Advertisement
स्वच्छता सर्वे में 80वें स्थान पर पटना, फाइनल सूची आज
2015 में पटना 429वें, जबकि 2016 में 63वें स्थान पर रहा था केंद्र की ओर से जारी होगी 500 शहरों की सूची पटना : स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में पटना मंगलवार को 80वें रैंक पर पहुंच गया. शहर ने रैंकिंग में लगातार उछाल जारी रखते हुए सर्वेक्षण की शुरुआती रैंकिंग 135 से चल कर यह स्थान […]
2015 में पटना 429वें, जबकि 2016 में 63वें स्थान पर रहा था
केंद्र की ओर से जारी होगी 500 शहरों की सूची
पटना : स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में पटना मंगलवार को 80वें रैंक पर पहुंच गया. शहर ने रैंकिंग में लगातार उछाल जारी रखते हुए सर्वेक्षण की शुरुआती रैंकिंग 135 से चल कर यह स्थान प्राप्त किया है. हालांकि, अभी यह शहर की वास्तविक रैंकिंग नहीं है.
मंगलवार को 200 से अधिक स्वच्छता एप डाउनलोड करने व एप की समस्याओं के निबटारा के बाद और केंद्र सरकार की टीम ने सफाई कार्यों की जो जांच की है, उसकी रिपोर्ट के बाद बुधवार को सर्वेक्षण को अपडेट किया जायेगा. यानी पटना की रैंकिंग अंतिम बार भी उछाल ले सकती है. जानकारों की मानें, तो पटना की स्थिति 70 से 75वें रैंक तक पहुंचने की पूरी संभावना है. पटना में अब तक कुल 1847 लोगों ने स्वच्छता एप को डाउनलोड किया है. एप का सर्वेक्षण 600 अंकों का है, जबकि कुल सर्वेक्षण दो हजार अंकों का है.
सर्वेक्षण में ठोस कचरा प्रबंधन, घर-घर से कूड़ा उठाव, सड़क पर झाडू लगाना, कचरे का निष्पादन, निजी व सामुदायिक शौचालय की स्थिति, सफाई को लेकर लोगों की आदतों में सुधार और सफाई को लेकर शिक्षा को आधार बनाया गया है.
दो सर्वेक्षणों में पटना की स्थिति रही खराब : मोदी सरकार आने के बाद लगातार दो बार सफाई का सर्वेक्षण किया जा चुका है. बीते दो सर्वेक्षण में पटना की स्थिति खराब रही है. पहली बार सर्वेक्षण 2015 में कुल 476 शहरों का किया गया था. इसमें पटना की स्थिति बेहद खराब थी.
इसमें पटना का स्थान 429वां था. इसके बाद सर्वेक्षण 2016 में देश के दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले 73 शहरों का सर्वेक्षण हुआ. इसमें भी पटना की स्थिति बेहतर नहीं रही. इस सर्वेक्षण में पटना की रैंकिंग टॉप फोर गंदे शहरों में रही और रैंकिंग 69 रही थी. मैसूर एक नंबर पर रहा था.
ग्वालियर नंबर वन : मंगलवार तक स्वच्छता साइट पर ग्वालियर नंबर वन बना हुआ है. इसके बाद जबलपुर, फिर तीसरे स्थान पर रतलाम बना हुआ है. इसके अलावे बिहार का दूसरा शहर बिहारशरीफ पटना से आगे है. इसकी रैंकिंग 66वें नंबर पर बनी हुई है.
सर्वेक्षण में नंबर वन बने तो क्या होगा फायदा
सर्वेक्षण में नंबर वन रहने पर सबसे अधिक फायदा होगा कि शहर की छवि सफाई के मामले में सुधरेगी, जो अभी तक खराब रही है. इसके अलावे नंबर आनेवाले शहर को केंद्र सरकार की ओर से प्रोत्साहन स्वरूप पांच करोड़ की राशि मिलेगी. वहीं, दूसरा फायदा स्मार्ट सिटी को लेकर होगा. सर्वेक्षण में जितना अधिक अच्छा अंक आयेगा, शहर की दावेदारी स्मार्ट सिटी को लेकर उतनी ही मजबूत होगी.
पटना : शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण से लेकर स्मार्ट सिटी की तैयारी का अंतिम दौर चल रहा है. मंगलवार तक सर्वेक्षण में अंतिम रूप से लोगों को फीडबैक देना था. निगम की ओर से लोगों को मोबाइल वैन से लेकर मुहिम चला कर, वाइ-फाइ सुविधा दे कर स्वच्छता एप डाउनलोड कराना था, लेकिन निगम में नगर आयुक्त ही नहीं है.
27 फरवरी से लेकर दो मार्च तक वर्तमान नगर आयुक्त अभिषेक सिंह अवकाश पर हैं. उन्होंने नगर आयुक्त का प्रभार लिखित रूप से शीर्षत कपिल अशोक को दिया था. लेकिन, उन्होंने अभी तक ज्वाइन नहीं किया. शीर्षत कपिल अशोक भी एक मार्च तक अवकाश पर हैं. जानकारी के अनुसार उन्होंने भी अब दो मार्च तक अवकाश बढ़ा लिया है. इस मौके पर निगम में आयुक्त का नहीं होना, बेहद हैरान करनेवाला है.
कचरा को ढक कर ले जाने का निर्देश : इधर अपर नगर आयुक्त ने सभी कार्यपालक पदाधिकारियों को शहर में कचरा उठाव के लिए चलनेवाले वाहनों को ढक कर ले जाने का निर्देश जारी किया है.
साथ ही टूटे हुए टैक्टर से रास्ते में कचरा गिरने पर भी रोक लगाने को कहा गया है. हालांकि, ये अलग बात है कि निगम मुख्यालय से इस तरह के आदेश कई बार आते रहे हैं, लेकिन सुधार के नाम पर कुछ नहीं होता.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement