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ट्रेनों में सफाई की यह है हकीकत

विजय सिंह पटना : राजेंद्र नगर डिपो के मैकनाइज क्लीनिंग एंड ओबीएचएस का ठेका नौ फरवरी को साल भर की अवधि पूरी कर चुका है. लेकिन, ठेका कंपनी रांची और हावड़ा जनशताब्दी ट्रेनों में अब तक ओबीएचएस की सेवा की शुरुआत तक नहीं कर सकी है. टिकट का पूरा पैसा देने के बावजूद यात्री चलती […]

विजय सिंह

पटना : राजेंद्र नगर डिपो के मैकनाइज क्लीनिंग एंड ओबीएचएस का ठेका नौ फरवरी को साल भर की अवधि पूरी कर चुका है. लेकिन, ठेका कंपनी रांची और हावड़ा जनशताब्दी ट्रेनों में अब तक ओबीएचएस की सेवा की शुरुआत तक नहीं कर सकी है.

टिकट का पूरा पैसा देने के बावजूद यात्री चलती ट्रेनों में साफ-सफाई की सुविधा से वंचित हैं, पर रेल अधिकारी ठेका कंपनी की इस नाकामी पर खामोश हैं. इससे रेलवे की साख को बट्टा लग रहा है.

प्रभात खबर की पड़ताल में खुलासे की एक और कड़ी जुड़ गयी है. यार्ड में कोच धुलाई व चलती ट्रेन में साफ-सफाई का ठेका नौ फरवरी, 2013 को हुआ था. इसकी जिम्मेदारी दिल्ली की विशाखा मैनेजमेंट कंपनी को मिली है. कंपनी को राजेंद्र नगर डिपो में लगने वाली राजधानी, कुर्ला, मथुरा, संपूर्ण क्रांति क्रांति, जियारत एक्सप्रेस, अर्चना, तिनसुकिया, बांका-पटना, सिकंदराबाद, पटना-पुणो, जनसाधारण तथा रांची व हावड़ा जनशताब्दी की यार्ड में धुलाई तथा ट्रेन के स्टेशन से खुलने के बाद ओबीएचएस की सेवा देनी थी.

यार्ड में कोचों की धुलाई की हकीकत सामने आने के बाद इस बात की भी पोल खुल गयी है कि दोनों जनशताब्दी ट्रेनें ओबीएचएस की सेवा से महरूम हैं. चौंकानेवाली बात यह है कि ठेके का साल भर पूरा हो गया है, इसके बाद भी रेल अधिकारियों ने इसका संज्ञान नहीं लिया है.

धुलाई कर्मचारी का ड्रेस कोड निर्धारित

चलती ट्रेन में धुलाई करने के लिए जो सफाई कर्मी लगाये जाते हैं, उनके ड्रेस कोड करारनामे में तय किये गये हैं. उन्हें डार्क ब्लू कोट, एलो ब्राइट कैप, हैंडगलप्स, मॉस के साथ ही नाम लिखा हुआ बैज लगाना रहता है. उनके हाथ में केमिकल रखने के लिए किट नहीं रहने पर 200 रुपये का जुर्माना तय है.

चार यात्रियों से भरवाना रहता है फीडबैक फॉर्म

ओबीएचएस की सेवा को बेहतर बनाने के लिए करारनामे में तय हुआ है कि धुलाई कर्मचारी यात्र कर रहे स्लीपर व एसी कोच के यात्रियों से फीडबैक फॉर्म भरवायेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. सूत्रों की मानें तो आरक्षण चार्ट से नाम व बर्थ नंबर डाल कर उसकी औपचारिकता पूरी कर ली जा रही है.

एसी कोच में सामान सप्लाइ की शर्ते

एसी के एक कोच में मौजूद चार बाथरूमों में अलग-अलग 200 एमएल का लिक्विड शॉप देना रहता है. इसके अलावा वेस्टर्न शौचालय में ब्रांडेड टिसू पेपर देना है. लेकिन यह सब भी कागज तक ही सीमित है. न तो टिसू पेपर दिये जाते हैं और न ही निर्धारित 200 एमएल का शॉप.

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