29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

लालबत्ती हटाने के आदेश पर गुस्से से लाल हुए बिहार सरकार के ज्यादातर मंत्री

पटना : केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय पर राज्य में अमल हुआ तो प्रदेश के साढे चार सौ से अधिक वीवीआइपी व वीआइपी गाड़ियों से लाल-नीली बत्ती हट जायेगी. लाल और पीली बत्ती हटने वालों में सरकार के मंत्री, विधानमंडल के विभिन्न कमेटियों के सभापति और अनुमंडल से सचिवालय में बैठे आइएएस और आइपीएस अधिकारी भी […]

पटना : केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय पर राज्य में अमल हुआ तो प्रदेश के साढे चार सौ से अधिक वीवीआइपी व वीआइपी गाड़ियों से लाल-नीली बत्ती हट जायेगी. लाल और पीली बत्ती हटने वालों में सरकार के मंत्री, विधानमंडल के विभिन्न कमेटियों के सभापति और अनुमंडल से सचिवालय में बैठे आइएएस और आइपीएस अधिकारी भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गाड़ियों पर पहले से ही लाल बत्ती नहीं जलती है. अब उपमुख्यमंत्री समेत सरकार के सभी मंत्रियों की गाड़ियों से लाल बत्ती हट जायेगी. मंत्रियों के अलावा बिहार विधानमंडल की 58 विभिन्न कमेटियों के सभापति की सरकारी गाड़ियों से भी लाल बत्ती उतर जायेगी.
इस फैसले के बाद बिहार के नेताओं की प्रतिक्रिया कुछ ऐसी रही. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया को बताया कि वह तो पहले ही लालबत्ती कल्चर के खिलाफ हैं. जनता की सेवा करना उनका अहम काम है, ना कि वीआईपी स्टेट्स दिखाना. सरकार में जिन मंत्रियों की गाड़ियों पर लाल बत्ती लगी है, उनमें उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान, वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश कुमार, जल संसाधन मंत्री ललन सिंह और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी शामिल हैं. केंद्र के इस फैसले पर उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव और ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश साफ नाराज नजर आये. एक टीवी चैनल द्वारा किये गये सवाल के जवाब में विजेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला राज्य सरकारों पर बाध्य नहीं है. वहीं जल संसाधन मंत्री ललन सिंह सवाल से इतना नाराज हो गये कि सवाल का जवाब दिये बिना ही सचिवालय के अंदर चले गये .
सभी जिलों के जिला परिषद अध्यक्ष, जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त, अनुमंडलाधिकारी और यहां तक की एसपी की गाड़ियों से भी लाल व नीली बत्तियां उतर जायेंगी. इसी प्रकार सरकार में विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव व सचिव, अपर सचिव व एडीएम सहित 270 वाहनों में नीली बत्ती का इस्तेमाल होता है जो अब नहीं दिखेगी. पुलिस, एंबुलेंस व अग्निशमन जैसी इमरजेंसी गाड़ियों पर ही नीली बत्ती के इस्तेमाल की छुट होगी. केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय पर राज्य सरकार को फैसला लेना है. समवर्ती सूची में परिवहन के शामिल होने से केंद्र के अलावा राज्य सरकार को निर्णय लेने का अधिकार है. अब बिहार सरकार को इस मामले में निर्णय लेना है. परिवहन विभाग के अधिकारियों की माने तो केंद्र सरकार के निर्णय को देखा जायेगा. इसके आधार पर निर्णय लिया जायेगा.
सीएम की गाड़ी पर पहले से नहीं जलती लाल बत्ती
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गाड़ियों पर लाल बत्ती नहीं जलती है. पिछले कई साल से उनके वाहनों में वीवीआइप बत्तियां नहीं जलायी जाती है. अब तो सीएम की काफिले में चलने वाली गाड़ियों से सायरन भी नहीं बजाया जाता. पिछले साल सरकार ने राज्यपाल और मुख्य न्यायाधीश की गाड़ियों को छोड़ सभी वीवीआइपी गाड़ियों से सायरन लगाने से मना कर दिया था.
केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय को देखने के बाद राज्य सरकार जो निर्णय लेगी उसका अनुपालन होगा : प्रधान सचिव
लाल बत्ती लगाने का इन्हें था अधिकार
वित्त विभाग की पांच सरकारी गाड़ियों, केंद्र सरकार व अन्य राज्यों के उच्च पदों के अधिकारियों के प्रयोग में लानेवाली गाड़ियां, बिहार विधान परिषद के उपसभापति, विस के उपाध्यक्ष, मंत्री, राज्य मंत्री, उप मंत्री, राज्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य योजना पर्षद के सदस्य, मुख्य सचिव, महाधिवक्ता, बिहार अल्पसंख्यक आयोग, एससी-एसटी आयोग के , अति पिछड़ा वर्ग आयोग, महादलित आयोग, उच्च जातियों के लिए आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग व बीपीएससी के अध्यक्ष, प्रधान अपर महाधिवक्ता, विधानसभा की कमेटी के सभापति व विधान परिषद की कमेटी के अध्यक्ष.
नीली बत्ती लगाने का इन्हें था अधिकार
सभी प्रधान सचिव, पुलिस-अपर पुलिस महानिदेशक, सरकार के सचिव, महानिबंधक-निबंधक उच्च न्यायालय, प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, राज्य परिवहन आयुक्त, क्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षक , जिला व सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश, समकक्ष, जिला पदाधिकारी, अपर जिला व सत्र न्यायाधीश, उप विकास आयुक्त, अपर जिला दंडाधिकारी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी.केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय को देखा जायेगा. सरकार जो निर्णय लेगी उसका अनुपालन होगा.
सुजाता चतुर्वेदी, प्रधान सचिव, परिवहन विभाग
ट्रैफिक पर नहीं पड़ेगा फर्क, पर वीआइपी कल्चर छूटेगा
वाहनों पर लालबत्ती को लेकर नये नियमों के बाद ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि लाल बत्ती पर रोक के बाद व्यवस्था में कोई बहुत ज्यादा सुधार या बदलाव नहीं आयेगा. हां, थोड़ा वीआइपी कल्चर बदलने की उम्मीद है. पहले भी लाल बत्ती पर रोक लगायी जा चुकी है, पर उसका क्या प्रभाव पड़ा ? ट्रैफिक नियमों का सबसे ज्यादा उल्लंघन वीआइपी लोग करते हैं. हमारे ट्रैफिक पुलिस उनको कितना रोकेंगे. जब तक वीआइपी ट्रैफिक नियमों के प्रति जिम्मेदार नहीं होंगे, तब तक ऐसे फैसलों का कोई खास असर नहीं होगा. एक बात और समझिए कि पटना में सबसे ज्यादा वीआइपी मूवमेंट होता है. ऐसे में जब तक वे जिम्मेवार नहीं होंगे, बदलाव नहीं आ सकता.आम लोगों को ट्रैफिक पुलिस का डर होता है, पर वीआइपी हम लोगों को कुछ समझते ही नहीं.
लाल बत्ती पर रोक का कोई खास प्रभाव ट्रैफिक पर नहीं पड़ेगा. प्रोटोकॉल के मुताबिक राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आवागमन के समय ट्रैफिक बंद किया जाता है. लेकिन, पटना की ट्रैफिक मंत्री, बड़ी पार्टियों के अध्यक्षों के लिए भी बंद की जा रही है. इससे आम लोग प्रभावित होते हैं. कोशिश ये होनी चाहिए कि वीआइपी कल्चर पर लगाम लगे. सरकार के लोगों को धैर्य का परिचय देना होगा, तब ही ट्रैफिक में सुधार होगा.
संजीव सिन्हा, ट्रैफिक एक्सपर्ट, प्रोफेसर, एनआइटी
गिरिराज सिंह ने गाड़ी से लाल बत्ती हटायी
केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार को अपनी गाड़ी में लगी लाल बत्ती हटा दी. बरबीघा में उन्होंने यह पहल की. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह एक और जन उपयोगी बड़ा फैसला है. इससे देश में वीआइपी कल्चर खत्म होगा और आम लोगों को अधिक सुविधा मिल सकेगी.
कांग्रेस की पहल पर रोक : सदानंद सिंह
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पहल को केंद्र ने अपनाया है. उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सत्ता संभालते ही वीआइपी कल्चर को समाप्त करने के लिए गाड़ियों में लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगायी दी थी. पंजाब सरकार की पहल पर अमल करते हुए ही अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भी लाल व नीली बत्तियों पर रोक लगाने का फैसला किया है.
देर से उठाया गया कदम : नवल जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि वीआइपी कल्चर खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने सरकारी वाहनों पर लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया है, वह स्वागत योग्य है. पर, यह देर से उठाया गया कदम है. जदयू शुरू से ही वीआइपी संस्कृति का विरोधी रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें