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आठ महीने में लगाने होंगे छह करोड़ पौधे

पटना : राज्य में 15 फीसदी हरियाली का लक्ष्य इस वर्ष पूरा कर लिया जाना है. दिसंबर, 2017 तक वन विभाग की ओर से हरियाली मिशन योजना के तहत छह करोड़ पौधे लगाये जायेंगे. लेकिन इसके लिए विभाग के पास मात्र आठ महीने का समय है, यानी प्रत्येक महीने 90 लाख पौधे लगाने होंगे. राज्य […]

पटना : राज्य में 15 फीसदी हरियाली का लक्ष्य इस वर्ष पूरा कर लिया जाना है. दिसंबर, 2017 तक वन विभाग की ओर से हरियाली मिशन योजना के तहत छह करोड़ पौधे लगाये जायेंगे.
लेकिन इसके लिए विभाग के पास मात्र आठ महीने का समय है, यानी प्रत्येक महीने 90 लाख पौधे लगाने होंगे. राज्य की यह महत्वाकांक्षी योजना बारिश के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है.
क्याेंकि पिछले एक दशक में सूबे में मानसून के दौरान केवल 1100 एमएम ही बारिश हो पायी है. जबकि, जरूरत 1200 से 1500 एमएम बारिश की है. राज्य में मॉनसून 2 से 12 जून तक पहुंचता है. ऐसे में विभाग के पास आठ महीने भी नहीं, मॉनसून के लिहाज से सात महीने ही हैं. ऐसे में इन सात महीनाें में छह करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य कैसे पूरा हो पायेगा? योजना के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन विभाग की ओर से 682 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है. इसके तहत पांच वर्षों में 24 करोड़ पौधे लगाये जाने हैं. लेकिन बीते चार वर्षों में 18 करोड़ पौधे ही लगाये गये हैं. विभाग द्वारा पौधे लगाने का लक्ष्य धीमी गति से पूरा हो रहा है.
पटना. गरमी के आते ही शहर में लगे हरे पेड़-पाैधे भी अब मुरझाने लगे हैं. सड़क किनारे और डिवाइडरों पर लगे पौधे पटवन के अभाव में अभी से दम तोड़ने लगे हैं. वहीं, पर्यावरण एवं वन विभाग को पौधे बचाने की चिंता कम, लगाने का लक्ष्य पूरा करने की चिंता अधिक है. पटना जिले में वर्ष 2016-17 में कुल एक लाख 21 हजार 153 पौधे लगाये गये हैं, पर इन पौधों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है. इतने पौधों की सुरक्षा के लिए न तो वन विभाग के पास पर्याप्त वनरक्षी हैं और न ही पटवन के लिए टैंकरवाली गाड़ियां. पटना जिले में पौधों की हरियाली मात्र आठ टैंकरों के सहारे है. इनमें दो टैंकर अकसर खराब रहते हैं. मौजूद छह गाड़ियों से भी पटवन काकार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है, क्योंकि चालकों की कमी बनी हुई है. पूरे बिहार भर में चालक के 69 स्वीकृत पदों पर मात्र 22 चालक हैं.
पूरे बिहार भर में 2017 में मात्र 412 वनरक्षी ही कार्यरत हैं. पटना जिले में 67 स्वीकृत पदों के एवज में मात्र 23 वनरक्षी ही कार्यात हैं. वनरक्षियों के अभाव में शहर के पेड़-पौधों की उचित देखभाल नहीं हो पा रही है. पटना वन प्रमंडलों के डीएफओ मिहिर कुमार झा का कहना है कि संसाधनों की कमी तो बनी हुई है. बावजूद इसके पटवन का कार्य किया जाता है. इसके अलावा कई संस्थानों में मोटर पाइप से पटवन कार्य किया जाता है, ताकि पौधों को गरमी से बचाया जा सके.

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