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आइजीआइएमएस में 40% तक घटे मरीज
पटना: नोटबंदी के बाद मरीजों की संख्या कम हुई है. नोटबंद होने के बाद अस्पतालों से भी भीड़ गायब हो चुकी है. पिछले चार दिनों में सिर्फ आइजीआइएमएस की ओपीडी में रोगियों की संख्या में 40 फीसदी तक गिरावट आयी है. आइजीआइएमएस में जहां सुबह नौ बजे से लंबी कतारें लगती थीं, वहीं अब सिर्फ […]
पटना: नोटबंदी के बाद मरीजों की संख्या कम हुई है. नोटबंद होने के बाद अस्पतालों से भी भीड़ गायब हो चुकी है. पिछले चार दिनों में सिर्फ आइजीआइएमएस की ओपीडी में रोगियों की संख्या में 40 फीसदी तक गिरावट आयी है. आइजीआइएमएस में जहां सुबह नौ बजे से लंबी कतारें लगती थीं, वहीं अब सिर्फ गंभीर रोगी ही इलाज के लिए यहां आ रहे हैं. हल्की बीमारी व रूटीन चेकअप करानेवाले मरीज यहां से पूरी तरह से गायब हो चुके हैं.
भीड़ कम, आसानी से हो रही जांच : अब ओपीडी में भी जांच करवाने में कोई परेशानी नहीं हो रही है. अस्पताल के ओपीडी में रोजाना 2000 मरीजों की भीड़ रहती थी, जोकि अब मात्र एक हजार से 1200 तक पहुंच गयी है. इसमें भी केवल वही रोगी जांच के लिए आते हैं, जिनकी तबीयत काफी खराब हो. सामान्य रोगी अब अस्पताल में नहीं पहुंचते. इमरजेंसी में ही रूटीन रोगी पहुंच रहे हैं.
छोटे रोगों की नहीं कर रहे परवाह : अस्पताल सूत्रों की मानें, तो सरकार ने जब से 500 और 1000 के नोट बंद किये हैं, तब से अस्पताल में रोगियों में कमी आ गयी है. लोगों के पास रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदने के पैसे नहीं हैं, ऐसे में वे दवाइयाें पर खर्च करना नहीं चाहते. छोटी-मोटी बीमारियों की लोग परवाह नहीं कर रहे. वे घरेलू नुस्खों से ही इसका इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं. अस्पतालों में ओपीडी घटने की एक वजह पैसे एक्सचेंज करवाने में लगे लोगों की व्यस्तता भी है.
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