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तीन बहनों का अकेला भाई था राजीव, मौत की खबर सुन चालक लगा थरथराने, सांसद खुद गाड़ी चला पहुंचे पटना

पटना : अपने इकलौते बेटे व बैंक मैनेजर राजीव सिंह की मौत की खबर मिलते ही लोजपा सांसद रामा सिंह की हालत खराब हो गयी और उनके चालक थरथराने लगा. जिस समय यह दुखभरी घटना की सूचना मिली, उस समय रामा सिंह बोकारो में थे. चालक से सही से गाड़ी नहीं चलने के बाद उन्होंने […]

पटना : अपने इकलौते बेटे व बैंक मैनेजर राजीव सिंह की मौत की खबर मिलते ही लोजपा सांसद रामा सिंह की हालत खराब हो गयी और उनके चालक थरथराने लगा. जिस समय यह दुखभरी घटना की सूचना मिली, उस समय रामा सिंह बोकारो में थे. चालक से सही से गाड़ी नहीं चलने के बाद उन्होंने खुद ही गाड़ी की स्टियरिंग थामी और फिर अपने दिल को किसी तरह काबू में कर खुद ही गाड़ी चलाते हुए पटना के राजीव नगर में स्थित आवास पर पहुंचे.

घटना की जानकारी मिलने पर उनके समर्थक व परिवार के तमाम लोग आवास पर शाम से ही पहुंचे हुए थे. लोग रामा सिंह के आने का इंतजार कर रहे थे. पूरे घर में पहले से सन्नाटा पसरा था और क्रंदन की आवाज आ रही थी. रामा सिंह के पहुंचते ही मामला पूरी तरह गमगीन हो गया. रास्ते भर रामा सिंह ने अपने आप को किसी तरह समझा कर रोके रखा, लेकिन घर पहुंचते ही उनकी आंखों से भी आंसू की धारा निकल पड़ी. लोग उन्हें ढ़ाढ़स बंधाते रहे. राजीव चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर था. सबसे बड़ी बहन ऋचा है और दो बहन संगीता व श्वेता है.

गाड़ी ड्राइव करने का शौकीन था राजीव : राजीव को गाड़ी ड्राइव करने का शौक था. वहां मौजूद लोगों का कहना था कि वह हमेशा अपनी होंडा सिटी कार से ही हिमाचल प्रदेश से पटना आता था और फिर उसी कार से वापस लौट जाता था. वह दो दिन पहले ही पटना आया था और फिर शनिवार की सुबह वह हिमाचल जाने के लिए निकला था, ताकि वह सोमवार को अपनी ड्यूटी ज्वायन कर सके. उसने अपने एक परिचित को भी साथ चलने को कहा था लेकिन उसकी तबीयत ठीक नहीं थी, जिसके कारण वह नहीं जा सका. उसकी शादी पिछले साल ही हुई थी और पत्नी भी पटना में ही थी. वह अकेले ही हिमाचल जाने के लिए निकला और सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गयी. वहां की पुलिस से परिजनों को घटना की जानकारी मिली.
बीते साल ही हुई थी राजीव की शादी
राजीव प्रताप के घर में दुलार का नाम राहुल था. सांसद रामा सिंह और मां वीणा देवी अपने जिंदगी के बुरे दिनों में राजीव को अपनों से दूर रखा था. यही कारण था कि राजीव अपने पिता के स्वभाव से भिन्न था. सांसद भी नहीं चाहते थे कि उनका पुत्र उनके रास्ते पर चले. राजीव अपने बूते पर पढ़ाई में ध्यान दिया और राजनीति को दर किनार किया. केनरा बैंक में पीओ की नौकरी मिलने के पहले राजीव पटना में चलने वाले अपने स्कूल में मां का सहयोग करता था. केनरा बैंक में पीओ की नौकरी लगने के बाद उसने पिता के दबाव के बावजूद बिहार कैडर में स्थानांतरण का प्रयास नहीं किया और हिमाचल प्रदेश को अच्छा मानते हुए उसने योगदान दिया. बीते साल राजीव की शादी बड़े धूमधाम से की गयी थी. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत अनेक राजनीतिक हस्तियों ने शिरकत की थी. भाई की शादी में बहन ऋचा, संगीता और स्वेता ने काफी धूम मचायी थी. शादी के एक साल पूरा होने पर वह हिमाचल से पटना आया था. राजीव की आदत में लांग ड्राइव शुमार थी. माता-पिता के कहने के बाद भी वह चालक पर भरोसा नहीं करता था. जिस होंडा कार से दुर्घटना हुई, उसे उसने अपनी कमाई से हिमाचल प्रदेश में ही खरीदा था. शनिवार की अहले सुबह पटना से चलने के बाद वह कुछ देर के लिए बनारस में रुका था. बनारस से निकलने के दौरान इलाहाबाद बनारस हाइवे पर सोराव थाना क्षेत्र में बनकट गांव के पास ओवरटेकिंग के दौरान एक ट्रक से टकरा गयी और उसकी कार ओवरब्रिज से निचे जा गिरी.

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