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चिकन, मटन और मछली बना बैठक का मेन्यू

29 को होगी निगम बोर्ड की बैठक मेयर स्तर पर तय होता है खाने का मेन्यू बैठक में चार मुद्दों पर होगी चर्चा पटना : 29 दिसंबर को नगर निगम के बोर्ड की बैठक होगी. बैठक में उपकरण खरीद, शहर की साफ-सफाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जायेगी. इस वर्ष की अंतिम बोर्ड बैठक […]

29 को होगी निगम बोर्ड की बैठक
मेयर स्तर पर तय होता है खाने का मेन्यू
बैठक में चार मुद्दों पर होगी चर्चा
पटना : 29 दिसंबर को नगर निगम के बोर्ड की बैठक होगी. बैठक में उपकरण खरीद, शहर की साफ-सफाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जायेगी. इस वर्ष की अंतिम बोर्ड बैठक भी है, इसलिए बैठक के बाद खाने के बेहतर इंतजाम किये गये हैं. चाय-नाश्ता के बाद लंच के मीनू में चिकन, मटन और फिश तय किये गये हैं. नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने इसकी स्वीकृति तो दे दी है, लेकिन उन्होंने फाइल पर यह लिखा है कि बैठक के आयोजन पर खर्च कम हो इस पर विचार किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि मीनू पर अंतिम निर्णय मेयर स्तर पर किया जाता है.
मेयर स्तर से आदेश आने के बाद नगर सचिव फाइल पर लिखित रूप से नगर आयुक्त के सामने इसे स्वीकृति के लिए लाते हैं.
1.50 लाख के लगभग होता है खर्च : पिछली बैठक की तरह इस बार भी लंच के मीनू में मछली, मटन और चिकन तीनों तरफ के व्यंजन की व्यवस्था की जा रही है. नगर निगम को इस तरह की बैठक पर लगभग सवा लाख से डेढ़ लाख रुपये तक का खर्च आता है. इसमें पौने दो सौ से दो सौ लोगों के खाने की व्यवस्था की जाती है. लंच में अन्य तरह के शाकाहारी व्यंजन भी रहते हैं. निगम के आला अधिकारी बताते हैं कि एक तरह के नाॅनवेज भोजन की बात ठीक है, लेकिन तीनों तरह का नॉनवेज बनवाना ठीक नहीं है.
उन्होंने बताया कि साधारण भोजन पर खर्च आधा हो जाता है. जबकि, नॉनवेज खाने पर एक आदमी पर दो सौ से बढ़ कर चार सौ रुपये का खर्च करने पड़ते हैं.
उपकरण खरीद पर होगा विचार विमर्श : बोर्ड की बैठक में सबसे महत्वपूर्ण साढ़े आठ करोड़ की लागत से उपकरण खरीद मामले पर विचार-विमर्श हो सकता है. इसमें 20 यूरिनल, जेसीबी, हाइवा, बॉबकट, टीपर, रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद होनी है. साथ ही डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और प्रकाश पर्व पर सफाई जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिये जा सकते हैं.
जहां मजदूरों के नियमित वेतन भुगतान में समस्या होती है. पूर्व कर्मियों को समय पर पेंशन नहीं मिलती. ऐसे में बोर्ड की बैठक में इस तरह का अपव्यय नहीं होना चाहिए.
– विनय कुमार पप्पू, पार्षद, वार्ड नंबर 28
अमूमन बैठक में इस तरह के खान-पान की व्यवस्था नहीं रहती. बजट बोर्ड की बैठक हो या वर्ष की अंतिम बोर्ड बैठक इसमें इस तरह के आयोजन होते रहते हैं.
– संजीव कुमार, पार्षद, वार्ड 22

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