आरएमआरआइ में चिकित्सकों ने रखे विचार
पटना सिटी : अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान में गुरुवार को कुष्ठ रोग को जड़ से खत्म करने के लिए आयोजित कार्यशाला में तीसरे दिन चिकित्सकों ने कहा कि कुष्ठ रोग छूत की बीमारी नहीं है. बीमारी से पीड़ित मरीज की सामाजिक उपेक्षा न्यायोचित नहीं है़ समय रहते अगर बीमारी पकड़ में आये, तो इलाज से यह ठीक हो सकती है.
कार्यशाला में राज्य कुष्ठ पदाधिकारी डॉ विजय पांडे ने कहा कि समाज में इसके लिए जागरूकता लानी होगी़ मरीजों से भेदभाव नहीं हो़ आयोजन समिति के सचिव डॉ रोशन कमल टोप्पनो ने बताया कि कार्यशाला में सात कुष्ठ मरीजों को बुलाया गया था. इन मरीजों के साथ बैठ कर दोपहर का भोजन भी कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों ने किया.
बीते मंगलवार से कालाजार, कुष्ठ व फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आरंभ हुए पांच दिनों की कार्यशाला में शुक्रवार को चौथे दिन फाइलेरिया उन्मूलन पर चर्चा होगी. कार्यशाला विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर आयोजित है. अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ प्रदीप दास ने की. कार्यशाला में डॉ विद्या नंद रविदास, डॉ कृष्ण पांडे व डॉ विजय कुमार समेत अन्य चिकित्सकों ने अपने विचार रखे. चिकित्सकों ने जांच व उपचार की विधि भी बताया. कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन के राजेश पांडे,सौरभ जैन व राजपाल यादव शामिल हो रहे है.
कार्यशाला में महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों से विश्व स्वास्थ्य संगठन के 60 क्षेत्रीय अफसर कार्यशाला में प्रशिक्षण ले रहे. ताकि बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सके. आयोजन में डॉ आरपी लाल, डॉ एचसी श्रीवास्तव, डॉ एस केसरी डॉ आरएस यादव समेत अन्य शामिल हुए. कार्यशाला का समापन शनिवार को होगा.