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स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए सभी जिलों में गठित होगा कोषांग
पहल. डीएम की अध्यक्षता में गठित होगा आठ सदस्यीय कोषांग पटना : बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की मॉनीटरिंग के लिए सभी जिलों में कोषांग का गठन किया जायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने सभी जिलों के जिला पदाधिकारी को निर्देश जारी कर दिया है. डीएम उस कोषांग के अध्यक्ष होंगे. […]
पहल. डीएम की अध्यक्षता में गठित होगा आठ सदस्यीय कोषांग
पटना : बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की मॉनीटरिंग के लिए सभी जिलों में कोषांग का गठन किया जायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने सभी जिलों के जिला पदाधिकारी को निर्देश जारी कर दिया है. डीएम उस कोषांग के अध्यक्ष होंगे. वहीं, उपविकास आयुक्त उपाध्यक्ष होंगे, जिला शिक्षा पदाधिकारी संयोजक और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना व लेखा) कोषांग के सचिव होंगे. इनके अलावा इसमें चार सदस्य भी होंगे.
इस कोषांग की बैठक डीएम की अध्यक्षता में महीने में दो बार होगी. इसमें स्टूडेंट क्रेडिट कार्य योजना की मॉनीटरिंग की जायेगी कि इसका प्रचार-प्रसार ठीक तरह से हो रहा है या नहीं, परामर्श केंद्र पर आवेदनों के निष्पादन की क्या स्थिति है, बैंकों को भेजे गये आवेदनों की स्थिति की जानकारी ली जायेगी. साथ ही बैंक को भेजे गये आवेदनों को जिला स्तरी बैंकर्स कमेटी की बैठक में नियमित रूप से इसके निष्पादन, कितने को बैंक से क्रेडिट कार्ड मिला और कितने को ऋण की राशि भी दे दी गयी इसकी गहन समीक्षा की जायेगी. यह कोषांग स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लिए आये आवेदनों को ऋण मिलने में किसी प्रकार की समस्या न हो, इस पर विशेष ध्यान देगा और तत्काल उसका निराकरण करायेगा.
इसके अलावा जिला स्तर पर योजनाओं में आ रही किसी प्रकार की समस्या का समाधान कोषांग की बैठक में ही किये जायें. शिक्षा सचिव ने निर्देश दिया है कि यह कोषांग जिले के शैक्षिक संस्थानों का लिस्ट भी तैयार करे वहां स्टूडेंट क्रेडिट कार्य योजना का प्रचार-प्रसार किया जाये और आवेदकों का रजिस्ट्रेशन कराया जाये.
जिला स्तरीय कोषांग का स्वरूप
अध्यक्ष : जिला पदाधिकारी
उपाध्यक्ष : उप विकास आयुक्त
संयोजक : जिला शिक्षा पदाधिकारी
सचिव : जिला कार्यक्रम पदाधिकारी
सदस्य : जिला पंचायती राज पदाधिकारी
सदस्य : जिला सूचना व जन संपर्क पदाधिकारी
सदस्य : लीड बैंक प्रबंधक
प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर राज्य के सरकारी स्कूल के बच्चे भी हाइटेक होंगे. सरकारी स्कूल के बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के साथ-साथ टैबलेट के सहारे भी पढ़ाया जायेगा. राज्य सरकार इसकी तैयारी कर रही है और इसके लिए एक निजी कंपनी से बात भी चल रही है. इस पर सहमति बनी तो गरमी की छुट्टी के बाद इसे लागू किया जा सकेगा. यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ जगहों पर शुरू हो सकती है और उसकी सफलता के बाद उसे सभी जगहों पर लागू किया जा सकता है. शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो प्रारंभिक स्कूलों में टैबलेट के सहारे पढ़ाने की शुरुआत करने की तैयारी की जा रही है.
इस टैबलेट में बच्चों की किताबें भी अपलोड होंगी. यह टैबलेट इंटरनेट के साथ होगा और बच्चों को जिन विषयों पर रुचि होगी या जो उनके सवाल होंगे, उसका भी समाधान किया जायेगा. इससे गांव के बच्चे अत्याधुनिक शिक्षा प्रणाली से भी जुड़ जायेंगे. सूत्रों ने बताया कि विभाग पहले हाइ-प्लस टू स्कूलों के बच्चों को टैब देकर पढ़ाने की योजना बना रहा था, लेकिन इस दिशा में कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी. विभाग ने तय किया कि प्रारंभिक स्तर पर ही बच्चों के बेसिक को ठीक किया जाये, ताकि वे हाइ-प्लस टू आते-आते मजबूत हो सकें.
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