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बच्चों के नामांकन में अरवल फिसड्डी
पटना : राज्य के निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के नामांकन में अरवल और लखीसराय फिसड्डी है. पिछले चार सालों में जहां अरवल में मात्र 57 गरीब बच्चों का नामांकन हुआ, वहीं, लखीसराय में मात्र 62 बच्चों का एडमिशन हो सका.पटना, भोजपुर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर और पश्चिमी चंपारण ही ऐसे जिले हैं जहां एक […]
पटना : राज्य के निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के नामांकन में अरवल और लखीसराय फिसड्डी है. पिछले चार सालों में जहां अरवल में मात्र 57 गरीब बच्चों का नामांकन हुआ, वहीं, लखीसराय में मात्र 62 बच्चों का एडमिशन हो सका.पटना, भोजपुर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर और पश्चिमी चंपारण ही ऐसे जिले हैं जहां एक हजार से ज्यादा बच्चों का नामांकन हो सका है.
राज्य के निजी स्कूलों में 2011-12 से 2014-15 तक 22,988 गरीब बच्चों का नामांकन हुआ है. ये वैसे बच्चे हैं जो गरीब हैं और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत कोटे के अधीन नामांकन होता है. सरकार इस एवज में निजी स्कूलों को प्रति बच्चे 4,350 रुपये सालाना राशि भी देती है. ऐसे बच्चों का नामांकन करने वाले निजी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने करीब 10 करोड़ (9,99,97,800 रुपये) रुपये आवंटित किये हैं. ये राशि सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना लेखा) को भेजा गया है.
वे इस राशि को संबंधित जिले के निजी स्कूलों को देंगे.शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि पूरी जांच के बाद ही नियम के आधार पर राशि का वितरण संबंधित निजी स्कूलों को किया जायेगा. अगर अनियमित निकासी हुई या फिर अनुशासन हीनता का मामला सामने आने पर निकासी पदाधिकारी की पूरी जिम्मेदारी होगी और उन पर कार्रवाई की जायेगी.
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