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सभी पक्षों ने रखी अपनी बात
बिजली टैरिफ दर बढ़ाने को लेकर हुई जन सुनवाई पटना : साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए बिजली टैरिफ दर बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है. प्रस्तावित टैरिफ दर पर सोमवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी की अध्यक्षता में जन सुनवाई का आयोजन किया […]
बिजली टैरिफ दर बढ़ाने को लेकर हुई जन सुनवाई
पटना : साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए बिजली टैरिफ दर बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है. प्रस्तावित टैरिफ दर पर सोमवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी की अध्यक्षता में जन सुनवाई का आयोजन किया गया.
जन सुनवाई कार्यक्रम की शुरुआत में विद्युत कंपनी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कहा कि पिछले साल की तुलना में ग्रामीण विद्युतीकरण क्षेत्र में काफी काम किया गया है, जिससे 25 प्रतिशत विद्युत लोड में बढ़ोतरी हुई है. बाजार से बिजली खरीद कर ग्रामीण क्षेत्रों में 16 से 18 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
वहीं, राज्य सरकार से अनुदान राशि नहीं मिलेगी और डिस्ट्रीब्यूशन लॉस भी है, तो इसकी भरपाई टैरिफ दर बढ़ा कर ही कर सकते हैं. हालांकि, ससमय और ऑनलाइन बिजली भुगतान करनेवाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर एक प्रतिशत की छूट देने का भी प्रावधान किया गया है. जन सुनवाई में उपस्थित उपभोक्ताओं ने कंपनी की दलील के बाद कहा कि डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कम करने को लेकर कंपनी कोई प्रयास नहीं कर रही है. साथ ही बिलिंग व्यवस्था भी लचर है. इस लचर व्यवस्था और नाकामी से होरहे नुकसान की भरपाई टैरिफ दर बढ़ा कर करने की कोशिश की जा रही है.ग्रामीण क्षेत्रों में ससमय बिल पहुंचना चुनौती : प्रोजेक्ट निदेशक एसकेपी सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ससमय बिजली बिल पहुंचाना चुनौती है. इस चुनौती पर काम करना शुरू कर दिया गया है.
पंचायत स्तर पर कार्ययोजना तैयार की गयी है. इस कार्ययोजना के तहत कनीय अभियंता सप्ताह में एक दिन चार रजिस्टर लेकर बैठेंगे, जहां कृषि को लेकर कनेक्शन, घरेलू कनेक्शन, एपीएल व बीपीएल कनेक्शन और शिकायत को दर्ज किया जायेगा. इस रजिस्टर में दर्ज शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी.
दर बढ़ाने का दिया संकेत : विद्युत उपभोक्ताओं की बात सुनने के बाद बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी ने कहा कि विद्युत कंपनी को राज्य सरकार से अनुदान मिल रही थी, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिल रहा था. वहीं, डिस्ट्रीब्यूशन लोड भी काफी है. हालांकि, विद्युत कंपनी से लिखित अनुदान को लेकर जवाब मांगा गया है.
उपभोक्ताओं के हित की बात होनी चाहिए
वैशाली उपभोक्ता संघ के प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं की हित की बात होनी चाहिए, सिर्फ टैरिफ बढ़ाने से काम नहीं चलनेवाला है. विद्युत कंपनी कहती है कि नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी क्षेत्र में 30 प्रतिशत और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी क्षेत्र में 24 प्रतिशत डिस्ट्रीब्यूशन लॉस हो रहा है.
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त बिजली उपलब्ध करायी जा रही है, लेकिन राजस्व की वसूली कम क्यों हो रही है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. विद्युत उपभोक्ता रास नारायण सिंह ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूशन लॉस का मुख्य कारण बिजली की चोरी है, जिस पर विद्युत कंपनी नकेल नहीं कस रही है. ट्रांसमिशन क्षेत्रों में काफी काम हो रहा है और कंपनी का संपत्ति भी बढ़ रही है.
हालांकि, ट्रांसमिशन व संपत्ति पर हो रहे खर्च बता कर टैरिफ दर बढ़ायी जा रही है. आंतरिक अंकेक्षण विद्युत कंपनी का अंग है. इसके आधार पर टैरिफ दर को बढ़ाना जायज नहीं. है. ग्रामीण क्षेत्रों में लगे ट्रांसफॉर्मरों पर स्थानीय दबंगों का कब्जा है, जो बिल की वसूली कर अपने जेब भरते हैं और कंपनी की आमदनी शून्य है.
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