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दूसरे वार्ड में नाम होने पर पदाधिकारी होंगे दंडित
पटना : राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी मतदाता का नाम दूसरे वार्ड में शामिल नहीं होना चाहिए. नगरपालिका के वार्डों की भौगोलिक सीमा का सत्यापन करते हुए उसकी चौहद्दी के अंदर रहनेवाले वोटरों का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाये. आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि […]
पटना : राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी मतदाता का नाम दूसरे वार्ड में शामिल नहीं होना चाहिए. नगरपालिका के वार्डों की भौगोलिक सीमा का सत्यापन करते हुए उसकी चौहद्दी के अंदर रहनेवाले वोटरों का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाये. आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी मतदाता का नाम दूसरे वार्ड में पाये जाने की शिकायत मिलने पर संबंधित निबंधन पदाधिकारी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी.
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन ने बताया कि कुछ जिलों से इस तरह की सूचना मिल रही है कि नगरपालिका मतदाता सूची के प्रारूप में मतदाताओं का नाम दूसरे वार्ड में शामिल कर दिया गया है. अगर इस तरह की शिकायत मिलती है तो निबंधन पदाधिकारी की जिम्मेवारी है कि वह सभी ऐसे मतदाताओं से आवेदन ले लें. उस आवेदन के आधार पर ही संशोधन किया जाये. इसके लिए किसी तरह का प्रपत्र निर्धारित नहीं किया गया है.
इस बार बूथ के साथ मतदाता सूची प्रकाशित की जानी है. ऐसे में इस तरह की गलतियां नहीं होनी चाहिए. निबंधन पदाधिकारी को ऐसी गलतियों के बारे में जानकारी होती है, तो वह स्वप्रेरणा से जांच कर उसमें संशोधन का लिखित आदेश दे सकते हैं. मतदाता दावा-आपत्ति 28 फरवरी तक कर सकते हैं. 20 मार्च को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जायेगा.
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