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फ्लाई ऐश निर्मित ईंट का करें उपयोग : विवेक
फ्लाई ऐश निर्मित ईंट को लेकर कार्यशाला आयोजित पटना : थर्मल पावर प्लांटों से उत्सर्जित फ्लाई ऐश का ईंट निर्माण उद्योगों को बेहतर किया जा रहा है. इससे फ्लाई ऐश का अधिकतम उपयोग हो सके और पर्यावरण को इससे होने हानि से बचाया जा सके. इसलिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. उन्हें यह […]
फ्लाई ऐश निर्मित ईंट को लेकर कार्यशाला आयोजित
पटना : थर्मल पावर प्लांटों से उत्सर्जित फ्लाई ऐश का ईंट निर्माण उद्योगों को बेहतर किया जा रहा है. इससे फ्लाई ऐश का अधिकतम उपयोग हो सके और पर्यावरण को इससे होने हानि से बचाया जा सके. इसलिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. उन्हें यह समझना होगा कि फ्लाई ऐश निर्मित ईंट पारंपरिक मिट्टी की ईंट के मुकाबले अधिक किफायती व गुणवत्तापूर्ण हैं. ये बातें पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रधान सचिव और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कार्यशाला में कहीं.
कार्यशाला का आयोजन बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद और डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स, नयी दिल्ली के सहयोग से किया गया था. विवेक कुमार सिंह ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा हेतु थर्मल पावर प्लांटों से उत्सर्जित फ्लाई ऐश के उपयोग को ईंट निर्माण के लिये केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दिया है.
पर्षद के सहायक वैज्ञानिक पदाधिकारी डाॅ नवीन कुमार ने कहा कि फ्लाई ऐश का उपयोग ईंट निर्माण में सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है. डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट, नयी दिल्ली के डाॅ सौमेन मैती ने कहा कि 2014 के राज्य के सर्वेक्षण में पाया गया कि 5700 से छह हजार ईंट भट्ठे स्थापित हैं, जो देश में चौथे स्थान पर है. फ्लाई ऐश ईंट उत्पादक संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि 75 करोड़ ईंट प्रतिवर्ष बनाने के लिए 200 इकाइयां स्थापित होंगी. इस मौके पर डाॅ जयंत मोइत्रा, एनटीपीसी के महाप्रबंधक महेंद्र सिंह यादव, एनटीपीसी बाढ़ के प्रतिनिधि आरएसपी गुप्ता आदि मौजूद थे.
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