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गंगा पर राजनीति नहीं, वैज्ञानिक दृष्टि से विचार करने की जरूरत
पटना : वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि गंगा सहित सभी नदियों की अविरलता बनी रहे इसके लिए राजनीति से अलग हट कर वैज्ञानिक दृष्टि से विचार करने की जरूरत है. केंद्र सरकार ने अब तक आधा दर्जन पत्र लिख कर यह स्पष्ट कर दिया है कि इलाहाबाद […]
पटना : वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि गंगा सहित सभी नदियों की अविरलता बनी रहे इसके लिए राजनीति से अलग हट कर वैज्ञानिक दृष्टि से विचार करने की जरूरत है. केंद्र सरकार ने अब तक आधा दर्जन पत्र लिख कर यह स्पष्ट कर दिया है कि इलाहाबाद से हल्दिया के बीच गंगा पर कोई बराज नहीं बनाया जायेगा, तो फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध क्या हवा में तलवार चलाने जैसा नहीं है.
भारत–बांग्लादेश समझौता के तहत निर्मित फरक्का बराज को तोड़ना तो मुख्यमंत्री के वश की बात नहीं है. गंगा की अविरलता के लिए क्या पटना के आसपास जो सैकड़ों मकान और ईंट–भट्ठे बन गये हैं, उन्हें तोड़ने–हटाने पर विचार करेंगे. 1937 में राजेन्द्र बाबू की पहल पर पटना में हुए एक सम्मेलन का भी निष्कर्ष था कि ‘तटबंध लाभ के मुकाबले अधिक नुकसान पहुंचाते हैं. राज्य में पिछले 50 वर्षों में तटबंधों की लंबाई कई गुना बढ़ने के साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र तीन गुना बढ़ गया.
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