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शिक्षकों का विधानमंडल का घेराव
प्रदर्शन. समान वेतन सहित कई मांगों को लेकर विभिन्न संघों ने दिया धरना समान काम के लिए समान वेतन की मांग पटना : समान काम के लिए समान वेतन की मांगों को लेकर प्रदेश के कई शिक्षक संगठन एकजुट होकर सड़क पर उतरे. इस दौरान सभी संगठनों ने अपने-अपने तरीके से विधानमंडल का घेराव किया. […]
प्रदर्शन. समान वेतन सहित कई मांगों को लेकर विभिन्न संघों ने दिया धरना
समान काम के लिए समान वेतन की मांग
पटना : समान काम के लिए समान वेतन की मांगों को लेकर प्रदेश के कई शिक्षक संगठन एकजुट होकर सड़क पर उतरे. इस दौरान सभी संगठनों ने अपने-अपने तरीके से विधानमंडल का घेराव किया. बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ और नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया. इस दौरान नियाेजित शिक्षक और पुस्तकालय अध्यक्ष भी मौजूद थे.
प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू और नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ गणेश शंकर ने बताया कि नियोजित शिक्षकों की समस्याओं के प्रति सरकार गंभीर नहीं है. इस कारण हमें संघर्ष करना पड़ रहा है. वहीं, बिहार राज्य डिग्री महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ की ओर से धरना दिया गया. महासंघ के प्रधान संयोजक डाॅ शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा ने बताया कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग कई महीनों से की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी लागू करने का आदेश दे दिया है. इसके बाद भी अभी तक मांग नहीं मानी गयी है.
पटना : बिहार राज्य आशा संघ की ओर से सोमवार को विशाल जुलूस निकाला गया. जुलूस गर्दनीबाग स्टेडियम से विधानसभा की ओर निकला. जहां विधानसभा गेट के पास पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई.
इसके बाद जुलूस सभा में तब्दील हो गयी. सभा को संबोधित करते हुए संघ की अध्यक्ष बेबी कुमारी ने कहा कि आशा को उसके काम को देखते हुए उचित मानदेय देने के लिए सरकार ने अशोक चौधरी कमेटी का गठन किया था. जिसकी रिपोर्ट कमेटी ने दी है. इसके बावजूद सरकार इसे लागू नहीं कर रही है. बजट सत्र में बिहार सरकार आशा को 18 हजार मानदेय देने की घोषणा करें. भाकपा राज्य सचिव मंडल सदस्य राम बाबू कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार आशाकर्मी का शोषण कर रही है. एटक बिहार के सचिव गजनफर नवाब ने कहा कि बिहार भर की आशा संगठित होकर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज करें. मौके पर किसान नेता रामजीवन सिंह, पटना जिला एटक के हरदेव ठाकुर, ट्रांसपोर्ट यूनियन के अनंत शर्मा समेत अन्य उपस्थित रहे.
नियमित वेतन देने की मांग : बिहार राज्य साक्षरता प्रेरक समन्वयक संघ का दो दिवसीय धरना सोमवार से शुरू हुआ. संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनुज कुमार राय ने बताया कि सभी जिलों के प्रखंड समन्वयक और पंचायत के प्रेरक मौके पर मौजूद थे. पांच सूत्री मांगों को लेकर धरने का आयोजन किया गया है. 2011 में सभी जिलों से प्रेरक समन्वयक का चयन किया गया. अभी भी सभी कार्यरत है. प्रेरक समन्वयकों का समायोजन किया जाये. इसके अलावे नियमित वेतन दिया जाये.
सड़क पर उतरे 10 हजार मदरसा शिक्षक
मदरसाें में कांट्रैक्ट सिस्टम को समाप्त करने को लेकर प्रदेश भर के मदरसाशिक्षकों ने सोमवार को गर्दनीबाग में धरना दिया. मौके पर 10 हजार शिक्षक मौजूद थे. मदरसा डेवलपमेंट संगठन की ओर से आंदोलन का आयोजन किया गया.
संगठन के महासचिव सैयद फतह अहमद ने बताया कि हमें छठे वेतनमान का भी लाभ नाम मात्र का मिल रहा है. हमें समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. इसके लिए सरकार को 25 फरवरी तक का समय दिया गया था. लेकिन, सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया गया. एक मार्च से प्रदेश भर के शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.
सेवा नियमावली नहीं हुई लागू :
पटना. बिहार प्रदेश 10+2 व्यावसायिक शिक्षकों के लिए सेवा नियमावली को 15 दिन निकल जाने के बाद भी लागू नहीं की गयी है. बिहार प्रदेश प्लस-टू व्यावसायिक शिक्षा संघ के महासचिव वरुण कुमार सिंह ने कहा कि मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने सेवा नियमावली को लागू करने के आदेश दिये, लेकिन 15 दिन बाद भी इसे लागू नहीं किया गया है.
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