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सफाई पर रोज 14 लाख व नाला उड़ाही पर सालाना पांच करोड़ का खर्च, फिर भी कचरे में हमारा शहर

अनिकेत त्रिवेदी पटना : शहर का सफाई का स्तर लगातार गिर रहा है. प्रकाश पर्व और स्वच्छता सर्वेक्षण बीतने के बाद से ही नगर निगम द्वारा सफाई को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा. अंचल कार्यालयों की ओर से दिन भर की होने वाली सफाई की कोई निगरानी भी नहीं की जा रही है. शहर […]

अनिकेत त्रिवेदी
पटना : शहर का सफाई का स्तर लगातार गिर रहा है. प्रकाश पर्व और स्वच्छता सर्वेक्षण बीतने के बाद से ही नगर निगम द्वारा सफाई को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा. अंचल कार्यालयों की ओर से दिन भर की होने वाली सफाई की कोई निगरानी भी नहीं की जा रही है.
शहर की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों में लगे डस्टबीन से आधे-अधूरे कचरे का उठाव किया जा रहा है. दिन भर डस्टबीन भरे रहते हैं. बाहर कचरा पसरा रहता है. चूना और ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव नहीं हो रहा है. बीते दिनों स्वच्छता सर्वेक्षण में 435 शहरों की लिस्ट में पटना का स्थान 262वां आने के बावजूद निगम प्रशासन सुधार के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है. अब हालात एेसे हैं कि निगम सफाई पर प्रतिदिन लगभग 14 लाख की राशि खर्च कर रहा है. सफाई के लिए विभिन्न जरूरतों के आधार पर लगभग 20 करोड़ के संसाधन निगम के पास हैं. कचरा उठाव से लेकर कचरा निस्तारण में कुल तीन एजेंसी लगी है. प्रत्येक वर्ष नाला उड़ाही पर लगभग पांच करोड़ रुपये खर्च की जाती है. बावजूद इसके पटना कचरे में जी रहा है.
अलग से सात करोड़ नाला उड़ाही पर
इन खर्चों के अलावा नगर निगम नाला की सफाई पर भी हर वर्ष पांच करोड़ की राशि खर्च करता है. बरसात से पहले शहर के सभी छोटे-बड़े नालों से लेकर कैचपीट, मैनहोल की उड़ाही की जाती है. इस बार सभी नालों व कैचपीट, मैनहोल की उड़ाही के लिए लगभग सात करोड़ रुपये खर्च करने का ब्योरा तैयार किया जा रहा है. जो नियमित सफाई की के अलावा अलग खर्च है.
20 करोड़ संसाधनों की खरीद पर खर्च
सफाई पर नियमित खर्च व नाला उड़ाही के अलावा नगर निगम ने दो वर्षों में संसाधन बढ़ाने पर भी खर्च किया है. बीते दो वर्षों में जेसीबी, ऑटो टीपर, हाइवा, पोकलेन, डस्टबीन, डंपर से लेकर सक्शन मशीन व अन्य उपकरणों की खरीद में 20 करोड़ से भी अधिक की राशि खर्च की है.
पूरे शहर से प्रतिदिन 900 टन के लगभग कचरा निकलता है और निगम प्रतिमाह रामाचक बैरिया में एजेंसी को 6000 टन कचरा दे रहा है. इस हिसाब से प्रतिदिन केवल 200 टन कचरा रामाचक बैरिया मुख्य डंपिंग यार्ड में दिया जा रहा है. केवल निगम के आंकड़ों की ही मानें, तो 700 टन कचरा प्रतिदिन सड़क पर और अंचलों के सेकेंड्री डंपिंग यार्ड पर छोड़ दिया जाता है. इस हिसाब से शहर की सफाई का अंदाजा लगाया जा सकता है.
अधिकारी भी मानते हैं : अपर नगर आयुक्त (सफाई) विनय कुमार मंडल सफाई व्यवस्था बिगड़ने कहते हैं कि यह सही बात है कि इन दिनों गंदगी बढ़ी है. विभिन्न जगहों से लगातार शिकायत आ रही है. संबंधित कार्यपालक पदाधिकारी को इसकी जानकारी देकर सफाई कराने का निर्देश दिया जा रहा है.

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