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सिर्फ सात दिन बाकी, 70% ग्रामीण इलाकों में नहीं लगा सेट टॉप बॉक्स

31 दिसंबर के बाद बिना सेट टॉप बॉक्स के नहीं होगा प्रसारण पटना : सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 31 दिसंबर के बाद बिना सेट टॉप बॉक्स के कोई भी टीवी चैनल नहीं दिखाया जायेगा. राज्य के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल टीवी की गति बहुत ही धीमी है. किसी भी केवल ऑपरेटर द्वारा पहली जनवरी […]

31 दिसंबर के बाद बिना सेट टॉप बॉक्स के नहीं होगा प्रसारण
पटना : सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 31 दिसंबर के बाद बिना सेट टॉप बॉक्स के कोई भी टीवी चैनल नहीं दिखाया जायेगा. राज्य के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल टीवी की गति बहुत ही धीमी है. किसी भी केवल ऑपरेटर द्वारा पहली जनवरी से बिना सेट टॉप बॉक्स के टीवी के किसी भी चैनल के प्रसारण को अवैध माना जायेगा. साथ ही उन पर कार्रवाई भी हो सकती है. जितने भी केबल टीवी ऑपरेटर हैं वह अब एनालॉग से टीवी चैनलों का प्रसारण नहीं कर सकते हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के सहायक परियोजना निदेशक संजीव कुमार ने बताया कि टीवी चैनलों के डिजिटलाइजेशन का काम कई चरणों में चल रहा है. अब चौथे चरण का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. चौथे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में केबल ऑपरेटरों को सेट टॉप बॉक्स के माध्यम से ही चैनलों का प्रसारण किया जाना है. यह बाध्यकारी हो गया है.
उन्होंने बताया कि 2011 के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार बिहार में 17 लाख 27 हजार 257 परिवारों के पास टीवी सेट है. 2011 के बाद टीवी नये उपभोक्ताओं की संख्या में 20 फीसदी जोड़ ली जाये तो यह संख्या बढ़कर 20 लाख 72 हजार 708 हो जाती है. स्थिति यह है कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में वर्तमान में छह लाख 43 हजार 14 उपभोक्ताओं के पास ही सेट टॉप बॉक्स है. राज्य में सिटी-मौर्या नेटवर्क, जीटीपीएल नेटवर्क, डेन नेटवर्क, दयाल केबल आपरेटर, दर्श डिजिटल नेटवर्क, स्टार विजन और मोक्षदायिनी डाटा केबल ऑपरेटरों द्वारा केबल नेटवर्क संचालित किया जा रहा है.
सरकार का मानना है कि इस अभियान में केबल आपरेटर भी सही डाटा सरकार को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. उन्होंने बताया कि तीसरे चरण के डिजिटलाइजेशन में बिहार के शहरी क्षेत्रों को लिया गया था. इसमें राज्य की 141 नगरपालिकाएं शामिल हैं. बिहार के शहरी क्षेत्रों में 2011 की जनसंख्या के अनुसार सात लाख 91 हजार 193 परिवारों के पास टीवी सेट था. इधर पांच सालों में 20 फीसदी की वृद्धि मान ली जाये तो इनकी संख्या नौ लाख 49 हजार 432 हो गयी है. तीसरे चरण में बिहार के शहरी क्षेत्र में 13 लाख 25 हजार 699 ने सेट टॉप बॉक्स लगवा लिया है. राज्य के शहरी क्षेत्रों में प्रगति संतोषजनक है.
पर ग्रामीण क्षेत्रों में अब एक सप्ताह में 14 लाख परिवारों में सेट टॉप बॉक्स लगवाने की जिम्मेवारी केबल आपरेटरों पर है. इसकी नियमित समीक्षा की जा रही है. पर भारत सरकार ने 31 दिसंबर, 2016 को कट ऑफ डेट निर्धारित कर दिया है. उसके बाद एनालॉग से टीवी नहीं दिखेगा. उपनिदेशक ने बताया कि डिजिटल टीवी के प्रसारण होने से जहां सरकार को राजस्व की प्राप्ति अधिक होगी. इससे पता चलेगा कि कितने उपभोक्ता टीवी का इस्तेमाल करते हैं. उनपर टैक्स लगाने का क्या लाभ होगा. इधर उपभोक्ताओं को लाभ यह है कि अब वे 100 से अधिक चैनलों को देख सकते हैं. साथ ही उनका बैंडविथ भी बढ़ जायेगा और बेहतर क्वालिटी का प्रसारण मिलेगा.
बिहार के समान झारखंड के ग्रामीण इलाके में टीवी प्रसारण का डिजिटलाइजेशन संतोषजनक नहीं हुआ है. यहां 21 फीसदी डिजिटल उपभोक्ता हैं. झारखंड के ग्रामीण इलाकों में टीवी उपभोक्ताओं की संख्या 11 लाख 55 हजार 106 है. 2011 के आंकड़ों के अनुसार झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में टीवी उपभोक्ताओं की संख्या नौ लाख 62 हजार 588 थी. कुल टीवी उपभोक्ताओं में अभी तक दो लाख 69 हजार 224 उपभोक्ताओं ने ही अपने घर में सेट टॉप बॉक्स लगवाया है. झारखंड के शहरी क्षेत्र में टीवी उपभोक्ताओं की संख्या छह लाख 46 हजार 951 है. इसमें से छह लाख 12 हजार 934 उपभोक्ताओं ने सेट टॉप बॉक्स लगवाया है.

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