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देसी चिकित्सा प्रणाली में अनुसंधान की जरूरत

पटना सिटी: चिकित्सा व अनुसंधान का क्षेत्र व्यापक है. ज्ञान को चेतना में लाने पर ही अनुसंधान संभव है. तभी जटिल बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है. यह बात शनिवार को अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान के 53 वें स्थापना दिवस व देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम […]

पटना सिटी: चिकित्सा व अनुसंधान का क्षेत्र व्यापक है. ज्ञान को चेतना में लाने पर ही अनुसंधान संभव है. तभी जटिल बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है. यह बात शनिवार को अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान के 53 वें स्थापना दिवस व देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार के राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने कही.

मंत्री ने कहा कि देसी चिकित्सा प्रणाली को एलोपैथ से जोड़ कर अनुसंधान किया जाये, जो जन चिकित्सा के क्षेत्र में कारगर कदम होगा. मंत्री ने कुपोषण को बीमारी मानते हुए कहा कि इस दिशा में अनुसंधान होना चाहिए. मौजूदा स्थिति में स्वास्थ्य से जुड़ी वस्तुओं का सामाजिक मूल्य कम हो गया है. आवश्यकता है इसे कारगर बनाने की. मंत्री ने कहा कि संस्थान कालाजार के मामले में ब्रांडिंग हो गया है. कालाजार के मामले में देश में 54 प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है. जनमानस के लिए आने वाले समय में डेंगू, चिकनगुनिया, मस्तिष्क ज्वर चुनौती है. ऐसी बीमारियों पर भी रास्ता इसी संस्थान से निकलेगा.

मंत्री ने कहा कि राज्य में एक क्षेत्रीय एम्स की शुरुआत हो चुकी है, दूसरे एम्स स्वीकृत है. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जमीन मुहैया नहीं करायी गयी है. मंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि क्षेत्रीय एम्स का विश्वास बढ़ाया जाये. चिकित्सक व नर्स विशेषज्ञ हों. अभी स्थिति यह है कि लोगों का विश्वास दिल्ली स्थित एम्स पर ही है, जबकि एम्स की सुविधा पटना में भी है.
कालाजार पर तीन देशों में हो रहा कार्य : कार्यक्रम में शामिल होने डीएनडीआइ क्षेत्रीय कार्यालय के प्रधान व वैज्ञानिक डॉ सुमन रिजाल ने कहा कि कालाजार उन्मूलन के लिए भारत, नेपाल व बंग्लादेश में कार्य चल रहा है. इसके लिए सरकारी व गैर सरकारी संगठन लगे हैं. लक्ष्य है कि 2017 तक दस हजार में भी एक से नीचे कालाजार मरीज हो. इस संख्या को बरकरार रखने के लिए निरंतर अनुसंधान चल रहा है. कालाजार में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, नहीं तो वैक्सीन रहने की स्थिति में रोकने के लिए कारगर होता.
डॉ रिजाल ने इस क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान के बारे में भी बताया. साथ ही कहा कि यह बालू मक्खी से फैलता है. संस्थान में हो रहे अनुसंधान को ग्लोबल स्तरीय बताया. कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ प्रदीप दास ने करते हुए कहा कि भविष्य में अनेक जटिल बीमारियों पर काबू पाने के लिए अनुसंधान किया जायेगा. कार्यक्रम का संचालन डॉ सीएम लाल व धन्यवाद ज्ञापन डॉ वीएन आर दास ने किया. मौके पर डॉ कृष्ण पांडे,डॉ नीना वर्मा, डॉ बांके बिहारी सिंह, डॉ आरके टोप्पो, डॉ विजय कुमार आदि चिकित्सक उपस्थित थे.

इस मौके पर देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद एवार्ड से डॉ सुमन रिजाल को मंत्री ने मेडल देकर सम्मानित किया, जबकि देशरत्न की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप जला कार्यक्रम की शुरुआत हुई. सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये. आयोजन को ले संजय कुमार चौबे, उदय कुमार, नरेश कुमार सिन्हा व राकेश बिहारी वर्मा समेत अन्य कर्मचारी व पदाधिकारी सक्रिय थे.

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