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हजारों रेल यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ मालगाड़ी के ड्राइवर दौड़ा रहे एक्सप्रेस ट्रेन

लापरवाही. नियम को ताक पर रख दानापुर मंडल में हो रहा ट्रेनों का परिचालन आनंद तिवारी पटना : दानापुर मंडल में इन दिनों मालगाड़ी के ड्राइवर एक्सप्रेस ट्रेनों को दौड़ा रहे हैं. सबसे अधिक पटना-गया व मुगलसराय रूट में अनट्रेंड चालकों से यात्री ट्रेनें चलावाइ जा रही है. यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा व […]

लापरवाही. नियम को ताक पर रख दानापुर मंडल में हो रहा ट्रेनों का परिचालन
आनंद तिवारी
पटना : दानापुर मंडल में इन दिनों मालगाड़ी के ड्राइवर एक्सप्रेस ट्रेनों को दौड़ा रहे हैं. सबसे अधिक पटना-गया व मुगलसराय रूट में अनट्रेंड चालकों से यात्री ट्रेनें चलावाइ जा रही है. यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा व संरक्षा से हो रही इस खिलवाड़ को जिम्मेवार अधिकारी देखते हैं, बावजूद इस मामले में चुप्पी साधे हुए है. एक्सप्रेस व मालगाड़ी के ड्राइवरों के लिए रेलवे ने अलग नियम बनाये हैं, बावजूद उस नियम का पालन नहीं हो रहा है. इतना ही नहीं मंडल में लंबे समय से मालगाड़ी के चालक व सहायक के पद रिक्त हैं. मजे की बात तो यह है कि करीब एक दर्जन ऐसे एक्सप्रेस ट्रेनों के ड्राइवर हैं, जो कंट्रोल में सेटिंग कर ड्यूटी कर रहे हैं, अंत में नियम को तोड़ मालगाड़ी के ड्राइवर को ट्रेन चलानी पड़ती है.
सुरक्षा से ऐसे हो रहा खिलवाड़ : नाम न बताने की शर्त पर एक चालक ने बताया कि मालगाड़ी के चालक को यह नहीं पता रहता है यात्री स्टेशन आने के कितनी देर पहले इंजन को डाउन करना है. ऐसे में कभी-कभी ट्रेन उस स्थान से आगे निकल जाती है, जहां उसे खड़ा होना है. दानापुर मंडल में पिछले एक साल में तीन से चार बार इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं, ताजा मामला अभी हाल ही में कोइलवर पुल के पास हुआ था, जब एक एक्सप्रेस ट्रेन को पुन वापस कर प्लेटफॉर्म पर लाया गया. ऐसे में जब ट्रेन को चलाया गया, तो सिटी तक भी नहीं बजायी गयी. ऐसे में कोई यात्री चढ़ या उतर रहा हो और गिर जाये, तो दुर्घटना के लिए कौन जिम्मेवार होगा.
इधर पांच सालों से कंट्रोल में जमे हैं मेल एक्सप्रेस के ड्राइवर : दानापुर मंडल में दर्जनों ऐसे मेल एक्सप्रेस के ड्राइवर हैं, जो पिछले पांच सालों से कंट्रोल रूम में जमे हुए हैं. रेलवे सूत्रों की मानें, तो इनमें कुछ यूनियन के दम पर ड्यूटी दे रहे हैं, तो कुछ के संबंध बड़े अधिकारियों से हैं. जबकि, ये सभी पैसेंजर और मेल एक्सप्रेस के ड्राइवर हैं. जिनसे अगर ड्यूटी ली जाती, तो सुरक्षा का भी ख्याल रहता और ड्राइवरों की कमी भी थोड़ी बहुत पूरी हो जाती.
न परीक्षा, न ट्रेनिंग, चला रहे ट्रेन : दानापुर मंडल में जिन मालगाड़ी ड्राइवरों से एक्सप्रेस ट्रेनें चलावायी जा रही है, उनको एक्सप्रेस ट्रेन के लिए कोई विशेष ट्रेनिंग भी नहीं दी गयी है. जबकि पैसेंजर ट्रेन पर जाने के लिए मुजफ्फरपुर व पतरातू में तकनीकी व सुरक्षा के लिए तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाती है. ऐसे में खुलेआम सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है. मालगाड़ी के ड्राइवर को ट्रेनिंग व परीक्षा के बाद ही पैसेंजर ट्रेन चलाने को दिया जाता है. लेकिन, यहां सीधे एक्सप्रेस ट्रेनें चला रहे हैं.
अर्चना एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतरे, नहीं थे यात्री
एक जेनरल व एक जेनेरेटर कोच शामिल
ओएचइ तार टूटा, यार्ड में कुछ देर के लिए ट्रेनों का आवागमन हुआ बाधित
पटना : शहर के लोहानीपुर इलाके में उस समय अफरा-तफरी मच गयी, जब अर्चना एक्सप्रेस डिरेल होकर बिजली के पोल से टकरा गयी. इससे ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गये. गनीमत यह थी कि उस दौरान ट्रेन में कोई यात्री नहीं थे, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. दरअसल, अर्चना एक्सप्रेस यात्रियों को पटना जंकशन पर उतारने के बाद राजेंद्र नगर यार्ड में सफाई के लिए जा रही थी. गाड़ी लोहानीपुर के रेलवे हंटर रोड के पास डिरेल हो गयी. डिरेल होने से ट्रेन इलेक्ट्रिक पोल से टकरा गयी. इससे ओवरहेड तार टूट गया और यार्ड में दो घंटे तक ट्रेनों का आना-जाना बंद हो गया.
तेज रफ्तार से जा रही थी ट्रेन टूट सकते थे कई मकान : स्थानीय लोगों का कहना था कि ट्रेन को काफी तेज गति से ले जाया जा रहा था. अगर बिजली का खंभा बीच में नहीं आया होता, तो यह रेल गाड़ी रेलवे हंटर रोड पर स्थित कई मकानों पर गिर सकती थी. करीब दो घंटे के बाद रेलवे के अधिकारी और जीआरपी के जवान काफी मशक्कत के बाद अर्चना एक्सप्रेस को पटरी पर ला सकें और उसके बाद गाड़ी को राजेंद्र नगर स्थित रेलवे यार्ड में साफ-सफाई के लिए भेज दिया गया. अर्चना एक्सप्रेस की एक जनरल बोगी और एक जेनरेटर कार कोच को क्षति पहुंची है.
डीआरएम ने जांच का दिया आदेश : इधर दानापुर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि घटना के तुरंत बाद दानापुर मंडल के डीआरएम आरके झा ने जांच के आदेश दिये हैं. जांच के तहत ऑपरेटिंग, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल विभाग में अधिकारियों की टीम लगायी गयी है. तीन दिन बाद रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी.
रेलवे भरती बोर्ड सहायक लोको पायलट का पद निकालता है. इसके लिए आयोजित लिखित परीक्षा में सफल विद्यार्थी को फिर मनोवैज्ञानिक व मेडिकल परीक्षा देनी होती है, इस परीक्षा के पास होने के बाद पहले सहायक लोको पायलट बनते हैं. प्रोमोशन के लिए विभागीय स्तर पर संटर ड्राइवर का पद निकला है, जिसकी लिखित व मौखिक परीक्षा के बाद यार्ड में गाड़ी शंटिंग की ड्यूटी लगती है. इसी तर्ज पर मालगाड़ी के ड्राइवर के लिए भी परीक्षा होती है.
सफल शंटिंग ड्राइवर को मालगाड़ी चलाने को दिया जाता है. अगले क्रम में पैसेंजर ट्रेन के लिए भी विभागीय परीक्षा देनी होती है, पास मालगाड़ी के ड्राइवरों को पैसेंजर ट्रेनें मिलती है, कुछ साल काम करने के बाद और अनुभव के आधार पर परीक्षा में पास होने के बाद अंत में पैसेंजर ट्रेन के ड्राइवरों को एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की अनुमति मिलती है. मेल एक्सप्रेस ट्रेन के लिए पिछला रिकार्ड व पदोन्नति भी देखी जाती है.
इन ट्रेनों में मालगाड़ी के ड्राइवर
ट्रेन नंबर ट्रेन नाम
12488 सीमांचल एक्सप्रेस
73262 पटना इस्लामपुर पैसेंजर
13245 कैपिटल एक्सप्रेस
12392 श्रमजीवी एक्सप्रेस
12142 एलटीटी पाटलिपुत्र एक्स
12141 पाटलिपुत्र एलटीटी एक्स
12401 मगध एक्सप्रेस
1342 राजेंद्र नगर बंका एक्सप्रेस
1342 बांका एक्सप्रेस राजेंद्र नगर
53209 राजगीर फतुहा पैसेंजर ट्रेन
72261 इस्लामपुर पटना पैसेंजर
73212 पटना घाट सवारी गाड़ी
नोट : ये ट्रेनें 11 और 12 मई को रवाना हुई हैं. इसके अलावे दर्जनों पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं, जिन्हें मालगाड़ी के ड्राइवरों को चलाने दिया जाता है.
एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर मालगाड़ी के ड्राइवर
जोनल ट्रेनिंग धनबाद व मुजफ्फरपुर जोनल ट्रेनिंग धनबाद व मुजफ्फरपुर
लर्निंग रोड की ट्रेनिंग में सभी जानकारी ट्रेनिंग में स्टेशन व रूट मार्ग की जानकारी
टाइम टेबल पर दिया जाता है ध्यान यहां स्पीड पर अधिक होता है महत्व
बिना झटका दिये इंजन होता है स्टार्ट झटका देकर इंजन को करता है स्टार्ट
रूट सेक्शन का पूरा ज्ञान मोड़, रेल फाटक आदि का नहीं होता ज्ञान
पुराने ब्रिज पर ट्रेन की गति का ज्ञान ब्रिज पर चलाने के लिए गति का पता नहीं
अधिकारी बोले, मामले को देखेंगे, समस्या दूर करेंगे
रेल ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जाती है, इसी आधार पर मालगाड़ी के बाद यात्री ट्रेनें चलाने की अनुमति मिलती है. अगर ट्रेनिंग नहीं हुई है, तो मेरी समझ से ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. रही बात कंट्रोल में लंबे समय से ड्यूटी की, तो कुछ ड्राइवरों को कंट्रोल में ड्यूटी देनी जरूरी है. लेकिन, इसका भी लिमिट समय होना चाहिए. दोनों ही मामले को मैं देखता हूं और कहां से समस्या हो रही है उसे दुरुस्त किया जायेगा.
अरविंद कुमार रजक, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूमरे

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