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तब एक साल का होता था मेयर का कार्यकाल

अमिताभ श्रीवास्तव पटना सिटी : पटना नगर निगम में वार्ड संख्या 29 जो बाद में 36 बना, उसका प्रतिनिधित्व करने वाले स्वर्गीय चंद्र मोहन प्रसाद सबसे कम उम्र महज 31 वर्ष में पटना के महापौर बने थे, अतीत को याद करते हुए पूर्व पार्षद रहीं पत्नी अरुणा मेहता व पुत्र कुणाल शुभम, मित्र नरेश प्रसाद […]

अमिताभ श्रीवास्तव
पटना सिटी : पटना नगर निगम में वार्ड संख्या 29 जो बाद में 36 बना, उसका प्रतिनिधित्व करने वाले स्वर्गीय चंद्र मोहन प्रसाद सबसे कम उम्र महज 31 वर्ष में पटना के महापौर बने थे, अतीत को याद करते हुए पूर्व पार्षद रहीं पत्नी अरुणा मेहता व पुत्र कुणाल शुभम, मित्र नरेश प्रसाद व महापौर के वार्ड में उस समय सफाई निरीक्षक रहे योगेंद्र लाल बताते हैं कि वह समय काफी यादगार है.
हालांकि, समय बदलने के साथ वार्ड के विस्तार में वार्ड संख्या 68 बना जिसका प्रतिनिधित्व 2007 से लेकर 2012 तक करने वाली महापौर चंद्र मोहन प्रसाद की पत्नी अरुणा मेहता अतीत को याद कर कहती हैं कि पति के कार्यकाल में माहौल अनुशासनिक व शांतिप्रिय था. पति 31 वर्ष की आयु में 1978 में महापौर बने थे, उस समय महापौर का कार्यकाल एक साल का होता था. पति का कार्यकाल 1979 तक रहा.
जिस समय पति महापौर बने, उस समय निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी पंचम लाल थे. जिनका पति से गरीबों के लिए योजना को जमीं पर उतारने व शहर के विकास को लेकर अक्सर टकराहट होती थी. हालांकि, बाद कुछ ही महीने बाद निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी एके चौधरी बनाये गये, जिसके बाद शहर के विकास में दोनों ने अहम योगदान दिया.
पूर्व पार्षद अरुणा मेहता अपने पार्षद काल को याद कर कहती हैं कि समय बदल गया था. महापौर की बात अधिकारी नहीं सुनते थे, तो पार्षदों की बातों तो दूर. फिर भी संघर्ष कर वार्ड में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राशन कार्ड, केरोसिन वेंडर से वितरण कराने के साथ गली-सड़क नाला निर्माण का कार्य कराया. वार्ड में गरीबों के लिए मेडिकल स्मार्ट कार्ड बनवाने का काम कराया.

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