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नोटबंदी : धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी जिंदगी और बाजारों में रौनक
पटना : जैसे-जैसे नोट बदलने की रफ्तार में कमी आयी है, वैसे-वैसे शहर के बाजारों में रौनक लौटने लगी है. इससे नौ दिनों से ठप पड़े कारोबार में थोड़ी जान आ गयी है. इससे छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े शोरूम मालिकों के चेहरे पर चमक दिखने लगी है. नोटबंदी के बाद सभी कारोबार पूरी तरह […]
पटना : जैसे-जैसे नोट बदलने की रफ्तार में कमी आयी है, वैसे-वैसे शहर के बाजारों में रौनक लौटने लगी है. इससे नौ दिनों से ठप पड़े कारोबार में थोड़ी जान आ गयी है. इससे छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े शोरूम मालिकों के चेहरे पर चमक दिखने लगी है. नोटबंदी के बाद सभी कारोबार पूरी तरह ठप-से हो गये थे. शादी-विवाह के सीजन के बावजूद सर्राफा, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक सहित किराना बाजार में मंदी छा गयी थी. नोटबंदी के कारण हर दिन लगभग 300 करोड़ का नुकसान कारोबार में हो रहा था. बाजार में अभी भी अधिक खरीदारी कार्ड के माध्यम से हो रही है. नोटबंदी का सबसे अधिक असर सर्राफा कारोबार पर पड़ा है, लेकिन बुधवार से ज्वेलरी दुकानों पर लोगों की चहल-पहल बढ़ी है. लोग अब जानकारी लेने के साथ खरीदारी भी कर रहे हैं.
दुकानदारों की मानें, तो अभी सर्राफा बाजार में रौनक आने में एक माह और लगेगा. पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि बुधवार से बाजार में लगातार सुधार हो रहा है. कपड़ा की सबसे बड़ी मंडी खेतान मार्केट भी गुलजार होने लगी है. दुकानदारों ने बताया कि अभी लगन की खरीदारी अधिक हो रही है. शुक्रवार को हथुआ मार्केट, मौर्यालोक, बोरिंग रोड, राजा बाजार, पटना मार्केट में लोगों की चहल-पहल देखी गयी. इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में भी धीरे-धीरे खरीदारी बढ़ रही है. अभी टीवी, वाशिंग मशीन, फ्रिज की बिक्री हो रही है. बोरिंग रोड स्थित आदित्य विजन के कर्मचारी ने बताया कि नोटबंदी का बाजार में काफी असर है.
किराना कारोबार पर नोटबंदी का असर : किराना कारोबार में अब भी नोटबंदी का असर है, लेकिन सुधार हो रहा है. अभी बाजार में अधिक कारोबार उधार में ही हो रहा है. दलदली रोड के थोक कारोबारी उमेश गुप्ता ने बताया कि धीरे-धीरे माल आना शुरू हो गया है. फिर भी बाजार सामान्य हाेने में अभी समय लगेगा. इस बीच आटा, मैदा, किराना तथा मेवा में भी तेजी तेजी दर्ज की गयी है.
बैंकों में कामकाज सामान्य : नोटबंदी के 10वें दिन बैंकों में सामान्य बैंकिंग का काम शुरू हो गया है. इससे बैंक उपभोक्ताओं के साथ बैंक अधिकारियों ने राहत की सांस ली. शुक्रवार को बैंकों में नोट बदलनेवालों की संख्या काफी कम देखी गयी. जिन बैंकों में कल तक सौ-सौ लोगों की लंबी लाइन लगी रहती थी, वहां आज दस-पंद्रह लोगों की लाइन थी. बैंकों ने बताया कि इसके पीछे मुख्य कारण है लिमिट कम होना और लोगों में स्याही का भय होना. हालांकि, कुछ बैंकाें में करेंसी कम होने के कारण नोट बदलने का काम बंद रहा. इन बैंकों में आनेवाले लोगों से आग्रह किया जा रहा था कि खाता में जमा कर एटीएम से निकाल लें.
मार्केट से आउट हो गये कमीशनखोर : कमीशन खोर लोग पकड़े जाने के डर से गायब हो गये: बोरिंग रोड पीएनबी शाखा में आज दूसरे दिन भी नोट बदलने का काम नहीं हुआ. जबकि, इसी तरह की समस्या डाॅक्टर्स काॅलोनी स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में देखने को मिली. कोतवाली थाना स्थित इलाहाबाद बैंक के मुख्य शाखा में नोट तो बदले जा रहे थे. लेकिन, लोगों की संख्या एक-दो ही थी.
दोपहर एक बजे तक तीस लोग ही पुराने नोट बदलने पहुंचे थे. जो लोग लाइन में खड़े थे वे नोट जमा करनेवाले. बैंक के सहायक महाप्रबंधक आरके लाल ने बताया कि उम्मीद से कम लोग आ रहे हैं. आज जो लोग आ रहे हैं वे जरूरतमंद है. पिछले दिनों से ठप बैंकिंग कार्य अब शुरू कर दिया गया है. कुछ इसी तरह का नजारा डाकबंगला चौराहा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में रहा. गांधी मैदान स्थित भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में जहां लोगों को लंबी कतार सुबह से देर शाम तक लगी रहती थी, वहां महज लाइन में आठ से दस लोग ही दिखे. ड्राफ्ट बनानेवाले काउंटर पर छात्रों की लंबी लाइन देखी गयी. मुख्य शाखा के सहायक महाप्रबंधक ने बताया कि भीड़ न देख काफी हैरानी हो रही है. लिमिट कब होने के कारण लगा था कि भीड़ एक बार फिर उमड़ेगी. लेकिन, आज उसका उलटा हो गया. कमीशन खोर लोग पकड़े जाने के डर से गायब हो गये हैं.
शादी कार्ड लेकर आये दस लोगों को किया भुगतान : स्टेट बैंक के कुछ प्रमुख शाखा में शादी कार्ड पर दस से अधिक लोगों को 2.50-2.50 लाख रुपये भुगतान किया गया. एसबीआइ मुख्य शाखा में दानापुर के अखिलानंद झा ने बेटी की शादी के लिए शपथ पत्र सहित कार्ड जमा कराया. अन्य बैंकों ने भी दस लोगों को शादी कार्ड पर जरूरत के अनुसार भुगतान किया. बैंक अधिकारियों का कहना है कि एक-दो दिन बाद से संख्या में बढ़ोतरी होगी.
दस रुपये के सिक्का का विरोध : वहीं, कई बैंकों में नोट बदलने आनेवाले को दस रुपये के सिक्के दिये गये, जिससे लोग आक्रोशित दिखे. चिरैयाटांड़ स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा में नोट बदलनेवाले को दसरुपये का सिक्का दिया गया. इसका कई लोगों नेविरोध किया.
सिर्फएक घंटे में कैश खत्म : डाक विभाग के एटीएम से कैश बैंकों की ही तरह जल्दी खत्म हो जा रहे हैं. डाक विभाग के पटना में छह एटीएम चालू तो हो गये हैं, लेकिन वे जल्दी ही कैशलेस की नोटिस देने लगते हैं. पाटलिपुत्र, बांकीपुर के साथ ही लोहियानगर के पोस्ट ऑफिस के बाहर लगी एटीएम में यही हालत दो दिनों से देखने को मिल रही है. एटीएम में इतनी जल्दी पैसा खत्म हो जाता है कि डाक विभाग के एटीएमधारी बैंकों के एटीएम की ओर जाने लगे हैं. लोहियानगर एटीएम पर पैसा निकालने के लिए आये सुस्मित कुमार ने बताया कि दो दिनों से एटीएम लेकर आ रहा हूं, लेकिन कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है. जब भी आता हूं कोई रिस्पांस नहीं मिलता है. डाक विभाग द्वारा जारी सूचना के बाद हम बड़ी उम्मीद से यहां आ रहे हैं. यही परेशानी इंद्रपुरी के शिवम मिश्रा की भी है. उन्होंने भी अपना खाता पाटलिपुत्र उप डाकघर में खुलवा रखा है, लेकिन वे एटीएम का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं.
डाकघरों में 1200 करोड़ रुपये हुए डिपॉजिट : प्रदेश भर के पोस्ट ऑफिसों में पिछले छह दिनों में 1200 करोड़ रुपये का डिपॉजिट किया गया है. नोटबंदी केबाद यह आंकड़ा निकलकर सामने आया है. डाकसहायक निदेशक वित्तीय राजदेव प्रसाद ने बताया कि ग्रामीण पोस्ट ऑफिसों में कुल 13.18 करोड़ रुपये जमा किया गया है, वहीं 61 लाख रुपये की निकासी हुई है. शहरी डाकघरों में 61 करोड़ 89 लाख रुपया की निकासी हुई है. उन्होंने बताया कि हम सबने शहर के सौ प्रतिशत और ग्रामीण इलाके में 90 प्रतिशत एटीएम को ऑनलाइन कर दिया है.
पहले हर दिन 13 हजार अब तीन हजार की वसूली : नोटबंदी का प्रभाव ट्रैफिक पुलिस के राजस्व पर भी पड़ रहा है. ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन किये जाने पर लाल परची के जरिये होने वाली वसूली में भारी कमी आयी है. पहले ट्रैफिक पुलिस जहां रोजाना औसतन 13 हजार रुपये की वसूली करती थी, आज वह घटकर 3000 रुपये हो गयी है. नोटबंदी के तीन दिन पहले यानी 4 से 8 नवंबर के बीच कुल 26100 रुपये की वसूली की गयी. वहीं, 9 से 11 नवंबर के बीच मात्र 11600 रुपये की वसूली हो पायी.ट्रैफिक एसपी प्राणतोष कुमार दास ने बताया कि खुल्ले की परेशानी के चलते राजस्व वसूली में गिरावट आयी है. कुछ समय बाद स्थिति सामान्य हो जायेगी. कार्यालय में लाल परची के साथ पुराने नोट लेकर आनेवालों को लौटा दिया जा रहा है. वहीं, कई खुल्ले की समस्या के चलते खुद लौट जा रहे हैं. कार्यालय में वसूली कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि वसूली में गिरावट के चलते नोटों की कमी है, ऐसे में 2000 के नये नोट लाने वाले लोगों को भी मजबूरन लौटा दिया जाता है. उन्हें निर्धारित सीमा के अंदर जुर्माना भरने को कहा जा रहा है.
बैंक कैशियर बना रहा था नोट, प्राथमिकी दर्ज : पीरबहोर थाने के खेतान मार्केट के समीप स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कैशियर रमाकांत द्वारा जमा किये जा रहे 100 के नोट को पांच सौ व एक हजार में दरसा कर जमा करने का खेल किया जा रहा था.इस खेल को सिद्धि साईं इंटरप्राइजेज के कर्मचारी संजीव कुमार ने पकड़ लिया और फिर हंगामा कर दिया. उन्होंने बैंक प्रशासन के साथ ही आलाधिकारियों को इस बात की जानकारी दे दी. इस पर आलाधिकारी पहुंचे और मामले की जांच की. बताया जाता है कि उसे सस्पेंड कर दिया गया है और बैंक की निगरानी इकाई पूरे मामले की जांच कर रही है. निगरानी से कैशियर को अपने कब्जे में ले लिया है. इधर देर शाम पीरबहोर थाने में कंपनी के प्रोपराइटर मुकेश कुमार हिसारिया ने कैशियर रमाकांत के खिलाफ लिखित शिकायत कर दी. जिस पर पुलिस ने जालसाजी की प्राथमिकी दर्ज की गयी है.अपनी शिकायत में सिद्धि सांईं इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर ने बताया कि उन्होंने 15 नवंबर तक पांच सौ व एक हजार के सारे नोट जमा कर दिये थे और 16 नवंबर को ढाई लाख, 17 नवंबर को 70 हजार व 18 नवंबर को सौ-सौ के नोट जमा किये थे. लेकिन कैशियर द्वारा उनके 100 के नोट को पांच सौ व एक हजार का नोट जमा किया हुआ दरसाया जा रहा था. इसके बाद सेंट्रल बैंक के ब्रांच मैनेजर को लिखित शिकायत की गयी, जिसमें चालान की जांच में हेराफेरी पायी गयी. पीरबहोर थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार ने बताया कि जालसाजी की प्राथमिकी कैशियर के खिलाफ दर्ज कर ली गयी है.
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