पटना: किडनी मरीजों को जिला अस्पतालों में भी डायलिसिस की सुविधा मिले, इस पर तेजी से काम चल रहा है. पीएमसीएच सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में इसकी सुविधा मिल रही है, लेकिन वह कम है.
खानपान में होनेवाले व्यापक बदलाव ने लोगों को किडनी रोग की चपेट में लाना शुरू कर दिया है. ये बातें गुरुवार को पीएमसीएच में विश्व किडनी दिवस पर आयोजित सीएमइ का उद्घाटन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने कहीं. नेफ्रो विभाग के अध्यक्ष डॉ हेमंत कुमार ने कहा कि सरकार एक ऐसा कानून बनाये, जिससे किसी भी मरीज को बिना परची के दवा नहीं मिले. अगर कोई दवा मरीज को देनी है, तो उसके लिए डॉक्टर की परची का होना जरूरी है.
पीएमसीएच प्राचार्य डॉ अमर कांत झा अमर ने कहा कि डायलिसिस रोगियों की संख्या हर साल 20 प्रतिशत बढ़ती जा रही है. इसको कम करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. मौके पर पीएमसीएच अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद, उपाधीक्षक डॉ आरके सिंह, उपाधीक्षक डॉ बिमल कारक, डॉ सुधांशु सिंह, डॉ विजय प्रकाश, डॉ इंदु भूषण सिन्हा, डॉ गोपाल प्रसाद, डॉ डीके श्रीवास्तव सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे.