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परेशानी : रिजर्व बैंक नहीं बदल रहा फटे और पुराने नोट
पटना : भारतीय रिजर्व बैंक में फटे-पुराने नोट नहीं बदले जाने से हर दिन 50 से 60 लोगों को निराश होकर लौटना पड़ता है. उन्हें संतोषजनक जानकारी भी नहीं दी जाती, जिससे उनमें आये दिन आक्रोश देखा जाता है. उन्हें बस नोट बदलने की प्रक्रिया फिलहाल बंद होने की जानकारी दी जाती है. यह दोबारा […]
पटना : भारतीय रिजर्व बैंक में फटे-पुराने नोट नहीं बदले जाने से हर दिन 50 से 60 लोगों को निराश होकर लौटना पड़ता है. उन्हें संतोषजनक जानकारी भी नहीं दी जाती, जिससे उनमें आये दिन आक्रोश देखा जाता है. उन्हें बस नोट बदलने की प्रक्रिया फिलहाल बंद होने की जानकारी दी जाती है. यह दोबारा कब शुरू की जायेगी, इसकी जानकारी नहीं दी जाती है. फटे-पुराने नोट लाने वाले अधिकतर लोग गांवों से आते हैं. इसका लाभ कमीशन पर नोट बदलने वाले लोग उठाते हैं और मनमाने तरीके से कमीशन लेते हैं. मिली जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद से ही फटे-पुराने छोटे नोट बदलने का काम बंद कर दिया गया था.
तब से नोट बदलने का काम रिजर्व बैंक में बंद है. नोट नहीं बदले जाने से लोगों को परेशानी हो रही है. यह बात बैंक अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि जब तक नया सर्कुलर नहीं आयेगा तब तक फटे-पुराने नोट नहीं बदले जायेंगे. अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों का बैंक में खाता है. वह अपने बैंक में ऐसे नोट जमा कर सकते हैं. अगर बैंक फटे-पुराने नोट नहीं स्वीकार करते हैं, तो वे रिजर्व बैंक को शिकायत कर सकते हैं.
मेरे पास 50 रुपये के आठ नोट और 100 रुपये के पांच नोट हैं. जब मैं नोट लेकर रिजर्व बैंक पहुंचा तो कर्मचारी ने बताया कि अभी पुरानी नोट बदले का काम बंद है. हालांकि उसने यह नहीं बताया कि कब से शुरू होगा.
मोहम्मद असरफ, मसौढ़ी
मेरे पास 20, 50 तथा 100 रुपये के 600 नोट हैं. बैंक में ये नोट जमा करने गया, तो बैंक ने यह कहते हुए नहीं जमा लिया कि नोट काफी खराब हैं, तो मैं रिजर्व बैंक चला आया. कोई भी सही जवाब देने को तैयार नहीं है.
राम बालक महतो, हाजीपुर
स्टेट बैंक की 75 एटीएम कैश आउट, लोग रहे परेशान
पटना : पटना जिला स्थित भारतीय स्टेट बैंक की 322 एटीएम में से 75 कैश आउट होने के कारण बंद रहीं. इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. जानकारी के अनुसार गुरुवार को इसकी संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि रिजर्व बैंक द्वारा बैंक की मांग के अनुसार कैश उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. एटीएम में कैश आउट की समस्या केवल पटना जिले में ही नहीं पूरे बिहार-झारखंड में है. सूत्रों के अनुसार 75 एटीएम में कैश आउट की समस्या मंगलवार देर शाम से ही बनी हुई थी. बिहार-झारखंड की एटीएम में डालने के लिए 500 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, लेकिन पिछले कुछ सप्ताह से 250 करोड़ रुपये ही डाले जा रहे हैं.
भारतीय स्टटे बैंक के एजीएम (एटीएम परिचालन) आनंद विक्रम ने बताया कि पटना जिले के करीब 65 एटीएम कैश आउट के कारण बंद रहीं. बैंक का प्रयास है कि इस समस्या को जल्द दूर किया जा सके. पर्याप्त कैश उपलब्ध कराने के लिए रिजर्व बैंक को पत्र भी लिखा गया है. गुरुवार को देर शाम तक स्थिति सामान्य हो जायेगी.
चार दिन बाद बैंक खुला अफरा-तफरी नहीं दिखी
पटना. चार दिनों के बुधवार को बैंक खुले लेकिन कहीं भी अफरा-तफरी का माहौल नहीं मिला. बैंकों में सामान्य दिनों की तरह भीड़ देखने काे मिली. लोगों में खाता से पैसेे निकालने की लिमिट रिजर्व बैंक द्वारा समाप्त किये को लेकर चर्चा आम रही. अनुमान लगाया जा रहा था कि चार दिन बैंक बंद होने के कारण ग्राहकों की भीड़ अधिक होगी, पर ऐसा नहीं हुआ.
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