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अब ड्रायर से सूखेगा धान

पहल. पैक्स को मशीन खरीदने का विभाग ने दिया निर्देश धान में अधिकतम 17 प्रतिशत की नमी तक ही खरीद की जानी है, जबकि शीत की वजह से धान में 24 प्रतिशत तक नमी आ चुकी है. पटना : राज्य में शीत लहर का सबसे बुरा असर धान की खरीद पर पड़ा है. 15 नवंबर […]

पहल. पैक्स को मशीन खरीदने का विभाग ने दिया निर्देश
धान में अधिकतम 17 प्रतिशत की नमी तक ही खरीद की जानी है, जबकि शीत की वजह से धान में 24 प्रतिशत तक नमी आ चुकी है.
पटना : राज्य में शीत लहर का सबसे बुरा असर धान की खरीद पर पड़ा है. 15 नवंबर से शुरू हुई धान की खरीद बंद है. शीत की वजह से धान में नमी बढ़ती ही जा रही है. सहकारिता विभाग के निर्देश के अनुसार धान में अधिकतम 17 प्रतिशत की नमी तक ही खरीद की जानी है, जबकि शीत की वजह से धान में 24 प्रतिशत तक नमी आ चुकी है.
नमी की समस्या को देखते हुए पैक्सों ने पूरे राज्य में धान की खरीद बंद कर दिया है. वहीं धान की नमी को कम करने के लिए सहकारिता विभाग ने पैक्सों को सुखाने की मशीन खरीदने का निर्देश दिया है. इस मशीन की कीमत लगभग आठ से नौ लाख रुपये है. एक मशीन को स्थापित होने से आसपास की एक दर्जन से अधिक पंचायतों के धान सुखाया जा सकता है.
जिलों के सहकारिता पदाधिकारी को जारी पत्र में कहा गया है कि वैसे पैक्स को धान सुखाने की मशीन खरीदने के लिए कहा जाये, जिस पैक्स की आमदनी अच्छी है. विभागीय अधिकारी ने बताया लगभग सभी जिलों में एक दर्जन से अधिक ऐसे पैक्स हैं जहां इस मशीन की खरीद की जा सकती है. फिलहाल राज्य में 4500 पैक्स में धान खरीद की तैयारी पूरी कर ली गयी है. अब तक लगभग 850 टन धन की पूरे राज्य में खरीद हो सकी है.
राज्य सरकार ने 31 मार्च तक कम से कम 30 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया है. नमी की वजह से जहां पैक्स धान की खरीद नहीं कर रहा है, वहीं इसका लाभ व्यापारी उठा रहे हैं. किसानों को आमतौर पर नौ सौ रुपये से 1100 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान बेचना पड़ रहा है.
सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि नमी की परेशानी से धान की खरीद नहीं हो रही है. इसके बावजूद पैक्सों को नमी कम होते ही धान की खरीद के लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि धान की खरीद पर सरकार की नजर है. खरीद के लिए वैकल्पिक इंतजाम पर भी विचार किया जा रहा है.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि नमी की वजह से धान की खरीद की समस्या से निबटने के लिए मंत्री के स्तर पर नमी की प्रतिशत के आधार पर कुछ अधिक धान लेकर धान की खरीद के लिए नीतिगत निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इस मामले में विभाग अभी कोई निर्णय नहीं ले सका है. अधिकारी ने बताया कि जब किसान नमी के एवज मे व्यापारियों को अधिक धान देते हैं तो पैक्स को भी देने में कोई हर्ज नहीं है. सरकार के स्तर पर ऐसा निर्णय होने से किसानों को नमी में भी धान बेचने में परेशानी नहीं होती, न ही उन्हें अौने पौने दर पर बिचौलियों के हाथ धान बेचना पड़ता.

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