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सिलेबस पूरा हुआ नहीं, तो विद्यार्थी कैसे देंगे मैट्रिक की बोर्ड परीक्षा

रिंकू झा पटना : मैट्रिक की परीक्षा का बस दो हफ्ता रह गया है. हमेशा की तरह इस बार भी सिलेबस अाधा-अधूरा ही रह गया. स्कूल में शिक्षक के साथ विद्यार्थी भी गायब रहें. सिलेबस को पूरा करने के लिए साल भर राज्य सरकार की ओर से स्कूलों पर दबाव दिया गया. लेकिन, अब जब […]

रिंकू झा
पटना : मैट्रिक की परीक्षा का बस दो हफ्ता रह गया है. हमेशा की तरह इस बार भी सिलेबस अाधा-अधूरा ही रह गया. स्कूल में शिक्षक के साथ विद्यार्थी भी गायब रहें. सिलेबस को पूरा करने के लिए साल भर राज्य सरकार की ओर से स्कूलों पर दबाव दिया गया. लेकिन, अब जब मैट्रिक की परीक्षा का समय आ गया, तो फिर जस-की-तस स्थिति बनी हुई है. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि 85 फीसदी स्कूलों में सिलेबस पूरा नहीं हो पाया है. इसका असर मैट्रिक के रिजल्ट पर फिर दिखेगा.
854 स्कूलों में ही है हर विषय के शिक्षक : विज्ञान, गणित और अंगरेजी के शिक्षकों को रख कर सिलेबस को पूरा करने का आदेश सरकार ने तो दे दिया. लेकिन, इन तीनों विषयों के अलावा सामाजिक विज्ञान, हिंदी, संस्कृत में भी शिक्षकों की भारी कमी है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की बात करें, तो प्रदेश भर में 5,391 स्कूल हैं. इसमें से 854 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर माध्यमिक स्तर के पांचों विषयों के शिक्षक मौजूद हैं. बाकी 4,537 स्कूलों में हर विषय के शिक्षक उपलब्ध नहीं है. विज्ञान में 1538 पद रिक्त है. गणित विषय में 1643 शिक्षकों के पद रिक्त है. समाजिक विज्ञान में 1533 शिक्षकों का पद रिक्त है. छोटे विषय में भी शिक्षकों की कमी है. ऐसे में संगीत में 475, मैथिली 35, गृह विज्ञान में 34 शिक्षकों के पद रिक्त हैं.
सबसे ज्यादा पटना जिला में शिक्षकों का कमी : सबसे ज्यादा पटना जिले में शिक्षकों की कमी है. जिले में 970 शिक्षकों की कमी है. पूर्वी चंपारण में 734 शिक्षक माध्यमिक स्कूलों में विभिन्न विषयों में कम है. शिक्षकों की कमी हर जिले में है. ऐसे में कहीं पर भी सिलेबस पूरा नहीं हो पाया है. स्कूलों में सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों की कमी है.
प्राइवेट स्कूलों के सामाजिक विषय के शिक्षक सरकारी स्कूलों में तैयारी करवाने जाते भी हैं. लेकिन, उन्हें यह कह कर लौटा लिया जाता है कि तीन ही विषय के शिक्षकाें को रखने का आदेश है. ऐसे में पटना जिला शिक्षा कार्यालय में हर दिन शिक्षक पहुंच रहे हैं.ऐसे में जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से स्कूलों को आदेश दिया जा रहा है कि जिस विषय में शिक्षक नहीं है, उसमें भी शिक्षकों को रखा जायें.
विषय शिक्षकों की कमी
गणित 1644
विज्ञान 1538
सामाजिक विज्ञान 1533
हिंदी 2215
अंगरेजी 2343
संस्कृत 1164
उर्दू 803
नियोजन की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही रिक्त पदों पर बहाली कर ली जायेगी. बहाली के बाद शिक्षकों की कमी दूर हो जायेगी. हर विषय की रिक्त पदों पर शिक्षक बहाल किये जायेंगे.
राजीव प्रसाद सिंह रंजन, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा

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