पटना : वज्रपात से मौत पर अब मुआवजे के लिए पोस्टमार्टम और प्राथमिकी दर्ज कराना अनिवार्य नहीं है. डीएम की संतुष्टि पर ही परिजनों को मुआवजा दिया जायेगा. आपदा प्रबंधन विभाग भी यह स्वीकार कर रहा है कि वज्रपात से हुई मौत ऐसी प्राकृतिक घटना है, जिसमें आमतौर पर लोग प्राथमिकी दर्ज नहीं कराते हैं और न ही पोस्टमार्टम कराते हैं.
अब मुआवजा के लिए डीएम की जांच को आधार बना कर मुआवजे की राशि का भुगतान किया जायेगा. विभाग के अधिकारी ने बताया कि बिहार सरकार ने 10 मई, 2010 को वज्रपात को आपदा में शामिल किया था.