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अब स्कूल भरेंगे ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म : मंत्री

पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 के परीक्षार्थियों द्वारा मैट्रिक व इंटर का परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन भरा जायेगा. शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि इसके लिए संसाधनों की तैयारी पूरी की जा रही है. राज्य के कुल 5160 उच्च व माध्यमिक विद्यालयों में से 1832 में […]

पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 के परीक्षार्थियों द्वारा मैट्रिक व इंटर का परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन भरा जायेगा. शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि इसके लिए संसाधनों की तैयारी पूरी की जा रही है. राज्य के कुल 5160 उच्च व माध्यमिक विद्यालयों में से 1832 में कंप्यूटराइजेशन का काम हो चुका है.
इसमें 832 में तो यह सिस्टम पूरी तरह से काम भी करना शुरू कर दिया है. अगले सत्र में सभी स्कूलों का कंप्यूटराइजेशन कर दिया जायेगा. विधानसभा में समीर कुमार महासेठ के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि उच्च व माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों की वरीयता सूची तैयार कर ली गयी है. जहां पर पद रिक्त हैं वहां पर दो माह के अंदर बहाली कर ली जायेगी. समीर कुमार महासेठ ने शिक्षा विभाग से पूछा था कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक व इंटरमीडिएट की 2017 की परीक्षा के लिए ऑनलाइन फार्म फरने का निदेश स्कूलों को दिया था. इसमें राज्य के 8280 उच्च विद्यालयों में से मात्र 980 उच्च विद्यालयों में ही कंप्यूटर उपलब्ध है. जिन विद्यालयों में कंप्यूटर उपलब्ध नहीं है वहां प्रधानाध्यापक की उपस्थिति में फार्म भराने का विकल्प दिया गया था. राज्य के 3500 उच्च विद्यालयों में प्रधानाध्यापक ही नहीं है तो विद्यार्थियों का फार्म कैसे भरा जायेगा.
भाजपा व वाम दलों के सदस्य आये वेल में
विधानसभा में अलग-अलग मुद्दों पर भाजपा और वाम दलों के सदस्य वेल में आ गये और हंगामा किया. भाजपा के सदस्यों ने वित्त रहित शिक्षकों के वेतन भुगतान व होमगार्ड के जवानों के वेतनमान को लेकर हंगामा किया. उधर वाम दलों के तीन सदस्यों ने बागमती नदी बांध का विरोध करनेवाले लोगों को गिरफ्तार के विरोध में वेल में आकर धरना पर बैठ गये.
विरोधी दल के नेता प्रेम कुमार ने सबसे पहले वित्त रहित शिक्षकों द्वारा इंटर की कॉपी जांच से अलग होने और उनके बकाये वेतन भुगतान की मांग की. उनका कहना था कि इसके कारण विद्यार्थियों की कॉपी जांचने का काम ठप है. इसके साथ ही उन्होंने होमगार्ड के जवानों के वेतनमान की मांग की. वित्त रहित शिक्षकों की मांग पर शिक्षा मंत्री के जवाब देने के बाद शून्यकाल में फिर से विरोधी दल के नेता ने होम गार्ड का सवाल उठाया. आसन के द्वारा अनुमति नहीं मिलने के बाद भाजपा के सदस्य वेल में आ गये. उधर, वाम दलों के तीन सदस्य वेल में बैठ कर बागमती बांध का विरोध करनेवालों गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग कर रहे थे.
शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि सहायक प्राध्यापक नियुक्ति मामले में विभाग के दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी. उन्होंने स्वीकार किया कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन के खिलाफ विभाग से पीएचडी डिग्रीधारी अभ्यर्थियों के संबंध में दिशा निर्देश की मांग की गयी थी. विभाग के नीचे के अधिकारियों की इसमें भूमिका है जिसके कारण दिशा निर्देश नहीं भेजा जा सका. ऐसे दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी.
शिक्षा मंत्री अनिल सिंह के अल्सूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे. प्रश्न था कि विज्ञापन संख्या 51-2014 के आलोक में वर्ष 2002 के पूर्व बेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किया गया था. साथ ही नेट के साथ पीएचडी उपाधिधारी अभ्यर्थियों को पांच अंकों का ग्रेस देने का निर्णय लिया गया था.
बिहार लोक सेवा आयोग ने तीन नवंबर 2016 द्वारा शिक्षा विभाग से 17 नवंबर 2016 तक दिशा निर्देश व मंतव्य की मांग की गयी थी. विभाग द्वारा मंतव्य दिया गया. भाजपा के नंद किशोर यादव ने कहा कि जब बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन निकाला गया तो नियम का पालन क्यों नहीं किया गया. अर्हता विभाग द्वारा निर्धारित की जाती है. मंत्री ने बताया कि सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति में सरकार एक्ट का नहीं बल्कि यूजीसी के गाइड लाइन का पालन करती है. इस दिशा में पटना हाइकोर्ट द्वारा जो आदेश पारित किया गया है उसके विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रही है.

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