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सरकारी अस्पतालों में प्रतिमाह 10 हजार से अधिक पहुंच रहे मरीज

घट रही थी अस्पतालों में मरीजों की संख्या, अब इजाफा पटना : राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर से जनता का भरोसा बढ़ा है. यही कारण है कि दो साल तक लगातार सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या घटने के बाद फिर से इसमें इजाफा हुआ है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रति माह […]

घट रही थी अस्पतालों में मरीजों की संख्या, अब इजाफा
पटना : राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर से जनता का भरोसा बढ़ा है. यही कारण है कि दो साल तक लगातार सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या घटने के बाद फिर से इसमें इजाफा हुआ है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रति माह मरीजों की संख्या बढ़कर वर्ष 2016 में 10,232 हो गयी है. वर्ष 2005 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिमाह आनेवाले मरीजों की संख्या महज 49 थी. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि सेवाओं में सुधार के बाद मरीजों का आकर्षण सरकारी अस्पतालों के प्रति बढ़ा है. 2005 के बाद से सरकारी अस्पतालों में आनेवाले मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. इस वृद्धि में वर्ष 2014 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आनेवाले मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गयी.
वर्ष 2013 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिमाह आनेवाले मरीजों की संख्या जहां 10476 थी. वर्ष 2014 में इसकी संख्या घटकर प्रति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 9871 हो गयी. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में पहली बार 5.8 फीसदी की कमी दर्ज की गयी. वर्ष 2015 में भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आनेवाले मरीजों की संख्या में 0.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी. इस वर्ष प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आनेवाले मरीजों की संख्या प्रति माह घटकर 9778 हो गयी थी. वर्ष 2016 में इसकी संख्या में फिर से वृद्धि दर्ज की गयी है. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रति माह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचनेवाले मरीजों की संख्या में 4.6 फीसदी की वृद्धि हुई है. अब प्रति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 10232 मरीज हर माह अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों का दावा है कि स्वास्थ्य सेवाओं की मॉनीटरिंग और संरचना में विकास के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है. इसके अलावा पिछले वर्ष चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति का असर भी मरीजों की देखभाल पर पड़ा है. राज्य में वर्तमान में प्रति लाख आबादी पर किसी न किसी तरह के स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या औसतन 11 है. इसके अलावा 2015 में राज्य के 533 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 130 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को 30 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में विकसित किया गया है.

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