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कभी भी बंद हो सकती है सर्वेक्षण कार्यालय की तकनीकी प्रशाखा
105 वर्ष पुराने कार्यालय के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा हाल बिहार सर्वेक्षण कार्यालय गुलजारबाग का पटना सिटी : 105 वर्ष के हो चुके बिहार सर्वेक्षण कार्यालय गुलजारबाग के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. स्थिति यह है कि तकनीकी व गैर तकनीकी कर्मियों के सृजित 537 पदों में महज 137 कर्मी कार्यरत हैं, जबकि […]
105 वर्ष पुराने कार्यालय के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा
हाल बिहार सर्वेक्षण कार्यालय गुलजारबाग का
पटना सिटी : 105 वर्ष के हो चुके बिहार सर्वेक्षण कार्यालय गुलजारबाग के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. स्थिति यह है कि तकनीकी व गैर तकनीकी कर्मियों के सृजित 537 पदों में महज 137 कर्मी कार्यरत हैं, जबकि कार्यालय की तकनीकी शाखा में 13 कर्मी ही तकनीकी पद पर कार्यरत हैं, जो निकट भविष्य में सेवानिवृत्त होनेवाले हैं. ऐसे में कार्यालय की तकनीकी प्रशाखा बंद हो सकती है.
नहीं हो पायेगी नक्शों की छपाई
कार्यालय की तकनीकी प्रशाखा में ट्राभर्स, आलेख व नक्शा पुनरुत्पादन कर्मियों की कमी से बंद होने की स्थिति में आ गयी हैं. हालांकि, बिहार सर्वेक्षण कार्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कामेश्वर पांडे व महामंत्री पंकज कुमार ने निदेशक भू अभिलेख एवं परिमाप को बीते मार्च माह में ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है की तकनीकीं प्रशाखाओं में नियुक्ति नहीं हुई, तो आनेवाले दिनों में किसी तरह के नक्शा की छपाई, भूमि विवाद का निराकरण व नक्शाें के सुधार का कार्य नहीं हो पायेगा. इससे कार्यालय के अस्तित्व पर खतरा हो सकता है. इतना ही नहीं आवेदन में यह भी कहा गया है कि कार्यालय के कर्मी जिस पद पर नियुक्ति होते हैं, उसी पद से सेवानिवृत्त हो जाते हैं.
प्रोन्नति नहीं मिलने की स्थिति में सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा लागू होने के बाद भी कर्मियों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है. इससे उनमें रोष है़ प्रोन्नति की मांग भी उठायी गयी है.
रिक्त है सहायक निदेशक का पद : कार्यालय में कार्य संचालन के लिए तीन पदाधिकारी के पद स्वीकृत हैं. इनमें उप निदेशक, सहायक निदेशक प्रशासन व सहायक निदेशक प्रावैद्यिकी के पद हैं.
इनमें मात्र उप निदेशक ही कार्यरत हैं, जबकि अन्य दोनों पद रिक्त हैं. उप निदेशक ने भी अप्रैल माह में निदेशक भू अभिलेख एवं परिमाप को पत्र भेजा है, जिसमें कार्यालय की स्थिति से अवगत कराया गया है. इसमें कहा गया है कि कार्यालय परिसर में सात भवन हैं, जिनमें सहायता केंद्र, किसाना डाटा सेंटर, सामान्य शाखा ,लेखा शाखा, अभिलेख शाखा, ट्राभर्स शाखा, आलेख शाखा, नक्शा पुनरुत्पादन शाखा, प्रेषण शाखा, बीपीएमयू व कंप्यूटर शाखा और भंडार शाखा संचालित होते हैं. बताते चलें कि 1912 में यह कार्यालय अस्तित्व में आया था.
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