार नोटबंदी के कारण यह डर लग रहा था कि राजस्व के संग्रह में कमी आयेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बीते वित्तीय वर्ष में 22 करोड़ के लक्ष्य में 18 हजार 751 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ है, लेकिन नोटबंदी और शराबबंदी लागू होने के बाद से इस लक्ष्य से काफी कम राजस्व के संग्रह का अनुमान लगाया जा रहा था. उन्होंने कहा कि जीएसटी को समय पर लागू करने के लिए विभागीय अधिकारी तमाम तैयारी कर लें. इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरतें. डीलरों या व्यवसायियों को इससे जोड़ने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलायें.
महज 19 हजार व्यापारियों ने कराया निबंधन
पूरे देश में 1 जुलाई से लागू होने जा रहे जीएसटी के पहले सभी विभागों को इसे लेकर तैयारी करनी है.इसमें सालाना 20 लाख का टर्न-ओवर करने वाले व्यवसायियों को निबंधन कराने की जरूरत नहीं है. राज्य में दो लाख 28 हजार 812 डीलर हैं, जिसमें महज 18 हजार 953 डीलरों ने ही डिजिटल हस्ताक्षर बनवाकर अपना निबंधन जीएसटी में करवाया है. शेष डीलरों को इससे जोड़ने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है.
इसमें यह बात भी सामने आ रही है कि बड़ी संख्या में ऐसे डीलर भी हैं, जिन्होंने दो से ज्यादा वैट नंबर ले रखा है. ऐसे डीलरों का निबंधन रद्द किया जायेगा. अब तक 53 हजार डीलर ऐसे सामने आये हैं, जिनकी पहचान गलत पायी गयी है. ये लोग फर्जी पहचान के आधार पर वैट में निबंधन करवा रखा था. इसके अलावा 70 हजार डीलर ऐसे भी हैं, जिनका आइडी आ गया है, लेकिन इसे डीलर अपने स्तर पर सक्रिय नहीं कर रहे हैं. ऐसे डीलरों को एसएमएस के जरिये ऐसा करने के लिए कहा गया है. 24 हजार डीलरों ने निबंधन के लिए इच्छा जतायी है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है.
अब वाणिज्य कर विभाग के काम होंगे ऑनलाइन
वाणिज्य कर विभाग में सभी दस्तावेजों और फाइलों के परिचालन, संग्रहण और अन्य सभी क्रिया-कलापों के लिए एक विशेष ऑनलाइन ‘डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम’ लागू की गयी है. इसके लिए एक विशेष वेबसाइट तैयार की गयी है. इससे अब तक वाणिज्य कर विभाग के 85 कार्यालयों में 33 जुड़ गये हैं.
जल्द ही सभी कार्यालय भी जुड़ जायेंगे. विभागीय प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने कहा कि कार्यालयों में फाइलों का अंबार नहीं दिखना चाहिए. तमाम दस्तावेजों को इस वेबसाइट पर अपलोड करें. सारे विभागीय कार्य ऑनलाइन ही किये जायेंगे. जल्द ही यह व्यवस्था पूरी तरह से कार्य करने लगेगी.

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