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नियम: प्रस्तावक बनने से पहले नगर निगम से लेना होगा नो ड्यूज सर्टिफिकेट टैक्स बकाया, तो नहीं बनेंगे प्रस्तावक
पटना: नगर निकाय चुनावों में प्रस्तावकों को भी नगर निगम के सभी तरह के बकाया टैक्स चुकाने होंगे. किसी प्रत्याशी का प्रस्तावक बनने से पहले उन्हें नगर निगम से नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेना होगा. इसे निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित करना होगा. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी पत्र के मुताबिक अगर कोई प्रस्तावक नगर निगम […]
पटना: नगर निकाय चुनावों में प्रस्तावकों को भी नगर निगम के सभी तरह के बकाया टैक्स चुकाने होंगे. किसी प्रत्याशी का प्रस्तावक बनने से पहले उन्हें नगर निगम से नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेना होगा. इसे निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित करना होगा.
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी पत्र के मुताबिक अगर कोई प्रस्तावक नगर निगम क्षेत्र का निवासी है और उसके नाम से कोई होल्डिंग टैक्स या दुकान आदि नहीं है, तो इस बाबत उसे शपथ पत्र देना होगा. शपथ पत्र संबंधित जिला व अनुमंडल के किसी कार्यपालक दंडाधिकारी के पास दिया होना चाहिए. नामांकन के वक्त यह करना अनिवार्य होगा.
दो से अधिक बच्चे न हों : प्रस्तावक को प्रत्याशी के वार्ड का मतदाता होना अनिवार्य है. नगर निकाय चुनाव के नियमावली के मुताबिक 4 अप्रैल, 2008 के बाद तीसरी संतान हुई है, तो वह प्रस्तावक नहीं बन सकेंगे. जुड़वां बच्चों के केस में यह मान्य नहीं होगा.
खुद चुनाव नहीं लड़ सकेंगे : प्रस्तावक किसी एक प्रत्याशी का ही बन सकेंगे. एक बार नामांकन दाखिल हो जाने के बाद वह प्रस्तावक के रूप में नाम वापसी नहीं ले सकेंगे. अत: इस बात का उन्हें ध्यान रखना होगा. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि वह खुद उस वार्ड या फिर अन्य किसी वार्ड से चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
प्रस्तावक अगर पार्षद रह चुके हैं तो : यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर प्रस्तावक पूर्व में नगर निकायों में सदस्य रह चुके हैं और बैठक में लगातार तीन बार अनुपस्थित होने का दोषी पाये गये हैं, तो इस स्थिति में भी वह किसी प्रत्याशी का समर्थन नहीं कर सकेंगे.
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