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विधानमंडल: गिरिराज व रामाधार ने 26 घंटे बाद तोड़ा अनशन

पटना: घोटाले का आरोप लगाये जाने के विरोध में विधानमंडल परिसर में शुक्रवार से अनशन पर बैठे पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह व रामाधार सिंह का अनशन का शनिवार की शाम समाप्त हो गया. जदयू विधायक मंजीत कुमार सिंह ने कहा कि यदि आरोपों से उन्हें ठेस लगी है, तो इसके लिए खेद जताते हैं. उन्होंने […]

पटना: घोटाले का आरोप लगाये जाने के विरोध में विधानमंडल परिसर में शुक्रवार से अनशन पर बैठे पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह व रामाधार सिंह का अनशन का शनिवार की शाम समाप्त हो गया. जदयू विधायक मंजीत कुमार सिंह ने कहा कि यदि आरोपों से उन्हें ठेस लगी है, तो इसके लिए खेद जताते हैं. उन्होंने कहा कि तथ्यों के आधार पर आरोप लगाये थे. आज भी कह रहा हूं कि मामले की जांच होनी चाहिए. विधानमंडल की कार्यवाही स्थगित होने के बाद अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी व विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने दोनों को शरबत पिला कर अनशन तोड़वाया.

इससे पहले दोनों सदनों में इस मुद्दे पर दिन भर हंगामा हुआ. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विरोधी दल के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में यह पहली घटना है कि दो सदस्य अनशन पर बैठे हुए हैं. पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने वायदे के अनुरूप अपना वक्तव्य दें, इसके बाद सदन में कोई कामकाज होगा. इसके बाद भाजपा के सभी सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे.

भाजपा सदस्य मंत्रियों की संपत्ति की सीबीआइ से जांच कराने और मुख्यमंत्री से माफी मांगने व इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे. हंगामे के बीच निर्दलीय ज्योति रश्मि भी अपनी मांग को लेकर वेल में आ गयीं और भाजपा सदस्यों के साथ नारेबाजी करने लगीं. वहीं, राजद के भाई दिनेश सुशासन का सच विषयक पोस्टर लगा कर सदन के अंदर प्रदर्शन कर रहे थे. लगभग 40 मिनट तक हंगामा होने के बाद स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने भोजनावकाश तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी. हंगामे के बीच विरोधी दल के नेता नंद किशोर यादव और संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र यादव व सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार के बीच तीखी नोक-झोंक हुई. भाजपा के जवाब में सत्ता पक्ष की ओर से भी नारेबाजी की गयी.

बयान का इंतजार कीजिए : स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने कहा कि आसन इस मसले को लेकर संवेदनशील है. हालांकि यह मामला विधानसभा से जुड़ा नहीं है, इसके बावजूद मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए शुक्रवार को सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर समस्या का निदान निकालने की पहल की थी. संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में यह तय नहीं हुआ था कि सीएम बयान देंगे, तब सदन चलेगा. सरकार की ओर से तो भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाया गया है. सदन के सदस्य ने आरोप लगाया है. जब सीएम ने वक्तव्य देने की बात कही है, तो उसका इंतजार करना चाहिए, लेकिन उसका असर भाजपा विधायकों पर नहीं पड़ा.

बीपी बढ़ा है, तो डॉक्टर बुला देते हैं : संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र यादव ने माहौल को हल्का करने के उद्देश्य से नेता विरोधी दल पर चुटकी लेते हुए कहा कि आपका बीपी बढ़ गया है. कहिए तो डॉक्टर बुला कर आपको अस्पताल भेजवा देते हैं. जब विरोधी दल के नेता ने बोलना शुरू किया, तो उन्होंने भी बिजेंद्र यादव के प्रति इसी तरह के शब्दों का उपयोग करते हुए कहा, बुजुर्ग हो गये हैं. बीपी बढ़ गया है. इलाज करा लीजिए.

सभापति ने किया इनकार : उधर, विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के नरेंद्र प्रसाद सिंह ने सदस्यों का अनशन खत्म कराने की मांग की. सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा, ऐसी परंपरा नहीं रही है कि सभापति सदन से बाहर जाकर सदस्यों को अनशन खत्म कराये. संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा आज्र सभापति से अनशन खत्म कराने की बात कह रही है, तो कल राष्ट्रपति को बुलाने की मांग करेगी.

सभापति के इनकार करने के बाद भाजपा सदस्य वेल में धरना पर बैठ गये और लगातार सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. इसी दौरान सभापति ने पूर्व सदस्य दिनेश्वर प्रसाद के निधन की सूचना और शोक प्रस्ताव पेश किया. तब भाजपा सदस्य अपनी सीटों पर बैठ गये. शोक प्रस्ताव के बाद फिर धरने पर बैठ गये. इसी बीच सभापति ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के स्थगित करने की घोषणा की.

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