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सरकारी अस्पतालों में निगेटिव ग्रुप का ब्लड खत्म

आनंद तिवारी पटना : सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक में निगेटिव ग्रुप के खून का संकट हो गया है. पीएमसीएच व आइजीआइएमएस जैसे अस्पताल में एक यूनिट भी निगेटिव ग्रुप का ब्लड नहीं है. वहीं, बाकी ब्लड बैंकों में कहीं एक यूनिट निगेटिव ग्रुप का खून है, तो कहीं दो. इससे पीएमसीएच में मरीजों को […]

आनंद तिवारी
पटना : सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक में निगेटिव ग्रुप के खून का संकट हो गया है. पीएमसीएच व आइजीआइएमएस जैसे अस्पताल में एक यूनिट भी निगेटिव ग्रुप का ब्लड नहीं है.
वहीं, बाकी ब्लड बैंकों में कहीं एक यूनिट निगेटिव ग्रुप का खून है, तो कहीं दो. इससे पीएमसीएच में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन, जिम्मेवार अधिकारी मौन साधे हैं. जबकि, यह समस्या एक माह से है.
दो यूनिट ब्लड के लिए मारामारी : जयप्रभा सरकारी ब्लड बैंक में भी निगेटिव ग्रुप के खून नहीं उपलब्ध होने से परेशानी बढ़ गयी है. यहां भी दो यूनिट ही निगेटिव ग्रुप का ब्लड है.हालात यह है कि एक-एक यूनिट के लिए मारामारी है. मरीजों को खून के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
चार दिन बाद ऑपरेशन : निगेटिव ग्रुप का खून नहीं होने के चलते 70 साल की एक महिला का ऑपरेशन चार दिन तक नहीं हो पाया. करुणा सेन अपने परिवार के साथ पटना में रहती हैं. उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गयी थी. डॉक्टर ने सर्जरी की बात कही. बी निगेटिव ग्रुप के खून लाने को डॉक्टरों ने कहा. परिजन चार दिन तक भटकते रहे, हालांकि मंगलवार को खून उपलब्ध हो गया. इसके बाद ऑपरेशन हुआ.
खून के लिए भटक रहे परिजन
मरीज की जान बचाने के लिए परिजन निगेटिव ग्रुप के खून की तलाश में एक से दूसरे अस्पताल की खाक छान रहे हैं. काफी जद्दोजहद के बाद मरीजों को खून मिल रहा है. कई बार तो मरीजों को निगेटिव ग्रुप के खून के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है.
इनके लिए तो और मुसीबत
सबसे ज्यादा मुश्किलें तो प्राइवेट अस्पताल में भरती मरीजों को झेलनी पड़ रही हैं. क्योंकि, सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक अपने मरीजों को प्राथमिकता के तौर पर खून उपलब्ध कराते हैं. इसके बाद प्राइवेट अस्पताल में भरती मरीजों को खून देते हैं. ऐसे में खून का संकट प्राइवेट अस्पताल के मरीजों के लिए मुश्किलें दोगुनी हो जात है.
आइजीआइएमएस
हमारे यहां निगेटिव ग्रुप का खून नहीं है. हमने ब्लड बैंक के कर्मचारी को बुलाया था. कैंप लगाकर यह समस्या जल्द दूर की जायेगी. उम्मीद है कि एक सप्ताह के अंदर निगेटिव ग्रुप का खून मरीजों को मिलना शुरू हो जायेगा.
– डॉ एनआर विश्वास, डायरेक्टर, आइजीआइएमएस
पीएमसीएच
हमारे यहां पॉजिटिव ग्रुप के खून की कमी नहीं है. सैकड़ों यूनिट खून हैं. हालांकि ओ निगेटिव और ए निगेटिव ब्लड की समस्या होती है. लेकिन, हमारी टीम मंगलवार को ही विधानसभा गयी थी. कई ग्रुप के खून आ गये हैं. ब्लड डोनेशन कैंप से भी ब्लड आ रहे हैं. समस्या जल्द ही दूर हो जायेगी.
– डॉ लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच
ब्लड 35 दिन तक ही स्टोरेज किया जाता है. जरूरत के अनुसार लोगों को ब्लड भी दिया जाता है. अगर लोगों में जागरूकता आ जाये और वे अधिक से अधिक कैंप में ब्लड डोनेट करें तो यह समस्या खत्म हो जायेगी.
डॉ एनके गुप्ता, उप निदेशक, बिहार हेल्थ एड्स कंट्रोल सोसाइटी व रक्त सुरक्षा अधिकारी

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