23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जेपी विवि मामले में गिरफ्तारी के लिए राज्यपाल के आदेश का इंतजार

पटना : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के दर्जनों वित्तरहित डिग्री और इंटर कॉलेजों में अनुदान की राशि के वितरण में गड़बड़ी करने के मामले की जांच निगरानी ब्यूरो ने छह-सात महीने पहले शुरू की थी. निगरानी की तरफ से इस मामले की एफआइआर तो काफी पहले दर्ज कर ली गयी थी, लेकिन अभी तक इसमें किसी की […]

पटना : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के दर्जनों वित्तरहित डिग्री और इंटर कॉलेजों में अनुदान की राशि के वितरण में गड़बड़ी करने के मामले की जांच निगरानी ब्यूरो ने छह-सात महीने पहले शुरू की थी. निगरानी की तरफ से इस मामले की एफआइआर तो काफी पहले दर्ज कर ली गयी थी, लेकिन अभी तक इसमें किसी की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी. अब निगरानी ने इस मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए कवायद तेज कर दी है. निगरानी ब्यूरो ने फिलहाल राजभवन कोपत्र लिख कर इन अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने और आगे की कार्रवाई करने के लिए इजाजत मांगी है.
चूंकि यह मामला जेपी विवि से जुड़ा होने के कारण राज्यपाल से अनुमति लेना अनिवार्य होता है. किसी विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्यपाल से अनुमति लेने का नियम है. अनुमति प्राप्त होने के बाद सभी अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया जायेगा. इसके बाद इनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी शुरू होगी.
छपरा स्थित जयप्रकाश विश्वविद्यालय के 50 से ज्यादा वित्तरहित इंटर और डिग्री कॉलेजों की जांच की गयी थी, जिसमें बड़े स्तर पर अनुदान की राशि वितरण करने में बड़े स्तर पर धांधली सामने आयी.
इस मामले में निगरानी ब्यूरो ने 95 के आसपास लोगों को अभियुक्त बनाते हुए 10 एफआइआर दर्ज की गयी है. इसके अलावा जांच के दौरान यह बात भी सामने आयी है कि कई कॉलेजों में तो बिना निबंधन कराये ही छात्रों से ग्रेजुएशन की परीक्षा ली गयी है. अनुदान राशि वितरण में गड़बड़ी और बिना निबंधन कराये ही छात्रों से परीक्षा लेने की ये दोनों गड़बड़ी शैक्षणिक वर्ष 2005 से लेकर 2014 के बीच की गयी है. इस समय अवधि के दौरान की दोनों गड़बड़ियों की जांच निगरानी ब्यूरो व्यापक स्तर पर कर रहा है.
कॉलेजों के शासी निकायों में एमपी और विधायक भी
इस अनुदान घोटाले में जिन वित्तरहित कॉलेजों के नाम सामने आये हैं, उनमें कई कॉलेजों में महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और बनियापुर के तत्कालीन विधायक केदार नाथ सिंह भी शामिल हैं. सांसद सिग्रीवाल का नाम तो दो कॉलेजों की एफआइआर में हैं, क्योंकि वह बनियापुर समेत दो कॉलेजों में सचिव रहे हैं. इसके अलावा छपरा विवि के तत्कालीन कुल सचिव विजय प्रताप सिंह, अशोक कुमार समेत विवि के ही करीब एक दर्जन अलग-अलग पदाधिकारियों और कर्मचारियों के नाम हैं. इसके अलावा जिनके खिलाफ एफआइआर दर्ज है, उनमें तकरीबन सभी कॉलेजों को प्राचार्य (कुछ के वर्तमान और कुछ के तत्कालीन), विभागाध्यक्ष समेत अन्य कर्मचारी और शिक्षक शामिल हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें