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सीवान, जमुई सहित पांच जिलों में बने जनस्वास्थ्य लेबोरेटरी

पटना : केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार से सीवान, मोतिहारी, जमुई, रोहतास और पूर्णिया में जिला जनस्वास्थ्य लेबोरेटरी की स्थापना करने को कहा है. राज्य में महामारी नियंत्रण के लिए इंटीग्रेटेड डिजिज सर्विलेंस प्रोग्राम की जांच करने पहुंची केंद्रीय स्वास्थ्य टीम ने दरभंगा और नालंदा जिला के विभिन्न अस्पतालों के निरीक्षण के बाद राज्य स्वास्थ्य […]

पटना : केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार से सीवान, मोतिहारी, जमुई, रोहतास और पूर्णिया में जिला जनस्वास्थ्य लेबोरेटरी की स्थापना करने को कहा है. राज्य में महामारी नियंत्रण के लिए इंटीग्रेटेड डिजिज सर्विलेंस प्रोग्राम की जांच करने पहुंची केंद्रीय स्वास्थ्य टीम ने दरभंगा और नालंदा जिला के विभिन्न अस्पतालों के निरीक्षण के बाद राज्य स्वास्थ्य समितिके कार्यपालक निदेशक को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में लैब स्थापित करने व कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की है.
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक शशिभूषण कुमार ने बताया कि टीम की अनुशंसा है कि महामारी नियंत्रण के लिए मानव संसाधन को बढ़ाया जाये. इसमें 21 इपिडेमियोलॉजिस्ट की नियुक्ति करने, 14 डाटा मैनेजर की नियुक्ति करने, 21 डाटा ऑपरेटर की नियुक्ति करने, एक इनटॉमोलॉजिस्ट, एक कंसल्टेंट वित्त, एक कंसल्टेंट ट्रेनिंग की नियुक्ति की अनुशंसा प्राप्त हैं. इन पदों पर नियुक्ति के लिए समिति द्वारा जल्द ही प्रयास किया जायेगा. इसके अलावा केंद्रीय टीम ने पांच जिलों में जिला जनस्वास्थ्य लेबोरेटरी स्थापित करने की अनुशंसा की है.
केंद्रीय टीम की अनुशंसा है कि मानव बल नियुक्त होने और लेबोरेटरी चालू होने के बाद कहीं से भी किसी तरह की जनस्वास्थ्य समस्या होने उसकी अविलंब जांच होने के बाद कार्रवाई की जा सकेगी. राज्य में पशुओं और पक्षियों की बड़ी संख्या में मृत्यु होने के बाद उनकी जांच करानी होती है.
जिससे कि किसी तरह की महामारी की आशंका को रोका जा सके. साथ ही डायरिया, जांडिस जैसे संक्रामक रोग के फैलने पर जांच के लिए मानव संसाधन की कमी के कारण काम करने में विलंब होता है. इसके साथ ही जांच के लिए किसी भी नमूने को मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजना पड़ता है. पंचायत स्तर पर आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा जबकि स्वास्थ्य उप केंद्रों पर तैनात एएनएम द्वारा महामारी फैलने पर सरकार को रिपोर्ट भेजी जाती है.
पांच जिलों में लेबोरेटरी के स्थापित होने के बाद जल्द ही जांच की रिपोर्ट मिल जायेगी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत इन कार्यों को किया जाना है. इसमें केंद्र सरकार 60 फीसदी जबकि राज्य सरकार 40 फीसदी धनराशि उपलब्ध कराती है.

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