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बरार ने तैयार किये थे प्रश्नपत्र और आंसर

खुलासा. 48 घंटे के रिमांड पर एसआइटी ने शुरू की पूछताछ पटना : बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में पकड़े गये इवैल्यूएटर अनंतप्रीत सिंह बरार को बुधवार को बेऊर जेल से 11 बजे दिन में एसआइटी की टीम ले आयी. उससे गोपनीय जगह पर पूछताछ की जा रही है. बरार को 48 घंटे के रिमांड पर […]

खुलासा. 48 घंटे के रिमांड पर एसआइटी ने शुरू की पूछताछ
पटना : बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में पकड़े गये इवैल्यूएटर अनंतप्रीत सिंह बरार को बुधवार को बेऊर जेल से 11 बजे दिन में एसआइटी की टीम ले आयी. उससे गोपनीय जगह पर पूछताछ की जा रही है.
बरार को 48 घंटे के रिमांड पर न्यायालय के आदेश के बाद एसआइटी ने लिया है. सूत्रों के अनुसार एसआइटी को इस बात का शक है कि अनंतप्रीत सिंह बरार ने प्रश्नपत्र लीक करने व आंसर तैयार करने में मदद की थी. प्रश्नपत्र सेट भी उसने ही तैयार किया था और आंसर भी उसी ने बनाये थे. क्योंकि, प्रश्नपत्र सेट करने वाले जिस दिल्ली आइआइटी के प्रो दास गुप्ता की जानकारी बीएसएससी अध्यक्ष सुधीर कुमार ने एसआइटी को दी थी, वह गलत थी.
पूछताछ के बाद भी ऐसे संकेत मिले हैं, जो इस बात की पुष्टि कर रहे हैं. एसआइटी को उस नाम का कोई भी प्रोफेसर दिल्ली आइआइटी में नहीं मिला था. हालांकि, एसआइटी के समक्ष उसने इस बात से इनकार कर दिया.
लेकिन, साेशल मीडिया पर वायरल आंसर व अनंतप्रीत सिंह बरार की हैंडराइटिंग का मिलान एफएसएल से कराया जायेगा. रिमांड के दौरान एसआइटी ने बरार की हैंडराइटिंग सैंपल भी लिया और अब न्यायालय की इजाजत के बाद उसे जांच के लिए एफएसएल भेजा जायेगा. इसके पूर्व भी रार को एसआइटी ने दो दिनों के रिमांड पर लिया था, लेकिन उसने प्रश्नपत्र लीक में अपनी संलिप्तता से इनकारकर दिया था.
पटना : सीके अनिल की तलाश तेज हो गयी है. इधर बरार से पूछताछ जारी है, जिस तरह से आनंदप्रीत बरार की एय्यासियों की दुनिया समाने आ रही है और सीके अनिल से उसके गहरे रिश्तों की जानकारी एसआइटी को मिली है उससे सीके अनिल की आगे की राह मुश्किल होती दिख रही है. दरअसल आनंद शर्मा की गिरफ्तारी के बाद इवैल्यूएटरअनंतप्रीत सिंह बरार का नाम सामने आया, ओएमआर सीट में सेटिंग की बात सामने आने के बाद उसकी तलाश तेज हो गयी. इस बीच अंडरग्राउंड हुए सीके अनिल भी दिल्ली में छुपे हुए थे.
इस बीच उन्होंने अनंत बरार से संपर्क जारी रखा, उसके माध्यम से मामले को मैनेज कराने में जुटे रहे. बीएसएससी के ओएसडी व आइएएस सीके अनिल एसआइटी के शुरुआती पूछताछ में यह कबूल कर चुके हैं कि आइएएस सुधीर कुमार के अवकाश अावेदन पर उन्होंने ने ही फर्जी हस्ताक्षर किया था.
सीके अनिल ने एसआइटी के सामने यह कबूल तो कर लिया लेकिन उन्हें इस बात का आंदाजा नहीं था कि एसआइटी इसे अनुंसधान में शामिल करेगी, वह अपनी गलती बताकर एसआइटी से क्लीन चिट्ट चाह रहे थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जब एसआइटी ने आवेदन को एफएसएल में भेज दिया तो अनिल दबाव में आ गये. इसके बाद जब आनंद शर्मा की गिरफ्तारी हुई और अनंत बरार का नाम सामने आया तब वह अंडरग्रांउड हो गये.
ये थे बरार के कारनामे : अब
तक उसके जिन कारनामों की जानकारी मिली है उसमें बड़े कॉलेज
में अच्छे मॉर्क्स दिलाने, प्रतियोगी परीक्षा में शॉर्टकर्ट से पास कराने, प्रश्न पत्रों की छपाई के लिए प्रिंटिंग प्रेस
की लाइजिनंग करने, पेपर लीक
कराने जैसे तमाम सेटिंग अनंत चुटकियों में करता है. उसके नाम से दो बड़ी एजेंसियां हैं जिसके नाम पर वह टेंडर लेता है. बरार के बारे में एक लाइन में कहा जा सकता है कि वह हर मर्ज की दवा था. छोटी-छोटी सेटिंग से काले कारोबार के शीर्ष पर वह पहुंच चुका है.

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