अमरेंद्र कुमार ने बताया कि जिले के विभिन्न अंचलों और मौजों में जिला बोर्ड के नाम से भू राजस्व पंजी, खतियान, सर्वे अभिलेख के आधार पर तैयार किये जाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसे एक महीने की समय सीमा के भीतर पूरा किया जाना है.
इसमें अंचल, मौजा, राजस्व थाना, खातेधारी का नाम, खाता संख्या, खेसरा संख्या, किस्म, रकबा के साथ अन्य नोट्स भी देना है. सीओ को अपने अपने अंचल के सभी मौजों से संबंधित जिला बोर्ड, डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के नाम से जमीन का विवरण तैयार कर अपने सत्यापन के साथ सात दिनों अंदर सूचित करें. जिला पर्षद अध्यक्ष अंजू देवी ने बताया कि जिला पर्षद की संपत्ति पर कई जगहों पर विवाद है. प्रशासन की उदासीनता की वजह से संपत्ति खैरात बनी हुई है. जब उन्हें निर्देश दिया जाता है तो वे इसे प्रायाेरिटी पर नहीं लेते हैं. इस कारण से परेशानी और भी बढ़ गयी है.