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1300 की जगह मात्र 25 सीटों पर होगा नामांकन

बीएड के लिए इग्नू ने सीटों में की कटौती बिहार के चार क्षेत्रीय कार्यालय भागलपुर, पटना, सहरसा व दरभंगा में 1300 सीटों पर होता था नामांकन विधान पार्षद सह जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को लिखा पत्र पटना : इंदिरा गांधी नेशनल इंस्टीट्यूट (इग्नू) ने बिहार के क्षेत्रीय कार्यालयों में नामांकन […]

बीएड के लिए इग्नू ने सीटों में की कटौती
बिहार के चार क्षेत्रीय कार्यालय भागलपुर, पटना, सहरसा व दरभंगा में 1300 सीटों पर होता था नामांकन
विधान पार्षद सह जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को लिखा पत्र
पटना : इंदिरा गांधी नेशनल इंस्टीट्यूट (इग्नू) ने बिहार के क्षेत्रीय कार्यालयों में नामांकन के लिए निर्धारित सीटों में भारी कटौती की है. बिहार के भागलपुर, पटना, सहरसा और दरभंगा में चलने वाले क्षेत्रीय कार्यालय में 1300 छात्र-छात्राओं का बीएड में जो नामांकन होता था, उसमें मात्र अब 25 का ही नामांकन हो सकेगा. इग्नू ने 98 फीसदी सीटों की कटौती कर दी है. इग्नू का यह फैसला इस साल से ही लागू हो गया है और 25 सीटों के लिए आवेदन लिया जा रहा है.
इस मामले को लेकर विधान पार्षद सह जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखा है और बिहार के अभ्यर्थियों को कम शैक्षणिक शुल्क पर बीएड कोर्स के लाभ से वंचित करने का आरोप लगाया है.
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने केंद्र सरकार को लिखा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों को तीन साल के शैक्षणिक अनुभव के आधार पर ही इग्नू से बीएड कराया जाता है. इसमें शिक्षकों को मात्र 22 हजार रुपये ही शुल्क के रूप में देना होता है.
ऐसे में अब इग्नू का यह कहना कि दूरस्थ शिक्षा में शिक्षकों के प्रशिक्षण में परेशानी के चलते सीटों में कटौती की गयी है, इस पर फैसला लिया गया है, जबकि गरमी की छुट्टी या फिर सरकार की ओर से निर्धारित अवकाश में 12 दिन का कार्यशाला आयोजित करने का पहले से पाठ्यक्रम तय है.
नीरज कुमार लिखा कि जो सूचना मिल रही है उसमें 25 सीटों में नामांकन के लिए भी अनिवार्य शर्त लगा दी गयी है. जो अभ्यर्थी दो साल का डीएलएड (क्लास एक-पांच) किये होंगे उन्हें ही बीएड में नामांकन का मौका मिल सकेगा. इसका क्या औचित्य है. बिहार के युवा जो विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में काम करते हैं. उन्हें कम शैक्षणिक शुल्क पर बीएड कोर्स में नामांकन के लाभ से वंचित किया जाना सही नहीं है.

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