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अब पड़ोसी राज्यों में भी भाग कर नहीं बच पायेंगे अपराधी

राज्य के बॉर्डर पर संयुक्त ऑपरेशन चलाने की बनी रणनीति पूर्वी क्षेत्र पुलिस समन्वय समिति की बैठक में जुटे बिहार, झारखंड, ओडिशा व प बंगाल के पुलिस प्रमुख पटना : बिहार में किसी तरह की आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर अपराधी बचने के लिए पड़ोसी राज्य में भाग जाते हैं. नक्सलियों को भी राज्यों की […]

राज्य के बॉर्डर पर संयुक्त ऑपरेशन चलाने की बनी रणनीति
पूर्वी क्षेत्र पुलिस समन्वय समिति की बैठक में जुटे बिहार, झारखंड, ओडिशा व प बंगाल के पुलिस प्रमुख
पटना : बिहार में किसी तरह की आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर अपराधी बचने के लिए पड़ोसी राज्य में भाग जाते हैं. नक्सलियों को भी राज्यों की सीमाओं का फायदा उठाकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में आसानी होती है.
इसके अलावा शराब, मादक पदार्थों और जाली नोटों की तस्करी जैसी अन्य समस्याओं का ठोस समाधान निकालने और इन्हें रोकने के लिए ‘पूर्वी क्षेत्र पुलिस समन्वय समिति’ की पहली बैठक शनिवार को बिहार डीजीपी पीके ठाकुर की अध्यक्षता में शहर के आइपीएस मेस में हुई. इस बैठक में झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के डीजीपी के अलावा अन्य वरीय पुलिस अधिकारी शामिल हुए. साथ ही सीआरपीएफ, एसएसबी, आइबी व सीआइएसएफ के जोनल आइजी भी इसमें शरीक हुए.
इस विशेष बैठक में अपराधियों को दबोचने और तमाम आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए सभी अधिकारियों ने मिलकर ‘लाइन ऑफ एक्शन’ तैयार किया गया. अब अपराधी बचने के लिए राज्यों की सीमा का फायदा नहीं उठा पायेंगे. पड़ोसी राज्यों की पुलिस साथ मिलकर एक पुलिस की तरह कार्रवाई करेगी.
बिहार में अपराध कर भाग जाते हैं पड़ोसी राज्य : पिछले दिनों राज्य में बैंक डकैती, सोना लूट की कई घटनाएं हुईं हैं. इन घटनाओं को अंजाम देने के बाद अपराधी पड़ोसी राज्य चले जाते हैं. हाल में बांका में हुई एक बैंक डकैती का सरगना ओडिशा से गिरफ्तार हुआ.
इसी तरह बिहार के अपराधी भी आस-पास राज्यों में जाकर अपराध को अंजाम देते हैं. ऐसे सभी अपराधियों को पकड़ने के लिए सभी राज्य मिलकर कार्रवाई करेंगे. इस तरह की घटनाओं और इसमें शामिल अपराधियों की जानकारी आपस में आदान-प्रदान की जायेगी व इन्हें दबोचा जायेगा. ऐसी किसी घटना पर सभी राज्य काम करेंगे. इसी तरह नक्सली गतिविधियों पर भी अंकुश लगाने में सभी राज्यों की टीम संयुक्त रूप से कार्रवाई करेगी.
ये अधिकारी हुए शामिल
झारखंड डीजीपी डीके पांडेय व एडीजी अनुराग गुप्ता समेत अन्य तथा ओडिशा डीजीपी केबी सिंह व दो अन्य अधिकारी आये थे. प बंगाल के डीजीपी नहीं आये थे, उनके प्रतिनिधि के रूप में एडीजी एसएम गुप्ता आये थे.
बिहार की तरफ से डीजीपी के अलावा एडीजी (विधि-व्यवस्था) आलोक राज, एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल, आइजी (इओयू) जितेंद्र सिंह गंगवार, आइजी (ऑपरेशन) कुंदन कृष्णन समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे. सीआरपीएफ जोनल आइजी एमएस भाटिया के अलावा एसएसबी आइजी एके सिंह समेत अन्य मौजूद थे.
बिहार के डीजीपी ने राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी में सहयोग करने का मामला उठाया, जिसका समर्थन सभी पड़ोसी राज्यों की पुलिस प्रमुखों ने किया. डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि शराबबंदी की घोषणा के बाद पड़ोसी राज्यों खासकर झारखंड की सीमा से सटे इलाकों में बड़ी संख्या में शराब की दुकानें खुल गयी हैं.
इन दुकानों को बंद करके सीमा से कम से कम पांच किमी दूर खोली जाये. इस पर अन्य राज्यों ने सहमति जतायी. इसके अलावा बिहार में बड़े स्तर पर हो रही शराब की तस्करी को रोकने के लिए सीमा पर चेकिंग सख्त करने और हर तरह से सहयोग करने का आश्वासन भी पड़ोसी राज्यों से मिला.
ओडिशा से गांजा और बंगाल से नकली नोट तस्करी बड़ी समस्या
पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद मादक पदार्थों की तस्करी बड़ी समस्या बनती जा रही है. ओडिशा से गांजा की तस्करी तेजी से बढ़ती जा रही है. शराबबंदी के एक साल के दौरान गांजे की बड़ी जब्ती में 10 ट्रक से ज्यादा जब्त किये जा चुके हैं, जिसमें नौ ट्रक ओडिशा से ही आ रहे थे.
गांजा तस्करी पर नकेल कसने के लिए ओडिशा के साथ खासतौर से चर्चा हुई. ओडिशा ने कहा कि वह तस्करी के तमाम संभावित ठिकानों पर जल्द ही व्यापक कार्रवाई करेगा. इसमें वह बिहार के इंटेलिजेंस से भी सहयोग लेगा. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के मालदा से जाली नोट और सोना की तस्करी बड़े स्तर पर होती है.

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