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बिजली उत्पादन में होगी पांच गुनी बढ़ोतरी : बिजेंद्र
पटना : राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि एक साल के भीतर यानी मार्च 2018 तक राज्य में बिजली उत्पादन में पांच गुनी बढ़ोतरी होगी. अभी राज्य में 525 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है जो मार्च 2018 में बढ़कर 2650 मेगावाट हो जायेगा. उन्होंने सदन […]
पटना : राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि एक साल के भीतर यानी मार्च 2018 तक राज्य में बिजली उत्पादन में पांच गुनी बढ़ोतरी होगी. अभी राज्य में 525 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है जो मार्च 2018 में बढ़कर 2650 मेगावाट हो जायेगा. उन्होंने सदन में बताया कि इस साल अप्रैल में कांटी की यूनिट संख्या 4 से 195 मेगावाट, बरौनी की यूनिट संख्या 6 से मई में 110 मेगावाट, व नवंबर में यूनिट संख्या 8 व 9 से 500 मेगावाट, नवीनगर की यूनिट संख्या 1 से सितंबर में 660 और यूनिट 2 से मार्च 2018 में 660 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी.
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राज्य में बिजली की दर कई राज्यों से काफी कम है. पिछलेदो साल में बिजली की उपलब्धता में 24.5 फीसदी बढ़ोतरी हुई लेकिन टैरिफ में कोई वृद्धि नहीं हुई. यादव मंगलवार को विधानसभा में ऊर्जा विभाग के 2017-18 के बजट पर वाद-विवाद के बाद उत्तर दे
रहे थे. वाद-विवाद में 18 विधायकों
ने भाग लिया. सरकार के उत्तर से नाखुश विपक्ष सदन से वाक आउट कर गया.कटौती प्रस्ताव भाजपा के अरुण कुमार सिन्हा ने रखा. ऊर्जा मंत्री ने सदन में विस्तार ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा आगे का कार्ययोजना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 2005 से लेकर अभी तक में ऊर्जा के क्षेत्र में काफी काम हुआ है. 2005 में राज्य में 45 ग्रिड और 268 पावर सब स्टेशन था. अभी राज्य में 106 ग्रिड और 674 पीएसएस है.
मार्च 2018 में 152 ग्रिड और 792 पीएसएस हो जायेगा. उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में काम हो रहा है फिर भी सारण, मोतिहारी, कटिहार, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद, भागलपुर, जहानाबाद, अरवल, लखीसराय व बांका में काम की प्रगति धीमी है इस दिशा में कार्रवाई हो रही है. उन्होेंने कहा कि आज राज्य में बिजली के क्षेत्र में जो काम हुआ है उसमें यूपीए सरकार में बिजली मंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे का बड़ा योगदान है.
उन्होंने कहा कि दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना मे राज्यांश 2330 .90 करोड़ और राज्यांश 2496 .33 करोड़ है तो क्यों नहीं इसके मान के साथ मुख्यमंत्री भी जोड़ा जाये. 2018 तक हर घर बिजली ते तहत 40 लाख एपीएल परिवारों को बिजली का कनेक्शन दिया जायेगा. बीआरजीएफ में केंद्र से बकाया राशि नहीं मिली है. 5620 करोड़ कर्ज लेकर हमलोगों ने काम कराया है. बिलिंग व्यवस्था में सुधार हुआ. केंद्र से पूरी आवंटित बिजली भी नहीं मिलती है. सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है.
अपने भाषण में श्री यादव ने कहा कि केंद्र सरकार कोल इंडिया को समाप्त करने जा रही है. उन्होंने चिंता जतायी कि भाजपा सरकार कही रेलवे , बिजली और सड़क को भी निजी हाथों में न सौंप दे. उन्होंने भाजपा के मनोज कुमार के भाषण की सराहना की और कहा कि भाजपा के लोगों को ही नहीं विपक्ष के नेता को भी उनसे सीख लेनी चाहिए.
इन सदस्यों ने लिया वाद- विवाद में लिया भाग
रामकिशुन यादव, मनोज कुमार, प्रहलाद यादव, ललन पासवान, सत्यदेव राम, प्रकाश राय, भागीरथी देवी, रमेश कुशवाहा,अशोक कुमार सिंह, अफाक आलम, कविता सिंह, संजय तिवारी, लाल बाबू राम, निरंजन मेहता. बेबी कुमारी. शंभूनाथ यादव और नरेंद्र कुमार सिंह
ऐतिहासिक तथ्यों का होगा संकलन : मंत्री
कला,संस्कृति एवं युवा मंत्री शिवचंद्र राम ने बताया कि राज्य के जितने भी प्राचीन स्थल हैं उनके ऐतिहासिक तथ्यों का संकलन किया जायेगा. जिन भवनों, किला और स्थलों का ऐतिहासिक तथ्य मिलेगा उनके संरक्षण के लिए कार्रवाई की जायेगी. कला संस्कृति मंत्री विधानसभा में जदयू के श्याम रजक के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे. मंत्री ने बताया कि बक्सर एवं राजपुर के ऐतिहासिक किलों का स्थल निरीक्षण का काम फरवरी में उच्चस्तरीय दल द्वारा किया गया है. इसके बाद राजपुर किले को सुरक्षित घोषित करने की कार्रवाई का निर्णय लिया गया है.
इसके साथ ही बक्सर स्थित किले की दीवार को भी संरक्षित करने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा बिहार में रोहतास, दरभंगा, हथुआ, अमावा, टेकारी, मकशुदपुर में भी ऐतिहासिक स्थल के किले हैं. इनके साथ राज्य में जितने भी ऐतिहासिक महत्व के किले हैं उनके तथ्यों को संकलित करने की कार्रवाई की जा रही है. श्याम रजक ने कला संस्कृति मंत्री से पूछा था कि आजादी के बाद जमींदारी उन्मूलन के समय राज परिवार के किले एवं महल सरकार की संपत्ति बन गयी किंतु देख-रेख नहीं होने के कारण इनमें अधिकांश की स्थिति दयनीय है. भारत सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा इनकी अनदेखी की गयी. राज्य सरकार को बिहार के इन धरोहरों को संरक्षण देने की आवश्यकता है.
रोहतास गढ किला बिहार का ऐतिहासिक धरोहर है. किले में पहुंचने का सुगम रास्ता नहीं है. दरभंगा महाराज का किला 1970 के भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया है. राज परिवार ने इसकी मरम्मती से असमर्थता जतायी थी. 1977 में भारत सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा इसका सर्वेक्षण किया गया था. रख-रखाव के अभाव में बिहार का यह गौरव नष्ट हो रहा है. पटना विश्वविद्यालय के दरभंगा हाउस जर्जर स्थिति में है.
राजनगर का नौलखा पैलेस उत्तर बिहार के दुर्लभ एवं आकर्षक इमारतों में है. गोपालगंज जिले में हथुआ महाराज का पुराना किला एवं अन्य किले की स्थिति दयनीय है.
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