पटना: मेयर व नगर आयुक्त के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आरोप-प्रत्यारोप एक-दूसरे पर खूब किया जा रहा है. इसमें एक नया मोड़ आ गया है. बुधवार को मेयर अफजल इमाम ने नगर आवास विकास विभाग के सचिव को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि नगर आयुक्त द्वारा आरोप लगाया गया कि विज्ञापन एजेंसियों को लाभ पहुंचाया है और भवनों की नापी रोकवायी है.
तत्कालीन नगर आयुक्त पंकज कुमार पाल ने विज्ञापन से संबंधित प्रस्ताव स्थायी समिति में लाया, जिसे मंजूरी दी गयी. इसके साथ ही मैंने कभी किसी भवन की नापी रोकने के लिए बाध्य नहीं किया. पत्र में कहा है कि नगर आयुक्त द्वारा लगाये आरोप की जांच करायी जाये. नियमानुसार अगर आरोप सिद्ध होता है तो त्याग पत्र दे दूंगा. इसके साथ ही हम पर कानूनी कार्रवाई भी हो.
लोकतंत्र का अपमान कर रहे नगर आयुक्त :मेयर अफजल इमाम ने विभागीय सचिव से कहा कि शहर का महापौर हूं और 20 लाख जनता का प्रतिनिधित्व करता हूं. इसके साथ ही शहर का प्रथम नागरिक का भी सौभाग्य जनता व जनता द्वारा चुने गये वार्ड पार्षदों द्वारा दिया गया है.
नगर आयुक्त कर रहे राजनीति : डिप्टी मेयर व अन्य वार्ड पार्षदों का पत्र निगम की वेबसाइट पर अपलोड नहीं होता है, लेकिन नगर आयुक्त व विपक्षी वार्ड पार्षदों के साथ मिल कर रणनीति बनायी जाती है और विपक्षी वार्ड पार्षद द्वारा भेजे गये पत्र, जिसमें मेयर व स्थायी समिति सदस्यों पर आरोप लगाया गया है.
उस पत्र को वेबसाइट पर अपलोड किया गया. क्या यह राजनीति का हिस्सा नहीं है. मेयर ने विभागीय सचिव से पत्र में कहा कि पूर्व में मेरे द्वारा भी कई पत्र भेजा गया है. जिसमें वित्तीय अनियमितता की जांच कराने का आग्रह किया था. नगर आयुक्त से भी जांच कराने की मांग की गयी है. मेयर ने कहा कि आप पिछले आठ माह में निगम में नगर आयुक्त या मेरे द्वारा किये कार्यकलाप की ऊंच स्तरीय जांच करायें, ताकि वास्तविकता सब के सामने आ जाये.