पटना : पतंग उत्सव में शामिल होकर सोनपुर थाने के सबलपुर दियारा से पटना के एनआइटी घाट (गांधी घाट) के लिए आ रही पर्यटकों से खचाखच भरी दो नावें शनिवार शाम गंगा नदी में समा गयीं. इसमें कम से कम तीस लोगों की मौत की आशंका जतायी जा रही है. देर रात तक गोताखारों की मदद से 21 शवों को नदी से बाहर निकाल लिया गया था, जबकि अभी नौ से दस लोगों के शव गंगा में होने की आशंका है. मरनेवालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. रौशनी की कमी की वजह से देर रात रेस्क्यू का काम रोक दिया गया. सुबह से रेस्क्यू फिर शुरू होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक जताया है.
PM expressed grief on the loss of lives caused by the boat tragedy in Bihar. He extended condolences to the bereaved families.
— PMO India (@PMOIndia) January 14, 2017
घाट से मात्र दस मीटर की दूरी पर हुआ हादसा
बताया जाता है कि नाव के घाट से चलने के मात्र 10 मीटर आगे बढ़ने के बाद यह हादसा हुआ. क्षमता से तीन गुना लोगों के सवार होने के कारण नाव जैसे ही कुछ दूर आगे बढ़ी, वैसे ही पहले नाव थोड़ी सी पलटी और फिर सीधा होने के बाद गंगा नदी के तलहटी में धंस गयी. इस दौरान उसमें सवार करीब 60 युवक, महिलाएं, बच्चे सभी डूबने लगे. इसी बीच पर्यटन विभाग की एक स्टीमर गांधी घाट से सबलपुर दियारा घाट की ओर आ रही थी. स्टीमर जैसे ही पहुंची, नाव डूबने लगी. नांव को डूबते देख स्टीमर में सवार लोगों ने तुरंत ही लाइफ बैलून को उन लोगों की ओर फेंकना शुरू कर दिया. 30 लोगों को किसी तरह स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद बचा लिया. इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, डीआइजी सेंट्रल शालीन, जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल, एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी मध्य चंदन कुमार कुशवाहा, सोनपुर एसडीओ मदन प्रसाद व अन्य अधिकारी पहुंच गये. गमजदा परिजनों की ओर से हंगामा होने की आशंका के मद्देनजर पूरे अशोक राजपथ इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. गांधी घाट, पीएमसीएच परिसर, कारगिल चौक व अशोक राजपथ पर काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी. बरामद शव को पीएमसीएच के शवगृह में रखा गया है. जबकि गंगा में डूबे सात लोगों का इलाज पीएमसीएच के इमरजेंसी में किया जा रहा है. कुछ लोगों की हालत ठीक थी तो वे अपने घर को निकल गये. आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी है कि शव काे निकालने का काम किया जा रहा है और सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा की राशि प्रदान की जायेगी.
10 बजे रात तक निकाला गया लोगों का शव
जिस नाव में लोग सवार हुए थे, उसमें पहले से ही साग लदा हुआ था. कुछ लोगों ने बताया कि वे लोग साग लदी नाव में जबरन सवार हो गये. इसके कारण नाव पूरी तरह ओवरलोडेड हो गयी. लोकल गोताखोरों की काफी मशक्कत के बाद दस बजे रात तक 21 लोगों के शव को बाहर निकाल लिया गया. घटना होने की सूचना मिलने पर सबसे पहले सिटी एसपी मध्य चंदन कुमार कुशवाहा दल-बल के साथ वहां पहुंचे और लोकल गोताखोरों को बुलाया गया और फिर शव को बाहर निकालने का काम सात बजे शाम में शुरू कर दिया गया.