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डिपोजिट लेने वाली सोसाइटी पर आयकर का छापा
पटना : देश भर में नौ नवंबर से 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया. इसके बाद भी पटना के गुलजारबाग स्थित तुलसी मंडी में चार को-ऑपरेटिव सोसाइटी के कार्यालय आम लोगों से 500 और हजार के नोटों को जमा के रूप में लिया जा रहा था. गुप्त सूचना के आधार […]
पटना : देश भर में नौ नवंबर से 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया. इसके बाद भी पटना के गुलजारबाग स्थित तुलसी मंडी में चार को-ऑपरेटिव सोसाइटी के कार्यालय आम लोगों से 500 और हजार के नोटों को जमा के रूप में लिया जा रहा था.
गुप्त सूचना के आधार पर आयकर विभाग ने शुक्रवार की देर शाम को चार को-ऑपरेटिव सोसाइटी के कार्यालयों पर छापे मारे. इस दौरान काफी संख्या में कैश समेत अन्य महत्वपूर्ण कागजात बरामद हुए. देर रात तक कंपनी के कार्यालयों और इनमें मौजूद फाइलों की छानबीन चलती रही. इस दौरान बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आयी है. फिलहाल इसका आकलन किया जा रहा है कि क्या-क्या गड़बड़ियां कंपनी ने कीं हैं और रोक लगने के बाद कुल कितने रुपये लोगों से जमा के रूप में उठाये हैं. जांच के दौरान यह भी पता चला कि कंपनी ने एकत्र किये रुपये कहीं अन्य निवेश कर दिये या कुछ बैंक एकाउंटों में जमा करा दिया है. ऐसा क्यों किया जा रहा था और कितने बैंक खातों में कितने रुपये जमा किये गये है, फिलहाल इसका विश्लेषण किया जा रहा है.
इन कंपनियों के पास उचित रजिस्ट्रेशन के कागजात और अन्य उचित दस्तावेज नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर आम लोगों से पैसे जमा किये जा रहे थे.
पैसे लेकर चंपत होने के फिराक में तो नहीं
अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि इनका मकसद कुछ ठीक नहीं था. फर्जी योजना के आधार पर ये संस्थान लोगों से पुराने नोट को जमा के रूप में लेकर फरार होने का इरादा रखे हुए थे. इसके बाद 30 दिसंबर के पहले विभिन्न बैंकों में खाता खुलवा कर या पहले से मौजूद खातों में जमा कर अवैध रूप से धन संग्रह करने की योजना की भी जांच हो रही है.
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