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नहर-सिंचाई योजनाओं के काम सुस्त
पांच नहर-सिंचाई योजनाओं के लिए जारी हुए 120.27 करोड़, खर्च हुए मात्र 31.36 करोड़ पटना :किसानों को सिंचाई की अधिक-से अधिक सुविधा मुहैया कराने को लेकर जल संसाधन विभाग ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को हरी-झंडी तो दी है, पर उन योजनाओं पर विभिन्न प्रमंडलों में काम की रफ्तार इतनी सुस्त है कि उनका तय समय […]
पांच नहर-सिंचाई योजनाओं के लिए जारी हुए 120.27 करोड़, खर्च हुए मात्र 31.36 करोड़
पटना :किसानों को सिंचाई की अधिक-से अधिक सुविधा मुहैया कराने को लेकर जल संसाधन विभाग ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को हरी-झंडी तो दी है, पर उन योजनाओं पर विभिन्न प्रमंडलों में काम की रफ्तार इतनी सुस्त है कि उनका तय समय पर पूरा होने की उम्मीद कम है.
स्वीकृत योजनाओं पर विभाग खर्च भी मंथर गति से कर रहा है. सूबे की पांच प्रमुख नहर सिंचाई योजनाओं के लिए 120.27 करोड़ जारी हुए, परंतु खर्च हुए मात्र 31.36 करोड़. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, नाबार्ड योजना और एआइबीपी से सूबे में बड़े पैमाने पर नहर और सिंचाई योजनाओं का काम होना है. पांचों नहर और सिंचाई योजनाओं क्रमश: दुर्गावति जलाशय, चौसा पंप नहर, सोन नहर, बटेश्वर पंप नहर और चानकेन सिंचाई योजना पर 20 से 40 प्रतिशत ही काम हो पाया है. विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने योजनाओं की धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जतायी है.
बाढ़ सुरक्षा और सिंचाई सुविधाओं का महत्वपूर्ण कार्य देख रहा जल संसाधन
विभाग वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए स्वीकृत बजट राशि का 49 प्रतिशत ही खर्च कर पाया है. विभाग का 1743 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ. 22 जनवरी तक विभाग ने महज 860 करोड़ ही खर्च किये. 70 दिनों में बजट की शेष राशि यानी, 883 करोड़ खर्च करनी है. शेष राशि खर्च करने में विभाग को पसीना छूट रहा है. जल संसाधन विभाग ने स्वीकृत बजट की शत-प्रतिशत राशि खर्च करने का लक्ष्य सभी प्रमंडल और जिलों के मुख्य अभियंताओं को दे तो रखा है.परंतु खर्च की जो रफ्तार है, उससे शत-प्रतिशत राशि खर्च हो पाने खी कम ही उम्मीद की जा रही है. इस बीच विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये बजट प्राक्कलन तैयार करना शुरू कर दिया है.
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