21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

न जांच में सहयोग, न आदेश माना रोक के बाद भी खड़ा किया होटल

पटना : शहर में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई पर नगर निगम की चाल सुस्त है. कभी नियमों का पेच लगाकर मामला को ठंडा कर दिया जाता है, तो कभी नगर आयुक्त कोर्ट से फैसला आने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होती है. कई बार ट्रिब्यूनल और हाइकोर्ट से फैसला आने के बाद भी कार्रवाई […]

पटना : शहर में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई पर नगर निगम की चाल सुस्त है. कभी नियमों का पेच लगाकर मामला को ठंडा कर दिया जाता है, तो कभी नगर आयुक्त कोर्ट से फैसला आने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होती है.
कई बार ट्रिब्यूनल और हाइकोर्ट से फैसला आने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती. श्रीकृष्णापुरी पीआरडीए के आवंटित भूखंड पर होटल बुद्धा इन का मामला भी अवैध निर्माण का ही है. मामला अभी ट्रिब्यूनल में चल रहा है, लेकिन जब नगर आयुक्त कोर्ट से निर्माण पूरा होने से पहले ही अवैध करार दिया गया हो और निर्माण को पूरा करने पर रोक लगायी गयी हो, तो यह बड़ा सवाल है कि आखिर निर्माण कैसे पूरा हो गया और निर्माण को रोकने के लिए नगर निगम स्तर से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. और आज इसका व्यावसायिक उपयोग क्यों हो रहा है.
मामला पुराना है, इसलिए इसकी जानकारी ली जायेगी. अगर निगम स्तर पर कुछ भी नियम संगत करना होगा, तो वह कार्रवाई होगी.
अभिषेक सिंह, नगर आयुक्त
बिल्डिंग बायलॉज का भी है उल्लंघन
होटल बुद्धा इन का मामला भी बिल्डिंग बायलाॅज के उल्लंघन का ही है. नगर निगम ने निर्माण के समय ही इस पर कार्रवाई शुरू कर दी थी. होटल पर निगरानीवाद 93 ए / 2013 के तहत कार्रवाई शुरू की गयी थी. कार्रवाई के समय ही निर्माणकर्ता की ओर से निगम की कार्रवाई में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया गया. कई बार जांच के लिए गयी टीम को बैरन लौटना पड़ा था. इसके बाद शहर के कई माननीय भी इसके बचाव में आ गये थे. इसके बाद तात्कालिक नगर आयुक्त ने मामले को गंभीरता से लिया था और तमाम दबाव के बावजूद इस पर कार्रवाई शुरू की गयी थी. नगर आयुक्त ने उस समय अपने फैसले में आवासीय क्षेत्र में होटल बनाने व बायलाॅज के उल्लंघन के आरोप में फैसला सुनाया गया था.
सुनवाई होती रही, निर्माण पूरा हो गया
भले ही 2013 में इस बिल्डिंग पर निगरानीवाद नगर निगम ने शुरू किया हो और उस समय जी प्लस पांच व उसके ऊपर हो रहे निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी थी. इसके बावजूद उस समय भी निर्माण पर निर्माणकर्ता ने रोक नहीं लगायी और निर्माण तेजी से चलता रहा. फिलहाल होटल बन कर तैयार हो चुका है. निर्माण पूरा होने के साथ उसका व्यावसायिक उपयोग भी किया जा रहा है.
निजाम बदलते ही रुक गयी कार्रवाई
अवैध निर्माण पर कार्रवाई को लेकर सबसे चर्चित कार्यकाल बतौर नगर आयुक्त कुलदीप नारायण का रहा है. इस दौरान कुलदीप नारायण ने शहर के दर्जनभर से अधिक अवैध निर्माणों पर फैसला दिया और इन पर कड़ी कार्रवाई की गयी. इसके बाद किसी नगर आयुक्त ने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई को लेकर उस तरह की दिलचस्पी नहीं दिखायी. ऐसी उम्मीद जतायी जा रही थी कि वर्तमान नगर आयुक्त अभिषेक सिंह भी कार्रवाई करेंगे. लेकिन, उन्होंने अपने स्तर से किसी भी बड़ेनिर्माण पर कार्रवाई नहीं की है, भले ही हाइकोर्ट स्तर पर से फैसला क्यों न आ
गया हो.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें